3सीधी 19 अप्रैल, 2022– पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा है कि बुलडोजर मामा अंग्रेजी राज का देशी संस्करण है। पूरा मध्यप्रदेश पूछ रहा है कि अंग्रेजों का रॉलेट एक्ट तो उसी जमाने में खत्म हो गया था जिसमें न अपील, न दलील और न वकील होता था। यह दोबारा कब लागू हो गया? बिना जांच के कई बेगुनाहों के घर बिना किसी कानूनी आधार पर क्यों तोड़े जा रहे हैं? क्या मध्यप्रदेश की जनता अंग्रेजों के बाद भाजपा सरकार की गुलाम है। सरकार ने एक दिन में किस तकनीक से जांच कर ली और खरगोन में 90 मकान गिरा दिए गये।
अजय सिंह ने कहा कि बुलडोजर के नाम से बेगुनाहों को हटाया जा रहा है। कोई सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर ले और वह तोड़ा जाए तो समझ में आता है, लेकिन जो परिवार मकानों में रह रहे हैं और जिनकी कोई गलती नहीं है उन्हें शिवराज सरकार क्यों प्रताड़ित कर रही है? यह समझ से परे है। योगी की नक़ल करते हुए शिवराजसिंह अति उत्साह में जो बुलडोजर चला रहे हैं, वह उनको उल्टा पड़ेगा।
अजय सिंह ने कहा कि दूर क्यों जाएँ, भोपाल के आसपास सरकार के रसूखदार लोग बड़े बड़े अतिक्रमण कर रहे हैं| इनके मकान क्यों नहीं तोड़े जा रहे हैं? बलात्कार की धमकी देने वाले खुले आम घूम रहे हैं और बेगुनाहों के घर बेदर्दी तोड़े जा रहे हैं। क्या देश में कोई न्यायपालिका है या फिर भाजपा नेता ही जज बन चुके हैं। मैंने पहले भी सुझाव दिया था कि बुलडोजर चलाने के अलावा और भी विकल्प हैं कि घर तोड़ने के बजाय अपराध सिद्ध होने तक आरोपी के घर को सरकार राजसात कर ले| क्या घर तोड़ने पर अपराध कम हो जायेंगे। बल्कि बेगुनाह सड़क पर आ जायेंगे।
सिंह ने सरकार से पूछा है कि फ़िल्मी स्टाइल में अपराधियों में डर बैठाने के नाम पर अगर एक भी बेगुनाह के साथ अन्याय होता है तो क्या वह अपराध नहीं होगा? शिवराजसिंह को इस बात पर धैर्य के साथ विचार करना चाहिए न कि योगी की नकल। ऐसे में तो कानून एक मजाक बन कर रह जाएगा। उन्होंने शिवराजसिंह से मांग की है कि अभी तक जितने मकान तोड़े गये हैं, मुख्यमंत्री इनकी सूक्ष्मता से जांच करवाएं और जो बेगुनाह परिवार प्रताड़ित हुए है, उन्हें अपना मकान दोबारा बनाने के लिए सरकार मुआवजा दे।