Singrauli : सिंगरौली 15 जुलाई. त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद आज शुक्रवार को जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव के नतीजों का ऐलान कलेक्टर के द्वारा कर दिया गया.Singrauli
Singrauli :चुनाव नतीजों को देख बड़ा उलटफेर माना जा रहा है,ग्राम सरकार के नतीजों से भाजपा को जहां तगड़ा झटका लगा है,वहीं कांग्रेस पार्टी को संजीवनी भी मिली है जबकि भाजपा सरकार की नतीजो ने चिंता बढ़ा दी है.दरअसल उच्चतम न्यायालय के कड़े निर्देश के बाद प्रदेश सरकार की सहमति पर राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रि-स्तरीय पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव कराने का निर्णय लिया.Singrauli
तिथि घोषित होने के पहले अटकले लगाई जा रही थीं कि राज्य सरकार पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव कुछ और महीने टालना चाहती है, किन्तु उच्चतम न्यायालय के आगे सरकार की एक भी नहीं चली. अंतत: सरकार भी चुनाव कराने के पक्ष में आ गयी. लेकिन भाजपा सरकार बिना किसी ठोस तैयार के ही चुनाव मैदान में कूद पड़ी और नतीजा सिंगरौली जिले का सबके सामने है.Singrauli
त्रि स्तरीय पंचायत चुनाव के नतीजे से भाजपा को करारा झटका लगा है.जानकार पंडित बताते हैं की सिंगरौली जिले के पंचायत चुनाव में पंच, सरपंच, जनपद सदस्य एवं जिला पंचायत सदस्यों के घोषित नतीजों में कांग्रेस पार्टी का 60 फीसदी समर्थित प्रत्याशी चुनाव जीते हैं ऐसा दावा कांग्रेसी भी कर रहे हैं, लेकिन अभी तक भाजपा का कोई छोड़ा-बड़ा नेता ऐसा दावा नहीं कर रहा है की इस पंचायत चुनाव में भाजपा समर्थित कितने पंच.Singrauli
सरपंच,जनपद एवं जिला पंचायत सदस्य विजयश्री हासिल किये है,आमजनों के मुताबिक ग्राम सरकार में भाजपा का जनाधार घटा है. इसके पीछे कई कारण बताये जा रहे हैं.वहीं इस चुनाव के नतीजे से कांग्रेस पार्टी को संजीवनी भी मिली है, माना जा रहा है की आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए शुभ संकेत नहीं है, वहीं विपक्षी दलों के लिए यह चुनाव हौसला बढ़ाने का काम किया है. Singrauli
भाजपा में एकजुटता की कमी
जमीनी स्तर पर भाजपा का संगठन काफी मजबूत है ऐसा माना जा रहा है, किन्तु पंचायत चुनाव में भाजपा में एकजुटता नहीं दिखी है। जिला व जनपद पंचायत के ऐसे कई वार्ड थे जहां भाजपा के 3 से 4 कार्यकर्ता चुनाव मैदान में कूद पड़े.
उदाहरण स्वरूप जिला पंचायत वार्ड क्र.10 अनारक्षित महिला सीट में पूर्व मंत्री जगन्नाथ सिंह की बहू राधा सिंह भी भाग्य आजमा रही थीं और उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा. वहीं वार्ड क्र.12 गीर से पूर्व मंत्री के पुत्र डॉ.रवीन्द्र सिंह एवं पूर्व मेयर प्रेमवती खैरवार मैदान में थीं. दोनों भाजपाई हैं और दोनों को जनता ने सिरे से खारिज कर दिया है.Singrauli
कांग्रेसियों ने आखिरी दम तक लड़ा
सरपंच, जनपद व जिला पंचायत सदस्यों को जीत हासिल कराने के लिए कांग्रेसियों ने खूब संघर्ष किया, प्रदेश सरकार की नाकामियों महंगाई सहित भाजपा के 17 साल के कामकाज का भी जनता के सामने भुनाया और मतदाताओं के सामने भ्रष्ट्राचार, दफ्तरों में कमीशनखोरी, खाकी बर्दी का आतंक,शराब, गांजा, हेरोइन, कोरेक्स सहित अन्य मादक पदार्थों की बिक्री का भी मुद्दा क्षेत्र में छाया रहा, इन मुद्दों को लेकर विपक्षी दलों ने जनता के सामने रखा और इसका फायदा कांग्रेसियों को मिला भी है, चुनाव नतीजा उदाहरण है.Singrauli
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