सिंगरौली।कोतवाली बैढ़न थाना में अवैध कारोबार का मकड़जाल फैला हुआ है। चर्चाओं है कि जब से नए कोतवाल थाने की कमान संभाले और अपने कारखासों को जिम्मेदारी दी लेकिन अनुभवी पुलिस कर्मियों को लूप लाइन में डाल दिया । उसी समय से अवैध वसूली को लेकर आपस में खींचतान शुरू हो गई थी। अब पुलिस अधिकारियों और अधीनस्थ कर्मचारियों के बीच मनभेद अब मतभेद पर बदल गई है। जहां खुलकर तो नहीं लेकिन दबी जुआं एक दूसरे का कपड़ा उतारने लगे हैं या यूं कहे की सब एक दूसरे की पोल खोलने में लग गए हैं। पुलिस सूत्रों की माने तो कोतवाली पुलिस ने अवैध कामों का मकड़जाल बना लिया है। और अवैध कारोबारी से लाखों रुपए महीने वसूल कर रही है। साथ ही सारे अवैध कामों का रेट फिक्स किया हैं।
चर्चा है कि नये थाना प्रभारी ने कोतवाली की कमान संभालने के बाद वह सम्राट अशोक की तरह अपनी एक खुद की सल्तनत तैयार कर दी और कोतवाली की बिसात पर जो मोहरे उन्होंने बैठाएं कुछ दिनों तक तो सब कुछ ठीक-ठाक रहा लेकिन अब उनके मोहरे एक दूसरे को काटने पर उतारू हो गए हैं। वजह अवैध वसूली बताया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि अवैध वसूली की जिम्मेदारी जिन्हें मिली वह तो खुश है लेकिन जिन्हें लूप लाइन में रखा हुआ है वह प्रभारी के रवैया से दुखी हो गए हैं। हो भी क्यों न आर्थिक नुकसान जो हो रहा है। बता दें कि कोतवाली क्षेत्र में तेजी से अवैध कारोबार का मकड़जाल फैलता जा रहा है। लगातार बढ़ रही चोरी की घटनाएं, खनिज संपदा का दोहन, स्पा सेंटर कारोबार, ओवरलोड वाहनों से वसूली, रेत की वसूली, कबाड़ दुकानें सहित नशा का अवैध कारोबार तेजी से फल फूल रहा है। सूत्र बताते हैं कि सिपाही से लेकर थाना प्रभारी अवैध गतिविधियों में लिप्त नजर आ रहे। वहीं अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए कोई भी जिम्मेदार संजीदा नजर नहीं आ रहे।
कबाड़ से होती है लाखों की वसूली
बता दें कि कोतवाली में कबाड़ का कारोबार दशकों से फलता फूलता रहा है। यहां लाखों का माल खप रहा है। यहां तक कि चोरी का सामान भी कबाड़ी लाकर औने-पौने दाम में बेचते हैं जिन्हें कि रातोंरात काटने का काम कबाड़ व्यवसायियों द्वारा किया जा रहा है। हर महीने करोड़ों का कारोबार कबाड़ के अवैध ठिकानों से हो रहा है। सूत्रों की माने तो कोतवाली पुलिस क्षेत्र में संचालित कबाड़ कारोबारियों से हर महीने लाखों रूपये का सुविधा शुल्क वसूलकर पूरी मनमानी की छूट दे रखी है।
शहर और गांव में बिक रहा नशा
नशा के सौदागर युवाओं को बर्बाद करने लगा है। नशे की लत पूरी करने के लिए युवा आपराधिक वारदातों को अंजाम देने लगे हैं। इसी कारण शहर में चोरी की घटनाएं बढ़ी हैं। शहर और गांव में सिपाही की मदद से गांजा स्मैक कारोबार तेजी से बड़ा है। सबकुछ जानने के बावजूद पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी एवं कुछ माननीय बर्बाद हो रह नई पीढ़ी को बचाने के बजाय चुप्पी साधे हुए हैं। सूत्र बताते हैं कि गांजा, स्मैक से पुलिस पांच लाख रुपए से अधिक की वसूली कर रही है।
ओवरलोड ट्रकों से सुविधा शुल्क
कोतवाली क्षेत्र से निकलने वाले सैकड़ो ओवरलोड गाड़ियों से पुलिस अवैध वसूली कर रही है। शहरी इलाके सैकड़ो कोयला,रेत और राखड़ के ट्रक की आवाजाही हैं। सूत्रों की माने तो पुलिस ओवरलोड ट्रकों पर कार्यवाही के बजाय प्रतिदिन 500 से लेकर 1000 रूपए सुविधा शुल्क ले रही है। ओवरलोड रेत और कोयला ट्रैकों का रेट 1000 से 2000 तक वसूली की बात कही जा रही है।
स्पा सेंटर संचालको ऐसे फसाते है मकड़जाल में
सूत्रों की माने तो कोतवाली क्षेत्र में आधा दर्जन के करीब स्पा सेंटर संचालित है। सूत्रों की मानें तो इन स्पा सेंटरो से पुलिस प्रतिमाह 40 से 50 हजार रुपए सुविचार शुल्क ले रही है। सूत्रों का दावा है कि स्पा सेंटर में पुलिस का मुखबिर ग्राहक बनकर पहले सुविधा लेने का मकड़जाल बुनती है जिसमें स्पा सेंटर संचालक फस जाता है और फिर पीछे से पुलिस पहुंच कर मामला दर्ज करने और बचाने की डील शुरू होता है।