Sidhi सीधी । रेत के खेल में इस समय सभी रंगे हुए हैं, यही कारण है कि जिले में अवैध उत्खनन लाख प्रयास के बाद भी नहीं रुक पा रहा है। वहीं दूसरी ओर सिंगरौली दौरे पर आए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने खुले मंच में घोषणा की थी कि प्रधानमंत्री आवास योजना के बन रहे घरों को फ्री में रेत उपलब्ध कराएंगे लेकिन फ्री रेत तो दूर लोगों को महंगी रेत के चलते अब घर बनाने में भी फजीहत हो रही है. जिसका आने वाले विधानसभा चुनाव में सीधा असर देखने को मिल सकता है.Sidhi
बता दें कि जिले में सैनिक इंड्रस्ट्रीज प्रा.लि.कं के पास रेत का ठेका मिला है लेकिन हालात यह है कि बारिश का मौसम शुरू होते ही यहां पर रेत डंप का खेल अधिकारियों की मिलीभगत से धड़ल्ले से संचालित है जिले में करीब दो दर्जन से ज्यादा जगहों पर रेत का भंडारण किया गया है लेकिन यहां के स्थानीय लोगों को महंगे दामों पर रेत खरीदने को मजबूर है. वजह सीधी जिले जिले की रेत यूपी और बिहार ऊंची दरों पर बेची जा रही है. कहा यह भी जा रहा है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में महंगे रेत के चलते हैं सीएम शिवराज सिंह चौहान की फजीहत हो सकती है.Sidhi
भाजपा सांसद रीति पाठक, सीधी विधायक केदार शुक्ला, चुरहट विधायक शर्तेन्दू तिवारी, धौहनी विधायक कुंवर सिंह टेकाम, कलेक्टर मुजीबुर्रहमान खान भले ही लाख दावा करे कि जिले में रेत का अवैध भंडारण बिल्कुल नहीं है और लोंगो को सस्ते दरो में रेत मिल रही है लेकिन यह सरासर गलत है.जिले में इन दिनों एक ट्रैक्टर रेत की कीमत 5000 से 7000 है जबकि 500 फीट के हाईवे में 30000 से 32000 में रेत मिल रही है.Sidhi
सूत्रों की माने तो जिले में करीब एक दर्जन से ज्यादा जगहों पर रेत का अवैध भंडारण किया गया है जहां डोल,टिकरी और रामगढ़ में सबसे ज्यादा रेत का अवैध भंडारण किया गया है. इस बात की जानकारी खनिज अधिकारी दीपमाला को भी है लेकिन मैडम को सुविधा शुल्क इतनी मिल रही है कि वह है कंपनी की भाषा ही बोलती हैं.Sidhi
आखिर रेत के अवैध कारोबार में किसका संरक्षण ?
अंचल मेें रेत के अवैध उत्खनन को लेकर लम्बे समय से आवाज उठती रही है ओर कांग्रेस के विधायक व पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने तो इस मुद्दे को लेकर धरना देकर मुख्यमंत्री तक को पत्र लिखा था। इसके बाद भी रेत का अवैध कारोबार नहीं रुक पा रहा है। इससे स्पष्ट होता है कि रेत के अवैध कारोबार में किसी न किसी का संरक्षण मिल रहा है. जिसके कारण अवैध उत्खनन करने वालो को किसी तरह का भय नहीं है। जिस तरह से अवैध रूप से रेत का अवैध भंडारण हो रहा है उससे शासन को करोड़ों का चूना लग रहा है, लेकिन इसके बाद भी सख्ती नहीं दिखाई दे रही है.Sidhi
डंप के नाम पर खेला जा रहा खेल
रेत नीति के हिसाब से जिस स्थान से रेत का खनन किया जाता है उससे 5 से 7 किमी तक के क्षेत्र में ठेकेदार रेत का डंप कर सकता है जबकि 50 किमी तक के क्षेत्र में अन्य नाम से डंप किया जा सकता है। सीधी जिले को 50 किमी वाले नियम से छूट मिली हुई है. सूत्र का कहना है कि सीधी जिले में सिर्फ कागजों में नाम से रेत का डंप दर्शाया गया है जबकि रेत सीधे नदियों से निकाल कर सप्लाई किया जा रहा है.Sidhi
शासन ने जब रॉयल्टी बंद कर दी है तो फिर जिले में रेत किस स्थान से आ रहा है ओर अगर डंप है तो वह किसके नाम से ओर कहा है इसकी जानकारी खनिज विभाग को होना चाहिए ओर उसकी जांच भी करना चाहिए, लेकिन खनिज विभाग कागजो मेें जांच कर संबंधित को मुनाफा कमाने का खुलकर मौका देने में लगा हुआ है. हालत यह है कि अंचल में रेत के खेल में हर कोई रंगा हुआ है जिसके कारण चाहकर भी रेत का अवैध उत्खनन बंद नहीं हो पा रहा है.Sidhi