सिंगरौली। पिछले 3 और 4 सितंबर को हुई परिषद बैठक में कमिश्नर डीके शर्मा ने शिवाजी कांप्लेक्स पाइप लाइन घोटाले में शामिल कार्यपालन यंत्री व्हीबी उपाध्याय सहित उपयंत्री और एसडीओ से निर्माण कार्य और विभागीय प्रभार छीन लेने के बाद कई विभाग खाली हो गए जिससे कमिश्नर को जनहित के कार्य भी करने में समस्या होने लगी। वहीं चर्चा है कि अब कई दागी अधिकारी खुद पर लगे आरोपों की जांच को बंद कराने के लिए मेयर और कमिश्नर को हर कीमत पर मैनेज करने के खेल में जुट गए हैं। घोटाले बाज अधिकारी खुद को बेदाग साबित करने के लिए कोई भी कीमत देने के लिए तैयार हैं। लेकिन देखना होगा कि जिम्मेदारों के ईमान और जमीर कब तक नहीं डगमगाते।
बता दें कि नगर पालिका निगम सिंगरौली इन दिनों नरक निगम बनने की तरफ बढ़ता नजर आ रहा है। अधिकारियों के प्रभार छिनने के बाद नगर निगम की व्यवस्थाएं बेपटरी हो गई है। घर-घर कचरा संग्रहण की गाड़ियां लोगों के घरों में प्रतिदिन नहीं पहुंच रही है। बार्ड क्रमांक 30 पचखोरा में कचरा संग्रहण की गाड़ियां दूसरे और तीसरे दिन पहुंच रही है। उपयंत्री व सहायक यंत्री प्रभारी अमिताभ यादव ने बताया कि कई साहब लोगों का प्रभार चले जाने के बाद जनहित कार्य प्रभावित हो रहे है तो वही वाहन अधिकारी पीके सिंह का प्रभार जाने के बाद दो दिनों से बालाजी पेट्रोल पंप संचालक ने नगर निगम को डीजल देना बंद कर दिया। मैं सहायक यंत्री वाहन के रूप में कार्यरत हूं तो मुझसे कहा गया कि निगम की गाड़ियों को कहीं दूसरे पेट्रोल पंप से डीजल दिलवाया जाए ताकि जनहित के कार्य प्रभावित ना हो। अब नगर निगम की गाड़ियों में बघेल एंड कंपनी से डीजल डलवाया जा रहा है ताकि नगर निगम की व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चल सके। वहीं अब चर्चा है कि कई दागी अधिकारी मलाईदार विभागों के प्रभार पाने के लिए महापौर और कमिश्नर के कार्यालय और आवास में ना केबल जी हुजूरी कर रहे बल्कि वह हर कीमत देने को भी तैयार है।
तीन दशक से जमें उपाध्याय सब पर भारी
यहां तीन दशक से अधिक समय से कार्यरत कार्यपालन यंत्री व्हीबी उपाध्याय सब पर भारी पड़ते नजर रहे हैं। भले ही इन पर घोटाले के आरोप साबित हो गए लेकिन अभी तक इनका कोई बाल भी बांका नहीं कर पाया। अब बा मुश्किल 6 महीने नौकरी के बच्चे हैं लेकिन कमिश्नर डीके शर्मा के साथ मिलकर वह नगर निगम के शतरंज की विसात पर अपने मोहरे खड़े करने के लिए चाल चल दिए हैं। कमिश्नर साहब भी एक मोहरे हैं। उनकी चाल पर शह और मात किसी की भी हो लेकिन जीत उन्हीं की होगी।
4 करोड़ 66 लाख काम में हेर फेर के हैं आरोपित
कार्यपालन यंत्री व्हीबी उपाध्याय 4 करोड़ 66 लाख रुपए के निर्माण कार्यों में हेर फेर के आरोपित हैं। शतरंज के खिलाड़ी श्री उपाध्याय एक मामले में हाईकोर्ट से स्टे लेकर रिटायरमेंट की प्लानिंग कर रहे हैं जबकि हाल ही में दो मामलों में उन पर 66 लाख रुपए में हेर फेर के आरोप में वित्तीय प्रभार छीना गया है। हालांकि इन दोनों कामों में कमिश्नर डीके शर्मा की भी संलिप्त होने के आरोप लग रहे हैं। अब इन पर कितनी सच्चाई है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।