सिंगरौली 1 अक्टूबर। विगत 24 घण्टे के दौरान दर्जनों पुलिस सेवक रवानगी लेकर स्थानांतरित थाने में आमद देने लगे हैं। आरोप है कि स्थानांतरण के बाद भी सफेदपोश धारियों के चलते मनचाहे थाने में जमें हुए थे। किन्तु आईजी, डीआईजी एवं एसपी के कड़े तेवर को देख स्थानांतरित पुलिस कर्मी मनचाहे थाने से बे मन से कार्रवाई के डर के कारण रवानगी लेना शुरू कर दिया है। हालांकि अभी भी मोरवा थाने में एक आरक्षक तैनाती पर है। वहीं चर्चा है कि जिले की कानून व्यवस्था इन दिनों अस्त-व्यस्त हो चुकी है.
दरअसल मोरवा में टीआई समेत आधा दर्जन पुलिस सेवकों को निलंबित किये जाने के बाद यह मामला तूल पकड़ लिया है कि जिले में करीब तीन दर्जन से अधिक ऐसे पुलिस सेवक हैं जिनका स्थानांतरण कई महीने पहले दूसरे थाने के लिए किया गया था। किन्तु उनके मन मुताबिक थाना व पुलिस चौकी न मिलने के कारण रवानगी नहीं ले रहे थे और यदि थाना प्रभारी रवानगी कर भी रहे थे तो ऐसे पुलिस सेवक विभागीय अफसरों एवं सत्ताधारी नेताओं के शरण में पहुंच थाने में पदस्थ रहने की मिन्नत करते रहे और उनकी मिन्नत काम भी आयी।
बता दें कि पिछले 24 घण्टे के दौरान पुलिस आलाधिकारियों के कड़े तेवर को देख आनन-फानन में स्थानांतरित पुलिस कर्मी अपने पूर्व थाने व चौकी से रवानगी देने लगे हैं। करीब-करीब अधिकांश स्थानांतरित पुलिस सेवक रवानगी देकर अपने मूल पदस्थापना थाना में ज्वाइन कर लिया है। लेकिन अब इस बात की चर्चा हो रही है कि एक-एक साल से स्थानांतरण के बाद भी पुलिस कर्मी अपने कमाऊ वाले थाना क्षेत्र में पदस्थ रहे। जबकि हर 15 दिन में संबंधित थाने के द्वारा एसपी दफ्तर के स्थापना में जानकारी भी इस बात की भेजी जा रही थी कि वर्तमान में कौन पुलिस सेवक क्या-क्या ड्यूटी कर रहा है और उसकी सेवाएं कहां हैं। फिर एसपी दफ्तर इतने दिनों तक अंजान क्यों बना था.
आरोप लग रहे हैं कि पुलिस अधिकारी भी राजनेताओं के आगे बेवश नजर आये। यही कारण है कि मोरवा प्रकरण को लेकर जिले की पुलिस की किरकिरी हो रही है। जिले की कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किये जा रहे हैं। फिलहाल एसपी के मौखिक आदेश पर कई महीने तक मनचाहे थाना में पदस्थ रहने वाले पुलिस सेवकों पर इतनी दरियादिली दिखाना कई सवालों को जन्म दे रहा है.
मोरवा इंचार्ज बनने आधा दर्जन निरीक्षक रेस में
मोरवा थाना दो दिनों से निरीक्षक विहीन है। जहां अब मोरवा टीआई बनने के लिए छ: निरीक्षकों के नामों की चर्चाएं हैं जो इच्छा जाहिर कर रहे हैं। हालांकि यह सब कुछ तहखाने की बात है। किन्तु सूत्र बता रहे हैं कि जिले के बरगवां में पदस्थ निरीक्षक आरपी सिंह, विन्ध्यनगर टीआई यूपी सिंह, चितरंगी टीआई डीएन राज, गढ़वा टीआई अनिल उपाध्याय, लाईन में पदस्थ संतोष तिवारी के साथ-साथ कटनी जिले में पदस्थ विपिन सिंह एवं भोपाल में पदस्थ अशोक सिंह परिहार के नामों की चर्चाएं तेजी से चल रही हैं।
यहां बताते चलें कि निरीक्षक अशोक सिंह परिहार जिले के प्रभारी मंत्री के करीबी रिश्तेदार हैं और उनका नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। हालांकि अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। क्षेत्रीय विधायक व सांसद से सहमति ली जा सकती है। मोरवा थाने में नया टीआई कब मिलेगा इसकी भी चर्चाएं खूब चल रही हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि 5 अक्टूबर के पहले नये थाना प्रभारी की पदस्थापना हो सकती है।