Washed the plate now became the mayor : कंधे पर लकड़ी का भार, शरीर पर कपड़ा नैपी और पैर पर साधारण.. लखानी चप्पल .. यह कोई और नहीं बल्कि छिंदवाड़ा के नए मेयर हैं. नाम विक्रम अहाके है और उम्र महज 31 साल है. वह मध्य प्रदेश के सबसे युवा मेयर हैं। Washed the plate now the mayor
Washed the plate now the mayor : कंधों पर लकड़ी का भार, ….शरीर में लिपटा नैपी और पैरों में साधारण लखानी चप्पल वाला.. .. यह आदमी अचानक मध्य प्रदेश में खूब चर्चा में है।…. इस आदमी को ऐसे देख लोग हैरान हैं यह कोई और नहीं बल्कि छिंदवाड़ा के मेयर साहब है.. नाम विक्रम अहाके है और उम्र महज 31 साल है। कांग्रेस के 18 साल के सूखे को खत्म करते हुए विक्रम ने छिंदवाड़ा में मेयर पद जीत लिया है. आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले विक्रम मध्य प्रदेश के सबसे युवा मेयर होने का खिताब भी अपने पास रखते हैं. उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं….इन दिनों मे वह खूब चर्चा में है. Washed the plate now the mayor
कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में कांग्रेस ने 18 साल बाद सूखा खत्म किया है। विक्रम अहाते शुरुआत में जरूर पीछे था, लेकिन जैसे-जैसे दोपहर आगे बढ़ी उसने अंत तक बढ़त बनाए रखी। छिंदवाड़ा में कुल 48 वार्ड हैं, जिनमें से कांग्रेस ने 26 पर जीत हासिल की है. 18 में बीजेपी जीती. महापौर पद के लिए छिंदवाड़ा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित थी। Washed the plate now the mayor
विक्रम आहाके ने कहा कि मैंने कभी अपने जीवन में यह नहीं सोचा था कि मुझे इतना बड़ा मौका मिलेगा। मैंने बचपन से संघर्ष किया है। बचपन में कॉपी-किताबें खरीदने तक के लिए मेरे पास पैसे नहीं हुआ करते थे। शादी में मैंने प्लेट उठाने का काम किया। लकड़ी काटना, शादी में जूठी प्लेट धोना और इस तरह के छोटे-मोटे काम कर मैं जीवन यापन करता था। Washed the plate now the mayor
मां आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पिता किसान,
विक्रम भी एक सीधे -साधे परिवार से बिलॉन्ग करते हैं. उनके पिता एक किसान हैं और उनकी मां एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं. पार्टी के लिए /दिन-रात कड़ी मेहनत से काम करने वाले विक्रम ने छिंदवाड़ा में अपनी नाम पहचान बनाए थे. विक्रम एक विनम्र और सीधे साधे आदमी है. भाजपा के अनंत धुर्वे से 3786 मतों से मुकाबला जीतने के बाद उन्होंने सबसे पहले अपने प्रतिद्वंदी और 60 वर्षीय भाजपा नेता धुर्वे के पैर छुए और उनका आशीर्वाद लिया. Washed the plate now the mayor
सरपंच चुनाव हारे, मेयर पहली बार जीते
B.A ग्रेजुएट विक्रम ने 2015 में अपने गांव में सरपंच का चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। लंबे समय से कांग्रेस के लिए काम कर रहे विक्रम एनएसयूआई के कार्यवाहक जिलाध्यक्ष, सांसद से लेकर जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता तक विभिन्न पदों पर कार्य कर चुके हैं. चुनावी हलफनामे में उन्होंने अपनी कुल चल संपत्ति 338500 रुपये और अचल संपत्ति 560000 रुपये घोषित की है। Washed the plate now the mayor
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