राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और मध्यप्रदेश एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने प्रदेश के सात जिलों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के ठिकानों पर छापेमारी की। एक सप्ताह के भीतर पीएफआई पर यह दूसरी छापेमार कार्यवाही है. भोपाल, इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, श्योपुर, गुना समेत अन्य शहरों से 21 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है.इस कार्यवाही के बाद पूरे मध्यप्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है.
टेरर फंडिंग मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) और मध्य प्रदेश एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने एक बार फिर मध्यप्रदेश में संयुक्त कार्रवाई की है। एक हफ्ते के भीतर दूसरी बार पीएफआई पर छापेमारी हुई है। एनआईए और मध्यप्रदेश पुलिस ने प्रदेश के सात शहरों में छापेमारी की है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, श्यापुर, गुना, नीमच जैसे शहरों में छापे मारकर एनआईए और एमपी एटीएस ने 21 से ज्यादा संदिग्धों को हिरासत में लिया है. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस कार्रवाई की पुष्टि की है। इससे एक हफ्ते पहले एनआईए ने प्रदेश के इंदौर और उज्जैन में छापेमारी की थी, इसमें पीएफआई के चार सदस्यों को हिरासत में लिया गया था।
एनआईए और मध्यप्रदेश एटीएस ने सोमवार देर रात को भोपाल, इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, श्यापुर, गुना, नीमच में पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी की। इंदौर से सईद टेलर निवासी छत्रीबाग, दानिश गौरी निवासी माणिकबाग, तौशिफ छिपा निवासी छिपा बाखल, यूसुफ़ निवासी छिपा बाखल, वसीम निवासी ग्रीन पार्क कॉलोनी को गिरफ्तार किया है.
इंदौर से आठ संदिग्धों को पकड़ने के लिए छापेमारी की गई थी। इसमें से तीन हाथ नहीं लगे। उज्जैन के महिदपुर से चार संदिग्धों को पकड़ा गया है। नीमच से दो, शाजापुर से चार लोगों को हिरासत में लिया गया है। पूरे प्रदेश में 35 से ज्यादा लोग एजेंसियों की निगरानी में थे। भोपाल में एटीएस ने पीएफआई के लिए फंडिंग करने के संदेश में एक पार्टी के पदाधिकारी को गिरफ्तार किया है.
नीमच में चार संदिग्धों को पकड़ा
जानकारी के अनुसार पुलिस में नीमच जिले में भी कार्रवाई की जिसके तहत एक जीरन, एक मनासा और दो संदिग्ध लोगों को नीमच से हिरासत में लिया गया है। इस तरह जिले से कुल 4 संदिग्धों को पुलिस ने अपनी हिरासत में लिया। मामले को लेकर नीमच जिला पुलिस अधीक्षक सूरज वर्मा का कहना है कि, अभी कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। और उनसे पूछताछ की जा रही है।
बुधवार को चार पदाधिकारियों को पकड़ा था
एनआईए ने बुधवार को मध्यप्रदेश के इंदौर से तीन और उज्जैन से एक पीएफआई के पदाधिकारी को गिरफ्तार किया। शुक्रवार को चारों को भोपाल में एनआईए की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। चारों की सात दिन की रिमांड दी गई थी। इससे पहले चारों का सुरक्षा कमांडो की मौजूदगी में मेडिकल टेस्ट भी कराया गया था। गिरफ्तार आरोपियों में अब्दुल करीम बेकरीवाला निवासी इंदौर पीएफआई का प्रदेश अध्यक्ष है। अब्दुल खालिक निवासी इंदौर पीएफआई का जनरल सेक्रेटरी है। मोहम्मद जावेद निवासी इंदौर पीएफआई का प्रदेश कोषाध्यक्ष है। जमील शेख निवासी उज्जैन पीएफआई का प्रदेश सचिव है। इनकी गिरफ्तारी टेरर फंडिंग और 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश को लेकर की जा रही है।
युवाओं को पैसों का लालच देकर बरगला रहें
देश में सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने कट्टरपंथी विचारधारा युवाओं को भ्रमित कर पैसों का लालच देकर अपने साथ जोड़ रहे थे. यह बेरोजगार युवाओं को हर महीने 10,000 से लेकर 40000 हजार रुपए तक दे रहे थे इन युवाओं को कभी कैस तो कभी खाते में पैसे ट्रांसफर कर रहे थे. जानकारी के अनुसार यह राशि विचारधारा के प्रचार-प्रसार के लिए साहित्य तैयार करने, बंटवाने और ट्रांसपोर्टेशन पर खर्च के लिए दी जाती थी। आरोपियों का मकसद देश के लोगों को भड़का कर भारत में इस्लामिक शरिया कानून लागू करना था।
दूसरे राज्यों से आ रहे थे सदस्य
पीएफआई के सदस्य अन्य राज्यों से आकर मध्यप्रदेश में बड़ी संख्या में लोगों को जोड़कर अपनी पकड़ मजबूत कर रहे थे. प्रदेश में सक्रिय पीएफआई के सदस्य लोगों को गुमराह व भ्रमित कर देशविरोधी गतिविधियों के लिए उकसा रहे थे. वह सभी जिलो में लोगों को कट्टरता का पाठ पढ़ा रहे थे. पीएफआई के सदस्य प्रदेशभर में जगह-जगह मीटिंग कर आपत्तिजनक साहित्य बांटने और देश-विरोधी गतिविधियों के लिए लोगों को तैयार कर रहे थे.
शाजापुर में दो संदिग्ध पकड़ाए
पीएफआई कनेक्शन को लेकर शाजापुर में हिरासत में लिए गए दोनों आरोपियों को पुलिस ने प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के बाद जेल भेज दिया है. समीउल्ला खान और शाकिर खान नामक इन दोनों आरोपियों में से एक आरोपी समीउल्ला खान नगर पालिका में पार्षद है और पहले भी आपत्तिजनक नारे लगाने के मामले में इसकी गिरफ्तारी हो चुकी है और तब से ही जाँच एजेंसियों की इस पर नज़र है. एटीएस ने देर रात इन दोनों आरोपियों को हिरासत में लिया था और आज दिनभर इनसे पूछताछ का दौर चला हैं.
जहां देर शाम जिला अस्पताल में मेडिकल करवाने के बाद दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहे, हालांकि इस पूरी कार्रवाई के दौरान दिन भर स्थानीय पुलिस अधिकारी कुछ भी कहने से बचते रहे, लेकिन जिस तरह से शाजापुर में पीएफआई का कनेक्शन निकला है अब स्थानीय पुलिस भी संदिग्धों का रिकॉर्ड खंगालने में जुटी है.
भारत को बनाना चाहते हैं इस्लामिक कंट्री
पिछले बृहस्पतिवार को आतंकवाद के कथित वित्त पोषण के खिलाफ एनआईए की अगुवाई में छेड़े गए देशव्यापी अभियान के तहत पीएफआई के चार कार्यकर्ताओं को मध्य प्रदेश में गिरफ्तार किया गया था.पीएफआई की स्थापना 2006 में केरल में की गई थी और वह भारत में हाशिये पर पड़े वर्गों के सशक्तिकरण के लिए नव सामाजिक आंदोलन चलाने का दावा करता है.पीएफआई का मूल उद्देश्य भारत को इस्लामिक कंट्री बनाना माना जा रहा है.