Singrauli news: सीधी – सीधी सिंगरौली रीवा रेल लाइन परियोजना अंतर्गत सीधी जिले के करीब 16 गांव के किसान रेलवे से मुआवजा मिलने का इंतजार कर रहे हैं. जबकि रेलवे की भू अर्जन से जुड़े अधिकारी करोड़ों रुपए अपने रिश्तेदारों और जान पहचान वालों को करवा दिया है जिसके बाद से स्थानीय लोगों में आक्रोश है.
सीधी सिंगरौली ललितपुर रेलवे लाइन परियोजना में भू अर्जन से जुड़े अधिकारी एवं कर्मचारी किसानों की अधिकृत जमीनों का मुआवजा अब तक नहीं दे पाए हैं. ऐसे में किसानों को अपने मुआवजा मिलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. Singrauli news
मुआवजा वितरण को लेकर भू अर्जन से जुड़े अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मनमानी करने का आरोप शुरू से ही लगने लगे थे. तो वही बताया जा रहा है कि मुआवजा माफिया से जुड़े लोग अधिकारियों और कर्मचारियों से सांठगांठ कर करोड़ रुपए का मुआवजा अपने सगे संबंधियों और पहचान वालों के नाम वितरित कर दिया. Singrauli news
ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारी कर्मचारी किसानों के अधिकृत जमीनों का ठीक ढंग से ना तो नापी की और ना ही मूल्यांकन किया .कई लोगों ने कम मुआवजा मिलने की भी शिकायत किए हैं जिला मुख्यालय के समीप नरिया गांव में मुआवजा वितरण को लेकर सबसे ज्यादा लाल पीला करने की शिकायत मिली है. यहां कृषि भूमि का भी आनन-फानन में पुरानी तिथि पर डायवर्सन कराते हुए उसमें लाखों का फर्जी मुआवजा लेने में कोई कमी नहीं रखा. कई ऐसे खसरा नंबर भी है . जिनका दो बार भुगतान भी हो गया है जिसकी शिकायत चर्चा में बनी हुई है. Singrauli news
भ्रष्टाचार को दबा रहे अधिकारी कर्मचारी
बताया जा रहा है कि नौढ़िया ग्राम पंचायत में करीब दर्जन भर लोगों को एक ही खसरा नंबर पर दोगुना मुआवजा की राशि भुगतान किया गया है .यह मामला काफी सुर्खियों में रहा लेकिन अधिकारियों ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया . जानकारों के अनुसार नौड़िया में हुए फर्जीवाड़े में पटवारी ,राजस्व निरीक्षक से लेकर तहसीलदार ,एसडीएम एवं अपर कलेक्टर को भी दोषी माना जा रहा है. हैरानी की बात यह है कि नौढ़िया में रेलवे के मुआवजा भुगतान में गड़बड़ी की सूचना आने के बाद भी अभी तक राजनीतिक दलों के लोग मौन धारण किए हुए हैं. इसकी वजह यह भी बताई जा रही है कि कई राजनेताओं के भी लोग रेलवे से जुड़े जमीन से कई गुना मुआवजा ले रखी है. Singrauli news
नौढ़िया और मधुरी में हुआ मुआवजे का खेल
जिला मुख्यालय से सटे नौढ़िया और मधुरी गांव में मुआवजा वितरण को लेकर खूब खेल हुआ है अगर इन दोनों गांव की मुआवजा वितरण की सूची की जांच सक्षम टीम के द्वारा कराई जाए तो कई सफेदपोश के चेहरे बेनकाब हो जाएंगे तो वही भू अर्जन से जुड़े अधिकारी कर्मचारियों की सांठगांठ से नेता सरकार को करोड़ों रुपए का चूना मुआवजा भुगतान में लगाया है. Singrauli news
रोक के बाद भी हुई रजिस्ट्री
रेलवे भू अर्जन एवं मुआवजा वितरण से जुड़े लोग अपने लोगों या फिर पैसे लेकर कई लोगों के कई गुना ज्यादा मुआवजा बना दिया है. Singrauli news
हैरानी इस बात की है कि जब वो अंतरण मैं रोक लगने के बाद भी भू अर्जन में फसी भूमियों का रजिस्ट्री एवं नामांतरण करने में राजस्व मला पीछे नहीं रहा रेलवे की नौकरी के लालच में जिनकी भूमि फंसी हुई थी. उनके द्वारा अपने रिश्तेदारों को भी उपस्थित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा. इसी वजह से भू अर्जन से संबंधित भूमियों में काफी नामांतरण किए गए हैं. इसके लिए राजस्व अमले ने भारी सुविधा शुल्क लेकर तरह-तरह के नियमों को तोड़ मरोड़ कर जमीन का नामांतरण किए हैं. Singrauli news