झाबुआ – मध्य प्रदेश के झाबुआ (Jhabua) के एक कॉलेज की लड़की का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है (College Girl Viral Video)। जिसमें कलेक्टर के ज्ञापन लेने नहीं आने से गुस्साई छात्रा ने प्रशासन को जमकर खरी-खरी सुनाई है. वीडियो में नजर आ रही लड़की बोल रही है कि आप नहीं आ सकते तो हमको कलेक्टर बना दो. हम सबकी मांग पूरी कर देंगे। आदिवासी बच्चे दूर-दूर से आएं हैं और आपके पास ज्ञापन लेने का समय भी नहीं. सोशल मीडिया पर लड़की का वीडियो वायरल हो रहा है.
बता दें कि वायरल वीडियो NSUI के एक प्रदर्शन के दौरान का हैं। वायरल वीडियो में नजर आ रही एक लड़की को कहते सुना गया कि हमको कलेक्टर बना दो। हम कलेक्टर बनने को तैयार हैं। सबकी मांगें पूरी कर देंगे। आप नहीं कर पा रहे हैं। किसके लिए बनी है सरकार? क्या हम यहां भीख मांगने आए हैं? हम गरीब लोगों की तो कोई व्यवस्था करो, सर। हम इतनी दूर से आते हैं, आदिवासी लोग। कितना पैसा देकर आते हैं। वीडियो वायरल होने के बाद लड़की के आत्मविश्वास की अब हर कोई तारीफ कर रहा है तो वही जिला प्रशासन व सरकार को आड़े हाथों ले रहे हैं।
यह वीडियो वायरल होने के बाद ऐसा कहने वाली लड़की वायरल सनसनी बन चुकी है। NSUI ने उसे झाबुआ जिले का महासचिव बनाया है। आदिवासियों के संगठन जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) ने तो लड़की की यूपीएससी की पढ़ाई का खर्च उठाने तक की तैयारी दिखाई है। इस लड़की का नाम निर्मला चौहान है, जो अलीराजपुर के खांडला गांव की रहने वाली है। वह झाबुआ में रहकर बीए फर्स्ट ईयर की पढ़ाई कर रही है।
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वायरल वीडियो में छात्रा निर्मला चौहान आदिवासी परिवार से है. निर्मला आलिराजपुर जिले के खंडाला खुशाल गांव की रहने वाली है. आवास भत्ता, छात्रवृत्ति और बस किराये में छूट को लेकर कॉलेज के छात्रों ने कलेक्टर कार्यालय में प्रदर्शन किया था. जिसमें निर्मला चौहान भी शामिल थी. चंद्रशेखर आजाद आदर्श महाविद्यालय एवं गर्ल्स डिग्री कॉलेज में पढ़ने वाले लगभग 400 विद्यार्थियों ने विभिन्न समस्याओं के लिए कलेक्टोरेट का घेराव किया था. प्रदर्शन में शामिल अधिकतर छात्राएं थी.
प्रदर्शन कर रहे छात्रों के कलेक्ट्रेट पहुंचने पर पुलिस ने इन्हें बैरिकेड्स लगा दिया जिससे आक्रोशित विद्यार्थी परिसर में ही धरने पर बैठ गए. लगभग 45 मिनट तक 400 से अधिक विद्यार्थियों ने सरकार और स्थानीय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की लेकिन फिर भी कोई अधिकारी उनकी बात सुनने के लिए नहीं आया. इस दौरान छात्रा निर्मला चौहान प्रशासन पर बिफर पड़ती है.मीडिया से बातचीत में निर्मला ने कहा कि हम इतनी दूर से वहां गए थे। दो-तीन घंटे से बाहर खड़े थे। कोई अधिकारी बाहर नहीं आ रहा था। इसी वजह से मुझे गुस्सा आ गया। अगर मैं कलेक्टर बन गई तो गांव से आने वाली लड़कियों को 5 मिनट भी धूप में नहीं खड़ा रहने दूंगी। उनके लिए पूरी ताकत से काम करूंगी।
जयस के प्रवक्ता डॉ. आनंद राय ने कहा कि लड़की का आत्मविश्वास गजब का है। जिस आत्मविश्वास के साथ उसने अपनी बात कही, वह उसकी नेतृत्व क्षमता दिखाती है। सुबह से बिना खाये-पिए आए हैं। बसों में पूरा किराया लग रहा है। उन्हें किराये में छूट नहीं मिल रही है। पहले तो सरकार झाबुआ-अलीराजपुर के आदिवासी इलाकों में छात्रों का किराया भरती थी। अब वह भी बंद हो गया है। यदि निर्मला यूपीएससी की तैयारी करती है तो मैं उसकी मदद करूंगा। वह इंदौर में या दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी करेगी तो उसका खर्च मैं उठाने को तैयार हूं। जो कोचिंग ज्वाइन करना चाहेगी, वह कर सकेगी।