Subisidy On Murrah Buffalo Farming: मध्य प्रदेश सरकार किसानों को मुर्रा Murrah भैंसों को खरीदने पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दे रही है. इस योजना को फिलहाल,प्रदेश के तीन जिलों रायसेन, विदिशा और सीहोर में इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जा रहा है. धीरे-धीरे इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा.
Murrah Buffalo Farming: नगरीय निकाय व पंचायत चुनाव के पहले CM Shivraj सरकार किसानो को बड़ी शौगात दी हैं. मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नई योजना शुरू की है. इसके तहत लघु सीमांत किसानों या पशुपालकों को मुर्रा भैंस खरीदने पर सब्सिडी दी जाएगी.दरअसल भारतीय के ग्रामीण क्षेत्रों में खेती-किसानी के बाद पशुपालन आय का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत माना जाता है.
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बता दे कि सरकार भी किसानों से जुड़े तमाम ऐसी योजनाएं लॉन्च करती रहती है, जिससे वे अपने मुनाफे में इजाफा कर सकें. अब मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों के तोहफा देते हुए एक बड़ा ऐलान किया है. सरकार के इस ऐलान के मुताबिक किसान अगर मुर्रा Murrah भैंस खरीदते हैं तो उन्हें सब्सिडी का लाभ मिलेगा..
मुर्रा Murrah भैंस की यह हैं खासियत
मध्य प्रदेश सरकार के आदेश के मुताबिक, सरकार की तरफ से ये भैंसे हरियाणा से मंगवाई जाएंगी.इन भैंसों की दुध उत्पादन की क्षमता अन्य भैंसों के मुकाबले काफी ज्यादा होती है. दिन में लगभग 12 से 13 लीटर दूध देने की क्षमता इन भैसों की होती है. मुर्रा भैंस का रंग गहरा काला होता है और इनके खुर और पूंछ के निचले हिस्से पर सफेद धब्बा इनकी पहचान होती है. इन भैंसों की छोटी और मुड़े हुए सींग होते हैं. हरियाणा की मुर्रा नस्ल की एक भैंस की कीमत 1 लाख रुपये तक होती है. वहीं सब्सिडी मिलने पर किसान मुर्रा भैंस को आधी राशि जानी 50 हजार रुपये में खरीद सकेंगे और अपने आय बड़ा सकेंगे.
पांच वर्ष तक भैंस पालन अनिवार्य है.
वहीं, पशुपालन विभाग ने कहा कि इन भैंसों का कृत्रिम गर्भाधान किया जाएगा। इसके लिए मुर्रा बैल के लिंग के वीर्य का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे भैंसों का ही उत्पादन होगा, जिससे लाभार्थियों की संख्या में इजाफा होगा। इसलिए पांच साल तक भैंस पालना अनिवार्य है। इतना ही नहीं अगर तीन साल के अंदर भैंस की मौत हो जाती है तो किसान को दूसरी भैंस दी जाएगी.
योजना के तहत लाभार्थी किसानों को मुर्रा भैंस के लिए 6 माह की चारे की सुविधा मिलेगी
योजना के तहत लाभार्थी किसानों को मुर्रा Murrah भैंस के लिए 6 महीने का दाना,चारा भी दिया जाएगा. जिससे किसान को कोई परेशानी ना हो. वहीं, परियोजना के तहत किसानों को दो मुर्रा भैंसे दी जाएंगी. भैंस 5 महीने की गर्भवती होगी। जहां दूसरी भैंस करीब एक महीने के बच्चे को जन्म दिए रहेंगी. दूसरे शब्दों में कहें तो, इन दोनों भैंसों में से एक भैंस दूध देती रहेंगी है. गौरतलब है कि भैंस का गर्भकाल 10 महीने का होता है, क्रम इस तरह बनाया जाएगा कि भैंस दूध देती रहे.
हम आपको सूचित करना चाहेंगे कि अभी तक राज्य में बड़े निजी मवेशियों के पास मुर्रा भैंस ही होती थी, लेकिन सरकार के नए प्रोजेक्ट से अब छोटे पशुपालक भी मुर्रा भैंस रखने से लाभान्वित हो सकेंगे.