Singrauli : Will elect majority, minority mayoral candidates – नगर निगम चुनाव में चुनाव चिन्ह आवंटन के बाद सभी उम्मीदवार,राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में जुट गए हैं आज चौथे दिन जारी जनसंपर्क एवं चुनाव प्रचार के बीच भाजपा कांग्रेस आम आदमी पार्टी बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी एवं संगठन के पदाधिकारी डैमेज कंट्रोल करने में अपने स्तर पर जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं. Singrauli
नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस, भाजपा व आम आदमी पार्टी ने अल्पसंख्यकों पर भरोसा जताया है. दरअसल सिंगरौली नगर निगम चुनाव में कांग्रेस,बीजेपी व भाजपा ने नगरीय आबादी के अल्पसंख्यकों को महापौर का टिकट दिया है. जबकि बहु संख्यक साहू व ब्राह्मण समाज पर लीडिंग किसी भी पार्टी ने भरोसा नहीं जताया नतीजा बहुसंख्यक समाज अपनी ही पार्टी के प्रत्याशियों को हराने में लगे हुए हैं. इस बीच कांग्रेस के भीतर ज्यादा घमासान मचा हुआ है हालांकि दिखावे के लिए सभी कांग्रेसी महापौर प्रत्याशी का प्रचार कर रहे हैं. Singrauli
कांग्रेस को बाहर से कम भीतर से ज्यादा चुनौती
बता दें कि कांग्रेश ने सबसे पहले नगर शहर अध्यक्ष अरविंद सिंह चंदेल को महापौर प्रत्याशी बनाया तो कांग्रेस मे बागियों की बड़ी फौज तैयार हो गई. तर्क यह दिया जा रहा है कि नगर निगम क्षेत्र में बहुसंख्यक समाज में टिकट न देकर पार्टी ने छत्रिय वर्ग में टिकट दे दिया जिले की संख्या बमुश्किल 8-10 है ऐसे में पार्टी के भीतर शीत युद्ध शुरू हो गया है हालांकि कुछ कांग्रेसियों ने बगावत कर पार्टी को हरा रहे हैं तो वहीं कई ऐसे भी जयचंद हैं जो पार्टी में रहकर ही कांग्रेस प्रत्याशी को हराने की साजिश रच रहे हैं. Singrauli
भाजपा डैमेज कंट्रोल में जुटी,पार्टी के भीतर ही गम मचा घमासान
सामान्य सीट पर सामान्य वर्ग को टिकट नहीं मिलने पर भाजपा की भी कमोबेश यही स्थिति है पार्टी के भीतर टिकट की उम्मीद लगाए सामान्य वर्ग का कार्यकर्ता पार्टी के निर्णय से काफी नाराज चल रहे हैं जिसे मनाने में संगठन का भी पसीना छूट रहा है हालांकि पार्टी के भीतर बगावत कम हुआ लेकिन नगरी क्षेत्र का बहुसंख्यक मतदाता ब्राह्मण व साहू समाज भाजपा प्रत्याशी को हराने में लगा है कहा तो यह भी जा रहा है कि बहुसंख्यक समाज महापौर प्रत्याशी को हराकर विधायक राम लल्लू वैश्य के बढ़ते प्रभाव को कम करने मन बना रखा है अब यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि ऊंट किस करवट बैठता है. Singrauli
भाजपा कांग्रेस के बागियों को साध रही रानी
उधर आम आदमी पार्टी में प्रत्याशी रानी अग्रवाल अचानक मैदान में कूद जाने से पार्टी के कई पदाधिकारी बगावत कर चुके हैं वही घर के ही एक जिम्मेदार सदस्य द्वारा प्रत्याशी के विरुद्ध जहर उगला जा रहा है जिसे नियंत्रण करने के लिए भरसक कोशिश जारी है. वहीं दूसरी तरफ रानी अग्रवाल भाजपा कांग्रेस के ना केवल बागियों से बल्कि दोनों पार्टियों केना राजनेताओं से लगातार संपर्क कर रही है साथ आश्वासन दे रही है कि जीतने के बाद उन्हें भी कहीं ना कहीं एडजस्ट किया जाएगा और दोनों पार्टियों को सबक भी सिखाया जाएगा. Singrauli
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लीडिंग पार्टियों को टेंशन दे रही बसपा, शिवसेना Singrauli
बसपा का एक बहुत बड़ा वोट बैंक है लेकिन प्रत्याशी का क्षेत्र के लिए अभी तक कोई खास सक्रियता नहीं होने के चलते इन्हें डमी कैंडिडेट माना जा रहा है हालांकि सरल सहज उच्च शिक्षित साफ-सुथरी छवि के बसपा प्रत्याशी बंशरूप शाह लगातार अपने पक्ष में वोट डालने के लिए जनसंपर्क कर रहे हैं. तो वहीं दूसरी तरफ शिवसेना प्रत्याशी भास्कर मिश्रा जनसंपर्क कर रहे हैं भास्कर मिश्रा भले ही अब तक कोई चुनाव नहीं जीते हैं यह ना केवल महापौर पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं बल्कि उनकी पत्नी जिला पंचायत के लिए भी चुनाव लड़ रही है. Singrauli
साहू और ब्राह्मण समाज नाराज
Singrauli में हर किसी के दिलो-दिमाग में छाये बहुसंख्यक समाज कि उपेक्षा नगर निगम क्षेत्र हो या विधानसभा यहां पर साहू एवं ब्राह्मणों कि बड़ी आबादी है जिसे लोग लगभग 40 50 हजार कहा जाता है बावजूद भारतीय जनता पार्टी व कांग्रेस में दोनों समाज को प्रतिनिधित्व नही मिलने पर संगठन एवं क्षेत्र के जिम्मेदार पदाधिकारियों जनप्रतिनिधियों कि पूर्व नियोजित साजिश मान कर चला जा रहा है.
दोनों बहुसंख्यक समाज नाराज चल रहे हैं. बहुसंख्यक समाज में अल्पसंख्यक समाज को बार-बार पार्टी प्रत्याशी बनाए जाने का गुस्सा देखा जा रहा है. देखना यह और रोचक होगा कि आगामी सप्ताह में यह बहुसंख्यक समाज एकजुट होकर किस तरफ रुख करता है या फिर टुकड़ों टुकड़ों में बंटकर चुनाव को चतुष्कोण बनाते हुए मामूली अंतर से हार जीत तय करता है. Singrauli