रीवा। सूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगना एक युवक आरटीआई कार्यकर्ता को महंगा पड़ गया. आरटीआई कार्यकर्ता ने आरोप लगाया है कि पंचायत सचिव के द्वारा पंचायत में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है.जब उसकी सूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगी गई तो उक्त सचिव के रिश्तेदारों ने उसे फोन पर जान से मारने और धमकाने का प्रयास किया. जिसका ऑडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है हालांकि विंध्य न्यूज़ वायरल ऑडियो की पुष्टि नहीं करता.
बता दें कि नीलेश द्विवेदी पिता श्यामलाल द्विवेदी ग्राम पंचायत पथरहा नम्बर 2 दूदा टोला कंपटीशन की तैयारी कर रहा है तो वही गांव में हो रहे भ्रष्टाचार पर उसने रोजगार सहायक प्रभारी सचिव से आरटीआई के जरिए जानकारियां मांगी लेकिन उन्होंने मांगी गई जानकारी को नहीं दिया जहां शिकायतकर्ता ने उच्च सक्षम अधिकारी के पास अपनी शिकायत की अपील कर दिया. इस बात की जानकारी जब सचिव को लगी तो सचिव के रिश्तेदार आरटीआई कार्यकर्ता को फोन पर गाली गलौज के साथ जिंदगी बर्बाद करने की धमकी देने लगे जिसका ऑडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है हालांकि पीड़ित मैं अब सचिव और उसके चचेरे भाई के खिलाफ एसपी से शिकायत की है.
शिकायत पत्र भी लिखा इसके बाद जीतेन्द्र जीत पांडेय ने आक्रोश में आकर की कही हमारी पोल न खुल जाए इसको लेकर अपने चचेरे भाई अम्बुज पांडेय से नीलेश के चचेरे भाई अतुल दुबेदी को फोन पर नीलेश को जान से मारने की धमकी दिलवाई जिसका ऑडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है बताया गया है कि आज सुबह 11 बजे मोबाइल पर धमकी दी गई है आवेदक नीलेश ने इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक को व्हाट्सएप सोशल साइट्स पर लिखित में की है
सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन करने वाले आवेदकों एवं सूचना का अधिकार कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने और उन पर हमला करने के मामले को सरकार ने काफी गंभीरता से लिया है। सूचना का अधिकार अंतर्गत सूचना मांगने वाले आवेदकों को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-107 के तहत फंसाने अथवा अन्य प्रकार से प्रताड़ित करने से संबंधित मामलों की जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने वाले पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों को कठोर सजा दी जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा गठित टास्क फोर्स की अनुशंसा एवं सुझाव को सूबे में भी लागू करने का निर्णय लेना होगा है.