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    Madhya Pradesh

    नगर निगम घोटाला, 2 साल में 28 करोड़ का खेला, पूर्व कमिश्नर पर लग रहें आरोप

    सामग्री खरीदने के बाद आयुक्त से ली स्वीकृति, ईओडब्ल्यू एवं लोकायुक्त से जांच की मांग
    Pro VindhyaBy Pro VindhyaOctober 3, 2024No Comments4 Mins Read
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    सिंगरौली । नगर पालिक निगम सिंगरौली भ्रष्टाचार की एक लंबी  फेहरिस्त है । स्टोर प्रभारी की नई नित्य कार्यगुजारियां हर रोज परत दर परत खुलने लगी हैं। पिछले दो साल में नगर निगम में करीब 28 करोड़ रूपये की विभिन्न सामग्रियों का क्रय कर राशि की बंदरबांट का मामला सामने आने के बाद उक्त अधिकारियों के ईमानदारी पर बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा होने लगा है। पिछले वर्ष केवल तीन वार्डो में हैण्डपंप सामग्री क्रय करने के नाम पर करीब 75 लाख रूपये खर्च कर दिया। तीन वार्डो में कितने हैण्डपंप हैं। अब जांच में इसकी भी गिनती करनी पड़ेगी। लोग अब ईओडब्ल्यू एवं लोकायुक्त से जांच की मांग कर रहें हैं।

    दरअसल नगर पालिक निगम सिंगरौली में पिछले दो वर्षो के दौरान 2022 एवं 2023 में भ्रष्टाचार के सभी सीमाओं को ननि के स्टोर प्रभारी उपयंत्री पीके सिंह, उपयंत्री अनुज सिंह एवं तत्कालीन आयुक्त सतेन्द्र सिंह धाकरे व अन्य ने लांघ दिया। इस दौरान नगर निगम में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार कर करोड़ों रूपये की राशि की बंदरबांट करने में ननि के उक्त अधिकारियों ने कोई कोर कसर नही छोड़ा है।

    शहर के कई प्रबुद्ध नागरिकों का आरोप है कि स्टोर प्रभारी सहित ननि के उक्त अधिकारी-कर्मचारी अपने आप को सबसे बेहद ईमानदार एवं ननि व कार्य के प्रति कर्तव्यनिष्ठ बताकर खूब वाहवाही लेने का प्रयास करते हैं। किन्तु पिछले दो साल में नगर निगम में करीब 28 करोड़ रूपये की विभिन्न सामग्रियों का क्रय कर राशि की बंदरबांट का मामला सामने आने के बाद उक्त अधिकारियों के ईमानदारी पर बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा होने लगा है। 

    सामग्री खरीदने के बाद आयुक्त से ली स्वीकृति 

    बताया जा रहा है कि हैण्डपंप खरीदी के लिए 15 दिसम्बर 2023 को कार्यादेश दे दिया गया। जबकि निविदा समिति/ आयुक्त से न्यूनतम दर की स्वीकृत 23 दिसम्बर को प्राप्त हुई। किन्तु ननि के उक्त अमले ने हैण्डपंप सामग्री क्रय करने के लिए आयुक्त के बिना स्वीकृति के एक सप्ताह पहले ही करीब 40 लाख रूपये का कार्यादेश अपने चहेते ठेकेदार को थमा दिया। हैरानी तब हुई जब ननि के वार्ड क्रमांक 43 से 45 के बीच केवल तीन वार्डो में जल प्रदाय सामग्री एवं हैण्डपंप मरम्मत की नस्ती उपयंत्री दीपक कंवर के पास काम है। उनके आवेदन में सामग्री का नाम तो है। परन्तु हैण्डपंपों की संख्या कितनी है। इसका कही रिकॉर्ड में जिक्र नही है। जिसको लेकर जांच टीम भी हैरान है। बहरहाल प्रबुद्धजन इस भ्रष्टाचार को ईओडब्ल्यू एवं लोकायुक्त से जांच कराने की मांग करने लगे हैं।

    डस्टबिन और कीटनाशक खरीदी में गड़बड़ी

    पिछले वर्ष करीब सवा लाख रूपये से अधिक कीमत के डस्टवीन एवं कीटनाशक खरीदी पर जांच टीम को कई अहम जानकारी हाथ लगे हैं। हालांकि ननि के जांच टीम का कोई अधिकारी इसे बताने के लिए तैयार नही है। आरोप है कि संविदाकार को उक्त सामग्री खरीदी करने के लिए 23 सितम्बर 2023 को कार्यादेश संविदाकार को दे दिया गया। जबकि आयुक्त के द्वारा न्यूनतम दर की स्वीकृति 6 अक्टूबर 2023 को प्राप्त हुई। न्यूनतम दर स्वीकृति के पूर्व ही स्टोर प्रभारी ने कार्यादेश दे दिया था। 

    एक आवेदन की फोटो कॉपी करा 35 लाख की खरीदी 

    सूत्रों की मानें तो नगर निगम ने भ्रष्टाचार का नया तरीका ईजाद कर दिया। इस बार उपयंत्री दीपक कँवर के पुराने आवेदन की फोटोकॉपी लगाकर दूसरी बार करीब 35 लाख रूपये का हैण्डपंप सामग्री खरीदी गई। आरोप है कि एक आवेदन को दो बार लगा दिया गया। दोनों नस्तियों में करीब 75 लाख रूपये की सामग्री क्रय की गई। किन्तु दीपक कँवर उपयंत्री के अलावा अन्य किसी सहायक यंत्री यां उपयंत्री का मांग पत्र शामिल नही है। चर्चाओ के मुताबिक यह सब कुछ सुनियोजित तरीके से स्टोर प्रभारी से लेकर पूर्व आयुक्त ने पैसों का बंदरबांट कर लिया।

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