Singrauli – The temple of Maa Bardeshwari –किला का कोरोना काल के पहले शुरू हुआ था मरम्मत कार्
सिंगरौली Singrauli – 12 जून चितरंगी ब्लाक के राजघराना बर्दी का किला धीरे-धीरे अपना अस्तित्व खोने लगा है. इस किले को पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय म.प्र.भोपाल के अधीन है. किन्तु रख-रखाव के अभाव में किला पूरी तरह से खण्डहर हो चुका है. Singrauli –
Also Read – Half naked फोटो खिचवा कर आलीशान घर-कार समेत करोड़ो की मालकिन हैं उर्फी जावेद, जानिये कितनी है प्रॉपर्टी
गौरतलब हो कि प्राचीन गढ़ी गोपद एवं सोन नदी संगम स्थल के निकट 18 वीं शताब्दी में राजा मयूर शाह ने बर्दी को अपनी राजधानी बनाया था. उसी समय इस गढ़ी का निर्माण कार्य किया गया. स्थानीय मान्यताओं के अनुसार राजा मयूर शाह चंदेलों का वंशज थे. गढ़ी के पूर्व तथा पश्चिम दिशा में प्रवेश द्वार बने हुए हैं. पूर्व दिशा के मुख्य प्रवेश द्वार का निर्माण तरासे हुए पत्थरों से किया गया है. द्वार निर्माण में मुगल सत्यापत्य कला का प्रतिबिम्ब स्पष्ट देखा जा सकता है. द्वार मेहरावदार है. जिसके दोनों ओर कमल फुल्ले बने हुए हैं. किन्तु इन सब के बावजूद इस ऐतिहासिक धरोहर किला धीरे-धीरे अस्तित्व खो रहा है. Singraul
बताया जा रहा है कि मंदिर के अंदर मॉ बर्देश्वरी स्थापित हैं. जहां क्षेत्र के लोगों के लिए आस्था का केन्द्र हैं. रख-रखाव के अभाव में बर्दी किला खण्डहर हो चुका है. चर्चा यहां तक हैं कि कोरोना काल के पूर्व किले का मरम्मत कार्य भी कराया जा रहा था और अचानक बंद कर दिया गया है. फिलहाल बर्दी किला का अस्तित्व बचाने के लिए क्षेत्रीय नागरिकों को आगे आना पड़ेगा नहीं तो यह किला अपना अस्तित्व खो देगा. Singrauli –