The toilet was not built in the In law’s house – एक सरपंच प्रत्याशी का नामांकन रद्द होने का अजीब मामला लेकिन जागरूकता लाने के लिहाज से बिल्कुक सही मामला सामने आया है. विजयपुर ग्राम पंचायत सरपंच पद का आवेदन दाखिल करने वाली महिला प्रत्याशी का आवेदन घर में शौचालय नहीं होने के कारण निरस्त कर दिया गया है. फार्म रद्द होने से प्रत्याशी भी परेशान हैं. In law’s house
सीधी – पूरा मामला मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिला सीधी का है जिले के जनपद पंचायत सीधी अंतर्गत विजयपुर ग्राम पंचायत सरपंच पद का आवेदन दाखिल करने वाली महिला प्रत्याशी गुलाब सिंह का आवेदन घर में शौचालय नहीं होने के कारण फॉर्म रिजेक्ट कर दिया गया है. अभ्यर्थी महिला पूर्व में भी सरपंच रह चुकी हैं किंतु इसके बाद भी खुद के घर में शौचालय नहीं बनवा सकी. शिकायत पर रिटर्निंग अधिकारी ने आवेदन निरस्त कर दिया है. In law’s house
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बता दें कि लोगों को बीमारी सहित अन्य मुसीवतो से बचाने के लिये सरकार ने जहां घर-घर शौचालय बनाने अभियान चला रखा था और उस दौरान जिलेभर में डेढ़ लाख शौचालय बनाए गए किंतु महिला गुलाब सिंह के घर में इसके बाद भी शौचालय नहीं बन सका. पूर्व में वह ग्राम पंचायत खैरा ही में सरपंच रह चुकी हैं. इस बार अब विजयपुर ग्राम पंचायत आदिवासी महिला के लिए आरक्षित हुई तो वह यहां चुनाव लड़ने आवेदन दाखिल कर दिया. In law’s house
विजयपुर में आवास होने के कारण वह चुनाव मैदान में उतरी थी. बताया जाता है कि ग्राम पंचायत विजयपुर में एक भी आदिवासी मतदाता नहीं है जिस कारण सरपंच पद के लिए एक से ज्यादा आवेदन नहीं आ सके थे. ऐसे में वह निर्विरोध होकर समरस पंचायत घोषित होने का गौरव प्राप्त करती. In law’s house
इधर गुलाब सिंह आवेदन दाखिल करने के बाद उपखंड निर्वाचन अधिकारी सौरव मिश्रा के यहां शिकायत किया गया. जहां जांच कराई गई तो पाया गया कि महिला अभ्यर्थी गुलाब सिंह के घर में शौचालय नहीं बना हुआ है. इसी आधार पर निर्वाचन अधिकारी ने नामांकन फॉर्म रिजेक्ट कर दिया.
बता दें कि अगर महिला अभ्यर्थी के संबंध में शिकायत नहीं होती तो जांच भी नहीं कराई जाती ऐसे में वह जिले की अकेली महिला सरपंच होती जो निर्विरोध चुनी जाती. तब ग्राम पंचायत विजयपुर समरस पंचायत घोषित होने का गौरव प्राप्त करती और मिसाल बन जाती. फ़िलहाल देखने वाली बात यह होगी की क्या सरपंच पद में उम्मीदवार का फार्र्म मान्य होगा की नहीं. In law’s house
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डेढ़ लाख से ज्यादा बने शौचालय
जिले में चलाए गए स्वच्छ भारत अभियान अंतर्गत डेढ़ लाख से ऊपर शौचालय का निर्माण कराया गया है. जिले की सभी ग्राम पंचायतों को ओडीएफ घोषित भी की जा चुकी है. ओडीएफ घोषित होने के बाद सवाल ही नहीं उठता कि किसी भी घर में शौचालय नहीं बना हो. अकेली गुलाब सिंह ऐसी महिला जनप्रतिनिधि रही है जिन्होंने 5 वर्षों तक खैर ही ग्राम पंचायत का प्रतिनिधित्व करने के बाद खुद के लिए शौचालय नहीं बनाया. In law’s house
मध्य प्रदेश में सरपंच पद के लिये ये दस्तावेज जरूरी
इस बार सभी प्रत्याशियों को नामांकन पत्र के साथ संलग्र किए जाने वाले शपथ पत्र में संपत्ति, आपराधिक ब्यौरा का विवरण देने के साथ ही घर में शौचालय होने का उल्लेख भी करना होगा. नामांकन भरने वाले प्रत्याशियों को बिजली बिल या फिर शासकीय धन के बकाया न होने का नोड्यूज भी संलग्न करना होगा. In law’s house
आरक्षित वर्ग के सदस्य को नामांकन पत्र के साथ जाति प्रमाण-पत्र भी देना होगा. अगर नामांकन के साथ प्रमाणपत्र न लगा सकें तो संवीक्षा की तारीख से पहले जमा कराना अनिवार्य होगा.
प्रत्येक प्रत्याशी को आपराधिक रिकॉर्ड, दायित्व और शैक्षणिक योग्यता से संबंधित शपथ-पत्र या घोषणा-पत्र देना होगा.
प्रत्याशियों को शपथ-पत्र में स्वयं, पति-पत्नी और आश्रितों की आयकर विवरणी में दर्शित कुल आय, चल-अचल संपत्ति, सार्वजनिक एवं वित्तीय संस्थाओं और सरकार के प्रति देनदारियों का ब्यौरा देना होगा.
प्रत्याशी को पंचायत या अन्य किसी भी जगह शासकीय भूमि पर अतिक्रमण और घर में शौचालय होने का उल्लेख भी शपथ-पत्र में करना होगा.