हाईवे पर फोरलेन निर्माण के दौरान पानी का छिड़काव न होने से उड़ रही धूल फेफड़ों में पहुंचकर लोगों को सांस का रोगी बना रही है तो गड्ढे हड़्डी को हिलाकर रख दे रहे हैं अब एनएच 39 के सड़क तक कोलयार्ड पहुंच चुका हैं.ऐसे में पैदल और मोटरसाइकिल से चलने वालों को कोयला के गुबार से होकर गुजरना पड़ता है जबकि जिम्मेदार
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अमला इस प्रदूषण से अनजान बना हैं. गोंदवाली के आसपास बने कोलयार्ड के संविदाकारों की मनमानी के चलते ग्रामीण त्रस्त हो गए हैं.
सिंगरौली 29 सितम्बर। गोंदवाली के मुख्य मार्ग एनएच-39 तक कोलयार्ड पहुंच गया है। जहां राहगीरों के लिए कोयले की डस्ट सिरदर्द बनता जा रहा है। श्वांस समेत अन्य रोगों के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। हाईवे से लगे कोल यार्ड बनाए जाने के बाद यहां पानी का छिड़काव न होने से उड़ रही धूल फेफड़ों में पहुंचकर लोगों को सांस का रोगी बना रही है क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अमला एवं एमपीआरडीसी व कोल कंपनियों के अधिकारी भी अंजान बने हुए हैं.
गौरतलब हो कि कोयले के भण्डारण, परिवहन एवं उठाव का लेकर गोंदवाली एवं गोरबी चर्चाओं में है। कोलयार्ड के संविदाकार की मनमानी के आगे अधिकारी भी बेवश नजर आ रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण सीधी-सिंगरौली एनएच-39 गोंदवाली मुख्य मार्ग का है। आलम यह है कि कोल यार्ड एनएच-39 सड़क के चंद कदम दूर तक पहुंच गया है। यहां तक की कोयले के टुकड़े सड़कों पर फैले रहते हैं। हैवी वाहन ट्रेलर, बसों के आने जाने से सड़कों पर फैले कोयला डस्ट में तब्दील हो रहे हैं। इस दौरान बाइक से आने जाने वाले मुसाफिरों के लिए डस्ट मुसीबत बनता जा रहा है।
वहीं गोंदवाली सहित आस-पास गांव के किसान व आमजन डस्ट से त्रस्त हो चुके हैं। लगातार शिकायत करने के बावजूद एनसीएल परियोजना के अधिकारी, म.प्र.क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बैढऩ का अमला भी पूरी तरह से अंजान बना है। कोल यार्ड के उठाव व परिवहन में लगे संविदाकारों पर अधिकारियों की दरियादिली प्रबुद्धजनों के गले से बात नहीं उतर रही है।
आरोप है कि क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अमले की इस मामले में भूमिका संदेह के घेरे में आ गयी है। साथ ही यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि एमपीआरडीसी के अधिकारी भ्रमण नहीं करते इसीलिए सड़क के किनारे तक कोयला का भण्डारण पहुंच चुका है। करीब छ: महीने पहले इन्हीं शिकायतों को प्रशासन ने गंभीरता से लिया था और नौढिय़ा,गोरबी व डगा में कार्रवाई भी की गयी थी। मामला जैसे-जैसे पुरान होता जा रहा है जिम्मेदार अधिकारी अपने कर्तव्यों से विमुख होकर कोलयार्ड के संविदाकारों पर मेहरबानी दिखाना समझ से परे है।
…साहब एसी से बाहर निकलिए
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी करीब दो महीने से आये हुए हैं और उन्होंने रहने का ठिकाना विन्ध्याचल के सूर्या भवन में तलाशा हुआ है। आरोप लग रहे हैं कि जब साहब एसी कमरे में हैं तो शायद उन्हें फैलता हुआ प्रदूषण व दूषित पर्यावरण नहीं दिखाई दे रहा है। इसीलिए अब इस बात की चर्चा है कि जब से नये साहब सिंगरौली में ज्वाइन किये हुए हैं तब से वे फील्ड का भ्रमण करने से परहेज कर रहे हैं। इसके पीछे कारण क्या है यह तो वही बतायेंगे। लेकिन जिले में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। यह चिंता का विषय है, किन्तु साहब को यह सब कहां से दिखाई देगा।
कोलयार्डों में पानी के छिड़काव के नाम पर खानापूर्ति
कोलयार्डों में पानी का छिड़काव महज खानापूर्ति की जा रही है। गोंदवाली, नौढिय़ा, महदेईया इसी तरह के उदाहरण हैं। आरोप है कि लोगों को दिखावे के लिए ही डस्ट से उडऩे से बचाने के लिए नाम मात्र का पानी डाला जाता है। निर्धारित मापदण्ड के अनुसार कोलयार्ड में पानी का छिड़काव न किये जाने से उड़ते हुए डस्ट से लोग काफी परेशान हैं। यहां के रहवासियों ने कलेक्टर का ध्यान आकृष्ट कराया है।