

भाजपा को सीएम कुर्सी बचाने के लिए कम से कम 9 सीटें होगे जीतने
मध्य प्रदेश। सीएम शिवराज ने लिख दिया इतिहास ! जी हां मध्यप्रदेश के अगले सीएम के लिए शिवराज सिंह का नाम लगभग तय माना जा रहा है महज औपचारिकता बस शेष रह गया है,आज शाम 7 बजे शपथ लेने की संभावना जताई जा रही है! शिवराज के सीएम बनने तक के सफर में तीसरे किरदार के रूप में ज्योतिराज सिंधिया जिन्हे महाराज भी कहते हैं उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उनके 22 समर्थक विधायकों की मदद से शिवराज मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।ताजा सियासी ड्रामे में शिवराज सबसे बड़े गेम चेंजर के रूप में माने जा रहे हैं।
20 मार्च को कमलनाथ के इस्तीफे के बाद सीएम पद की दौड़ में शिवराज ही सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। वे 2005 से 2018 तक लगातार 13 साल सीएम रह चुके हैं। इस दौरान उन्होंने तीन बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके फिर सीएम बनने पर मध्यप्रदेश के इतिहास में पहला मौका होगा, जब कोई चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगा। यह पल इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों से लिख दिया जाएगा। शिवराज के अलावा अब तक अर्जुन सिंह और श्यामाचरण शुक्ल तीन-तीन बार सीएम रहे हैं। इस बार शिवराज के साथ-साथ नरेंद्र सिंह तोमर और नरोत्तम मिश्रा के नाम की भी चर्चा थी। माना जा रहा है कि भाजपा आलाकमान ने शिवराज के नाम ही मुहर लगा दी है।
शिवराज को 18 दिन तक चले सियासी ड्रामे से सबसे ज्यादा फायदा
15 सालों तक सत्ता में रही भाजपा सरकार जब दिसंबर 2018 में सत्ता गवाई तो उसके बाद शिवराज सिंह चौहान के राजनीतिक करियर पर भी लोग सवाल खड़ा करने लगे। खबरें तो यहां तक आई कि शिवराज को केंद्र में भेजा जा सकता है लेकिन उन्होंने मध्य प्रदेश में ही रहने की मन्सा जताई। शिवराज हार के बाद भी प्रदेश में सक्रिय राजनीति करते रहे। शिवराज ने इसी साल जनवरी में सिंधिया से मुलाकात की जिसे लोगों ने राजनीतिक दृष्टिकोण से जोड़कर भी देखा। हालांकि, इसे उन्होंने शिष्टाचार भेंट बताया था। मध्यप्रदेश में हाल ही में 18 दिन तक चले सियासी ड्रामे से सबसे ज्यादा फायदा शिवराज सिंह को ही मिला।
6 महीने में 24 सीट में होगा चुनाव
विधानसभा में 230 सीटें हैं। दो विधायकों के निधन के बाद 2 सीटें पहले से खाली हैं। सिंधिया समर्थक कांग्रेस के 22 विधायक बागी हो गए और भाजपा में जा मिले ! इनमें 6 मंत्री भी शामिल थे। स्पीकर एनपी प्रजापति इन सभी के इस्तीफे मंजूर कर चुके हैं। इस तरह कुल 24 सीटें अब खाली हैं। इन पर 6 महीने में चुनाव होने हैं।
सीएम कुर्सी बचाने के लिए कम से कम 9 सीटें होगे जीतने
मध्यप्रदेश में सीएम कुर्सी को बचाने के लिए भाजपा को कम से कम 9 सीटें जीतनी होंगी तब कहीं जाकर सीएम की कुर्सी सेफ जोन में रहेगी दरअसल वर्तमान में भाजपा के पास 106 विधायक हैं। 4 निर्दलीय उसके समर्थन में आए तो भाजपा की संख्या 110 हो जाती है। 24 सीटों पर उपचुनाव होने पर भाजपा को बहुमत के लिए 7 और सीटों की जरूरत होगी। अगर निर्दलीयों ने भाजपा का साथ नहीं दिया तो उपचुनाव में पार्टी को कम से कम 9 सीटें जीतनी होंगी।
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