राजा भैया और मुख्तार अंसारी की तरह सलाखों के पीछे रहकर मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले के सरई नगर परिषद के पार्षद पद का चुनाव जीता है. वार्ड 14 में प्रेम सिंह ने जेल में रहते हुए पार्षद पद के लिए चुनाव लड़ा और चुनाव में भारी मतों से जीत हासिल की.
MP News:सिंगरौली की सियासत में ‘रॉबिन हुड’ कल्चर का उदय हो रहा है। हाल ही में हुए नगरीय निकाय चुनाव में सिंगरौली जेल में रहते हुए पार्षद पद पर भारी मतों से चुनाव जीतकर इस कल्चर की शुरुआत प्रेम सिंह ‘भाटी’ नाम के व्यक्ति ने की है। प्रेम सिंह सरई के स्थानीय निवासी जगमोहन सिंह पर जानलेवा हमला के आरोप में सिंगरौली जेल में विचाराधीन बंदी रहते हुए चुनाव लड़ा और भारी मतों से जीत भी हासिल की।
इस जीत के बाद प्रेम सिंह भाटी की पूरे जिले में चर्चा हो रही है। और उमेश सिंगरौली का रॉबिन हुड के नाम से बुलाया जा रहा है।सिंगरौली जिले की सियासी राजनीति में ऐसा पहली बार हुआ है जब जेल में रहकर कोई चुनाव लड़ा और भारी मतों से जीत हासिल कर लिया.बता दें कि प्रेम सिंह भाटिया इसके पहले सरई ब्लॉक के घोघरा ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान थे, कांग्रेस के समर्थक भी माने जाते है. वहीं अब नवगठित नगर परिषद में ग्राम प्रधान से पार्षद बन गए.
जेल में रहकर जीत हासिल की
दरअसल सरई नगर परिषद के वार्ड नं 14 से प्रेम सिंह पिछले दिनों सरई निवासी जगमोहन सिंह पर जानलेवा हमला कर दिया था. जिसके बाद फरार हो गये थे. 28 जुलाई को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. प्रेम सिंह अभी भी जेल के अंदर है. प्रेम सिंह भाटी भले ही जेल में है लेकिन जब वह सरपंच थे तो ग्रामीणों की सभी समस्याओं को संजीदगी के साथ सुनने व उस समस्या के निराकरण के लिए हर वह काम करने के लिए तत्पर रहते थे जो संभव हो सके।
बताया जा रहा है कि प्रेम सिंह की गांव मे एक सक्रिय नेता के रुप मे छवि रही है. गरीबों के मसीहा कहे जाने वाले प्रेम सिंह इसके पहले गांव के सरपंच रह चुके हैं, लेकिन उनका गांव अब नगर परिषद में तब्दील हुआ और पहली बार इस गांव मे नगर परिषद का चुनाव सम्पन्न हुआ ,लेकिन इसी बीच प्रेम सिंह सलाखों के पीछे कैद हो गए, नगर परिषद के चुनावी दंगल में वार्डवासियों ने उनके नाम पर सहमति बना की, हालांकि चुनावी रण के मैदान में कई प्रतिद्वंद्वी भी मुकाबला किए, प्रेम सिंह जेल में कैद है लेकिन वार्डवासियों ने उनको मत देकर पार्षद बना दिया.