Singrauli news सिंगरौली 20 सितम्बर । जिले के डिस्ट्रिक्स मिनिरल फन्ड की भारी भरकम रकम एक बार फिर प्रदेश की राजधानी भोपाल भेजने की कवायद चल रही हैं। यह नौ सौ करोड़ रूपये प्रदेश भर जिलें के एमपीइबी को सरकार मुहैया कराने का विचार कर रही हैं। करीब 20-20 करोड़ रूपये प्रत्येक एमपीईबी डिवीजन को देने की मंशा है।
गौरतलब हो कि जिले के डीएमएफ फंड पर प्रदेश सरकार की नजर हमेशा गड़ी रहती है। पहले यहॉ डीएमएफ की रकम जिले के विकास कार्यो में खर्च कर दी जा रही थी। किन्तु कमलनाथ के बाद शिवराज सरकार ने 75 प्रतिशत राशि भोपाल मंगा ले रहे हैं। अब सिर्फ 25 प्रतिशत डीएमएफ के राशि से ही जिले के विकास कार्य किसी प्रकार चल रहा है। लेकिन अब उसमें भी राज्य सरकार से परमिशन लेनी पड़ती है। इधर सूत्र बता रहे हैं कि पिछले वित्तीय वर्ष में पॉच सौ करोड़ रूपये में से सिंगरौली जिले को मात्र 26 सौ करोड़ की रूपये के कार्यो की मंजूरी मिली थी। और यह 26 करोड़ रूपये चितरंगी विधायक अमर सिंह के प्रयास से सड़कों के विकास कार्य को मिली है। निर्माण कार्यो की सूची हाल ही में सार्वजनिक की गयी। Singrauli news
सूत्र आगे बता रहे हैं कि तीन सौ करोड़ रूपये अभी डीएमएफ के पास है। किन्तु प्रदेश सरकार की नजर उक्त तीन सौ करोड़ रूपये के अलावा छ: सौ करोड़ सहित कुल 9 सौ करोड़ रूपये पर है। जहॉ राज्य शासन के द्वारा जिला प्रशासन को 9 सौ करोड़ रूपये की भोपाल भेजने के लिये फरमान सुना दिया गया है। चर्चाओं के मुताबिक उक्त रकम को प्रदेश के सभी मध्यप्रदेश विद्युत मण्डल के डिवीजन दफ्तरों में बीस-बीस करोड़ रूपये देने की तैयारी है। फिलहाल यह बीस-बीस करोड़ रूपये तीन सौ करोड़ रूपये में एडवास के रूप में पहली किस्त प्रदेश के सभी जिलों को मुहैया करायी जा सकती है। शेष 6 सौ करोड़ रूपये राशि डीएमएफ की राशि मिलने के बाद मुहैया करायी जायेगी। हालांकि इसकी पुष्टि अभी कलेक्ट्रेट कार्यालय से नहीं हुई है। किन्तु इस बात चर्चा इन दिनों जोर-शोर से है। इधर अब इसी मुद्दे को लेकर विपक्षी दल आम आदमी पार्टी एवं कांग्रेस नेताओं का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया है। विपक्षी दलों ने कहा कि भाजपा के नेता डीएमएफ के मामले में चुप्पी साध लेते हैं। जबकि भाजपा के सभी जनप्रतिनिधियों को खुलकर विरोध करना चाहियें । परन्तु भाजपाई ऐसा नहीं कर रहे हैं। Singrauli news
जनप्रतिनिधियों के हजारों प्रस्ताव ठण्डे बस्ते में सांसद एवं विधायकों के हजार से ऊपर विभिन्न कार्यो के प्रस्ताव डीएमएफ में लम्बित हैं और निर्माण कार्यो का प्रस्ताव डीएमएफ सिंगरौली से भोपाल भी भेजा गया है। किन्तु ऐसे कई महत्वपूर्ण कार्य है। जिनका अभी तक मंजूरी भोपाल से नहीं मिल पाई है। क्षेत्र के भ्रमण के दौरान जनप्रतिनिधियों के द्वारा पुल-पुलिया, सड़क, हैण्डपम्प सहित सामुदायिक भवन व अन्य कार्यो की घोषणायें जनता की मांग के अनुसार कर तो देते हैं और उन्हें उम्मीद रहती है कि डीएमएफ फण्ड से कार्य हो जायेगा। इसी की उम्मीद जनता की रहती है और जनप्रतिनिधियो की प्रत्याशा भी रहती है। किन्तु प्रदेश सरकार ने सिंगरौली के डीएमएफ पर ऐसा शिकंजा कसा हैं कि भाजपा के जनप्रतिनिधि भी खुलकर सरकार से संबंध खराब नहीं करना चाहते हैं। इसी कारण हजारों की संख्या में निर्माण कार्याे के प्रस्ताव ठण्डे बस्ते में है। Singrauli news
प्रभारी मंत्री के जिले में खर्च हुई डीएमएफ की राशि जिले के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी एवं आम आदमी पार्टी के नेताओं का आरोप हैं कि डीएमएफ की राशि का सही फायदा सिंगरौली जिले के प्रभारी मंत्री ने उठाया है। सिंगरौली डीएमएफ की रकम पन्ना जिले में खर्च की गयी है। जबकि कोयले के चलते प्रदूषण का सामना सिंगरौली वासी झेल रहे हैं। राज्य सरकार ने भारत सरकार के द्वारा बनाये गये डीएमएफ के कायदे कानून को ताक पर रख दिया है। सिंगरौली की जनता पर्यावरण की प्रदूषण से जूझ रही है। शायद देश-प्रदेश का सिंगरौली इकलौता जिला है जहॉ प्रदूषण के मामले में हर कोई त्रस्त है। फिर डीएमएफ की राशि यहॉ खर्च क्यों नहीं की जा रही है। विपक्षी दल अब इसे चुनावी मुद्दा बनाकर प्रदेश सरकार को घेरने की कवायद शुरू कर दिये हैं। Singrauli news