Singrauli News सिंगरौली। अपने गांव घर का नाम यूं तो लोग काफी गर्व से लेते हैं लेकिन सिंगरौली जिले के चितरंगी ब्लाक में एक ऐसा गांव है जहां रहने वाले लोग उसका नाम न तो लेना चाहते हैं और न ही सुनना चाहते हैं यह बात भी अपने आप में अजीब है वजह जानकर आप भी एक पल के लिए हैरान हो जाएंगे। यहां के ग्रामीणों के लिए उनके गांव का नाम ही उनकी परेशानी का कारण बना हुआ है उन्हें इसका नाम लेने छोड़िए देखने में भी शर्म आती है। वजह जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे।
गौरतलब है कि कई बार माता-पिता अपने बच्चों का नाम ऐसा रख देते हैं कि बड़े होकर उन्हें बताने में भी शर्म महसूस होती है या फिर बच्चों को ही मां बाप का दिया हुआ नाम पसंद नहीं आता हालांकि इंसानों के पास तो फिर भी इसे बदलने का ऑप्शन रहता है लेकिन अगर किसी गांव का नाम ही ऐसा हो जिसे लेना मुश्किल हो जाए तो दिक्कत बढ़ना लाजिमी है अब आप भी सोचेंगे कि भला ऐसा भी क्या नाम होगा इस गांव का जो सोशल मीडिया पर लिखने तक में लोग शर्म महसूस करते हैं। लेकिन गांव वालों की मजबूरी है कि उन्हें अपने दस्तावेजों सहित स्कूल का नाम बताते समय गांव का नाम लेना मजबूरी है। दरअसल सिंगरौली जिले के चितरंगी ब्लाक अंतर्गत मुड़पेली गांव है। मुड़पेली गांव से गुजरने वाले शरारती लोग तो गांव का साइन बोर्ड देखकर मजाक उड़ाने लगते हैं। तो वहीं शासकीय प्राथमिक विद्यालय और माध्यमिक शासकीय विद्यालय मुड़पेली के बच्चे अपने स्कूल का नाम बताने से भी कतराते हैं। बताया जाता है कि इस गांव का नामकरण कई दशक पहले मजाक मजाक में पटवारी और कानूनगो ने रखा था लेकिन शासकीय महकमें में बैठे जिम्मेदारों कि यह बचकानी हरकत आज गांव के लिए मुसीबत बन गई है। ग्रामीण नाम लेने में भी परहेज करते हैं और मजबूरन जब उन्हें गांव मुड़पेली का नाम लेना पड़ता है तो वह शर्मसार होते हैं। Singrauli News
पटवारी और कानूनगो ने किया नामकरण
स्थानीय लोगों की माने तो कई दशक पहले पटवारी और कानूनगो जब बरहट गांव से आगे जा रहे थे। उस दौरान रास्ते के दोनों तरफ इतनी झाड़ियां थी कि उन्हें चलना काफी मुश्किल हो रहा था। उस समय शासकीय महकमें में बैठे जिम्मेदार अधिकारीयों को झाड़ियों से बचने के लिए सर नीचे करके काफी दूर चलना पड़ा। वहां जो बस्ती थी उसकी कोई पहचान और नाम नहीं था और जनसंख्या बढ़ने के साथ-साथ बरहट इलाके से इसे अलग भी करना था लिहाजा अधिकारियों ने मजाक मजाक में इस गांव का नाम मुड़पेली रख दिया। इस गांव का नाम राजस्व रिकॉर्ड में आ गया और गांव का नाम मुड़पेली पड़ गया। Singrauli News
अभिभावक और मां-बाप सहित दादा से बच्चे नाराज
आज की जो नई जनरेशन है उन्हें मुड़पेली नाम बताने में भले ही शर्मिंदगी महसूस होती हो लेकिन गांव के बड़े और बुजुर्ग जिम्मेदार आज तक नाम बदलने के लिए कोई भी प्रयास नहीं किया ना कहीं पत्राचार किया और ना ही किसी जनप्रतिनिधि से मिले इसके लिए बच्चे भी अपने अभिभावक माता-पिता सहित बड़े बुजुर्गों को ही जिम्मेदार मानते हैं बच्चों का कहना है कि अगर घर के बड़ी बुजुर्गों ने गांव के नाम बदलने की पहल की होती तो शायद आज गांव का नाम बदल गया होता और हमें शर्मिंदगी का सामना न करना पड़ता। मुड़पेली गांव निवासी राकेश तिवारी ने गांव का नाम बदलने के लिए अपने स्तर से प्रयास शुरू किया है। उन्हें भरोसा है कि उनके गांव का नाम बदला जाएगा। उन्होंने बताया कि गांव का नाम भगवान के नाम से मिलता जुलता रहेगा तो सभी लोग गौरवान्वित होंगे इसलिए मुड़पेली नाम बदलकर माधवपुर नाम सही होगा। Singrauli News