Faction started in AAP party – सिंगरौली 22 जून – भाजपा, कांग्रेस जहां अंतर्कलह से जूझ रही है. वहीं आम आदमी पार्टी भी इस अंतद्र्वंद से अछूता नहीं है मेयर टिकट को लेकर आप पार्टी में ही घमासान मचा हुआ है. groupism
रानी अग्रवाल को प्रत्याशी बनाये जाने के बाद आम आदमी पार्टी मेयर प्रत्याशी के कई दावेदार नाखुश हैं और इतना ही नहीं कुछ दावेदार पार्टी कार्यालय में जाने से दूरी बनाये हुए हैं. जिसके कारण आप मेयर प्रत्याशी काफी चिंतित हैं. groupism
गौरतलब हो की अभी तक भाजपा, कांग्रेस में ही मेयर व वार्ड पार्षदों के टिकट वितरण को लेकर अंतर्कलह चल रहा था. वहीं नाराज भाजपाई, कांग्रेसी अप्रत्यक्ष रूप से बागी होकर दूरी बना रखे हैं. जिन्हें मनाने के लिए भाजपा, कांग्रेस के नेता लगातार मान मुनौबल करने की कवायद में जुटे हैं. सूत्र बताते हैं की भाजपा व कांग्रेस के कई कार्यकर्ता धीरे-धीरे प्रचार प्रसार की ओर लौट रहे हैं. groupism
बता दें कि अब आम आदमी पार्टी भी अंतद्र्वंद से जूझ रही है. सूत्र बताते हैं की आम आदमी पार्टी से रानी अग्रवाल को मेयर का टिकट दिये जाने के बाद आप पार्टी के कई दावेदारों को बड़ा झटका लगा है. वहीं से पार्टी में गुटबाजी भी देखने को मिलने लगी है. एक ओर जहां आप पार्टी के मेयर प्रत्याशी रानी अग्रवाल के देवर ने अपने भाभी के खिलाफ कई संगीन आरोप लगाकर मोर्चा खोल रखा है. वहीं कुछ पार्टी के तथाकथित दावेदार भी कार्यालय से दूरी बना रखे हैं. groupism
शीर्ष नेतृत्व पर लगाए आरोप
सूत्र यहां तक बताते हैं की रानी अग्रवाल को मेयर का टिकट दिये जाने से काफी नाखुश हैं. आप के एक कार्यकर्ता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा की जिस वक्त रानी अग्रवाल को वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में सिंगरौली से विधानसभा प्रत्याशी पार्टी के द्वारा घोषित किया गया था. उस दौरान भी पार्टी में विरोध के कुछ स्वर सुनाई दे रहे थे। लेकिन पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने आश्वस्त किया था की नगर पालिक निगम सिंगरौली आरक्षण के दौरान मेयर का पद अनारक्षित श्रेणी में आता है तो किसी भी हालत में रानी अग्रवाल को टिकट नहीं मिलेगा. groupism
विधानसभा चुनाव का परिणाम चाहे जो भी हो. इसी आश्वासन पर पार्टी के कार्यकर्ता एकजुट होकर पूरे मन के साथ प्रत्याशी को जिताने के लिए लग गये. भले ही परिणाम आप पार्टी के पक्ष में नहीं आया लेकिन कार्यकर्ताओं के ही बलबूते विधानसभा चुनाव में रानी अग्रवाल को करीब 30 हजार मत मिले थे. जबकि रानी अग्रवाल को आम आदमी पार्टी में पहली बार चुनाव मैदान में उतारा गया था. नगरीय निकाय चुनाव में आरक्षण के दौरान नपानि सिंगरौली अनारक्षित श्रेणी में शामिल हुआ. फिर भी आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने रानी अग्रवाल को प्रत्याशी बना दिया. groupism
रानी को सभी पद चाहिए
कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब रानी अग्रवाल को सभी पद चाहिए तो अन्य पार्टी के कार्यकर्ता क्या करेंगे. इन्हीं सब बातों को लेकर कार्यकर्ता नाराज चल रहे हैं. हालांकि कार्यकर्ताओं को मनाने की कवायदें जारी हैं. कार्यकर्ता कब तक में मानेंगे यह भी कह पाना मुश्किल है. फिलहाल राजनैतिक दलों में टिकट वितरण को पार्टी में जारी अंतर्कलह को लेकर गली-चौराहों में इन दिनों तरह-तरह की राजनैतिक चर्चाएं की जा रही हैं. सिंगरौली के निकाय चुनाव में किस राजनैतिक दल का पलड़ा भारी होगा. 6 जुलाई को उनकी किस्मत ईव्हीएम मशीन मेें कैद हो जायेगी. groupism