सिंगरौली 28 दिसम्बर। मौसम विभाग ने गुरुवार को अगले दो दिनों तक प्रदेश में अनेक स्थानों पर बादल, बारिश की संभावना(MP Weather Update) जताई थी। साथ ही शुक्रवार को कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि की भी संभावना जताई है। बावजूद इसकी जिम्मेदारों ने मौसम विभाग की चेतावनी को नजरअंदाज किया नतीजा लाखों क्विंटल धान भीग गया। अधिकारी अपनी लापरवाही का ठीकरा बे मौसम बारिश और संसाधनों की कमी को बात कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं।
जिले में शनिवार दोपहर 12:00 से लेकर अब तक लगातार बारिश का दौर जारी है। ग्रामीण अंचलों में सुबह से ही बारिश हो रही है। बारिश की वजह से 42 में से 16 धान खरीदी केंद्रों में रखी धान का एक बड़ा हिस्सा भीग गया है जिले के चितरंगी, देवसर, सरई, माडा सहित बैढ़न में बारिश का दौरा जारी है। बारिश के चलते एक तरफ जहां तापमान में गिरावट हुई है। वहीं इसका सीधा असर जन जीवन पर भी पड़ा है।
सरई तहसील अंतगर्त झारा स्थित खरीदी केंद्र में किसानों से खरीदा गया धान प्रशासनिक लापरवाही का शिकार हो रहा है। खुले आसमान के नीचे रखे गए धान को बारिश से बचाने के लिए कोई ठोस उपाय नही किए गए।
नतीजतन बेमौसम बारिश में धान के बोरे भीग चुके हैं जिससे फसल की गुणवत्ता पर असर पड़ने का खतरा मड़रा रहा है। किसानों का कहना है कि प्रशासन ने धान की सुरक्षा के लिए न तो तिरपाल की व्यवस्था की और न ही किसी प्रकार का शेड बनाया। किसानों ने अपनी शिकायत में कहा कि उनकी मेहनत की फसल को इस तरह खराब होते देखना बेहद पीड़ादायक है। एक किसान ने कहा हमने अपनी फसल को बेचने के लिए केंद्र पर भरोसा किया। लेकिन यहां हालात बदतर हैं। प्रशासनिक उदासीनता ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है।
खरीदी केंद्र पर तैनात कर्मचारियों का कहना है कि संसाधनों की कमी के कारण तिरपाल नहीं लगाया जा सका। किसानों ने प्रशासन से तत्काल धान की सुरक्षा के लिए उचित प्रबंध करने की मांग की है। यदि समय पर कदम नहीं उठाए गए तो यह स्थिति और गंभीर हो सकती है।
इनका कहना है
हमारे द्वारा शुक्रवार को खरीदी केंद्र झारा का निरीक्षण किया गया था एवं हिदायत दी गई थी कि बारिश के बचाव के लिए तिरपाल अन्य तैयार रखे। आपके द्वारा जानकारी मिली है मैं जल्द ही खरीदी केंद्र झारा का निरीक्षण करूंगा।
चंद्रशेखर मिश्रा, तहसीलदार, सरई