Excise and police department played hard in the panchayat elections in Singrauli : शराब का अवैध कारोबार व्यापक पैमाने पर फल-फूल रहा है. देशी विदेशी शराब जहां किराना व होटल, कई पान की गोमतियों पर बिक रही है. वहीं महुआ शराब कारोबारियों को पुलिस एवं आबकारी महकमे का संरक्षण मिला हुआ है.
Excise and police department played hard in the panchayat elections in Singrauli : सिंगरौली 12 जुलाई नगरीय निकाय एवं पंचायत चुनाव के दौरान शराब के अवैध कारोबार पर नकेल कसने के लिए आला अफसरों का सख्त निर्देश था.किन्तु आबकारी एवं पुलिस महकमा ने चुनाव में कार्रवाई के बदले शराब कारोबारियों से कार्रवाई का भय दिखाकर जमकर धन वसूल किया है.इसमें पुलिस एवं आबकारी महकमा एक से बढ़कर एक आगे निकल गये. Singrauli
दरअसल जिले में शराब का अवैध कारोबार व्यापक पैमाने पर फल-फूल रहा है. देशी विदेशी शराब जहां किराना व होटल, कई पान की गोमतियों पर बिक रही है.वहीं महुआ शराब कारोबारियों को पुलिस एवं आबकारी महकमे का संरक्षण मिला हुआ है. आलम यह है की पंचायत चुनाव के दौरान भोपाल से ही निर्देश था की अधिक से अधिक शराब कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई करें.
हैरानी की बात है की पुलिस एवं आबकारी महकमा केवल कार्रवाई के नाम पर कई जगह कोरमपूर्ति कार्रवाई कर अपनी पीठ थपथपा रही थी.सूत्र बताते हैं की पुलिस व आबकारी महकमे ने कई जगह भारी भरकम मात्रा में शराब पकड़ रही थी. Singrauli
किन्तु 10 हजार से लेकर 30 हजार तक में ही रातो-रात समझौता हो जा रहा था. सूत्र यहां तक बता रहे हैं की पंचायत चुनाव के तीसरे चरण के दौरान आबकारी महकमे की टीम ने चितरंगी इलाके के सोन नदी के किनारे बसे गांवों में महुआ शराब कारोबारियों के यहां दबिश भी दिया था. जहां भारी मात्रा में करीब 32 जरिकेन लाहन व करीब 100 लीटर देशी शराब बरामद किया था.हालांकि मौके पर ही आबकारी महकमे ने उक्त शराब को नष्ट कर दिया था. Singrauli
लेकिन कारोबारियों से लंबा सौदेबाजी कर छोड़ दिया गया था.यही हाल पुलिस का रहा है. रातो रात एक शराब कारोबारी से 60 हजार रूपये लेकर मामले को रफा-दफा कर दिया गया था. सूत्र यहां तक बताते हैं की करीब 300 लीटर महुआ शराब पकड़ी गयी थी.इसी तरह अन्य कई पंचायतों में पुलिस व आबकारी महकमे ने भारी भरकम देशी व विदेशी तथा महुआ शराब जप्त किया था.
इसके बावजूद कार्रवाई के नाम पर महज खानापूर्ति की गयी. फिलहाल चर्चा है की जिले में अभी भी धड़ल्ले के साथ देशी-विदेशी महुआ शराब की बिक्री की जा रही है और पुलिस व आबकारी महकमा कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति करते हुए अपनी वाहवाही लूट रही है.Singrauli
शराब कारोबारियों पर खाकी बर्दी मेहरबान
शराब कारोबारियों पर खाकी बर्दी मेहरबान है. इनके संरक्षण में इन दिनों ऐसा कोई गांव नहीं है जहां शराब की अवैध बिक्री न हो रही हो.करीब 80 फीसदी गांवों में पानी की तरह शराब की अवैध बिक्री की जा रही है.यही नहीं देशी-विदेशी शराब की अघोषित दुकान भी खुली हुई हैं, राजस्व की बढ़ोत्तरी बताकर पुलिस एवं आबकारी महकमा कार्रवाई करने से परहेज कर रहा है, शराब कारोबारियों पर खाकी बर्दी की मेहरबानी जगजाहीर है. Singrauli
खाकी बर्दी का महीना फिक्स!
सूत्रों के मुताबिक देशी विदेशी दुकानों में खाकी बर्दी का विधिवत महीना फिक्स है. 30 हजार से शुल्क 1 लाख रूपये प्रतिमाह भेंट के रूप में किया जा रहा है.इसके लिए वकायदे किस अधिकारी को कितना देना है.उसका रेट अलग-अलग है,सूत्रों ने आगे बताया कि कथित खाकी बर्दी के अधिकारियों की मिलीभगत से शराब कारोबार धड़ल्ले से हो रहा है,यदि कोई सूचना देने का प्रयास करता है तो उसे खाकी बर्दी अपने भाषा में समझा देती है.जिसके चलते कोई खुलकर बोलने के लिए तैयार नहीं है. Singrauli