नई दिल्ली-22 अप्रैल- देशभर में कोरोना संक्रमण से हाहाकार मचा हुआ है कहीं स्वास्थ्य सुविधाएं पर्याप्त नहीं हैं वायरस के खतरनाक होने के कारण शरीर उस से लड़ ही नहीं पा रहा है इस बीच एक नया कोरोना वायरस आ गया है. खबरें आ रही हैं कि ये ट्रिपल म्यूटेंट है. देश में इस समय कोरोना वायरस भयावह रूप से फैला हुआ है. सबसे बुरी हालत महाराष्ट्र की है. महाराष्ट्र में हुई जीनोम सिक्वेंसिंग से पता चला कि जितने केस आए हैं, उनमें से 60 फीसदी में नया कोरोना वायरस है. इसका नाम रखा गया है B.1.618 वैरिएंट. इससे पहले डबल म्यूटेंट कोरोना वायरस आया था, जिसका नाम B.1.617 था.
बता दें कि महाराष्ट्र दिल्ली और बंगाल में कोरोना वायरस के इस रूप ट्रिपल म्यूटेशन से संक्रमित लोग पाए जा चुके हैं ट्रिपल म्यूटेशन का मतलब होता है कोरोनावायरस के तीन अलग-अलग स्वरूपों का मिलकर एक नया स्वरूप बनाना। वैज्ञानिकों की मानें तो दुनिया भर में कोरोना आंकड़ों में जो वृद्धि हो रही है उसका मुख्य कारण कोरोना का नए-नए रूप लेना है। नए ट्रिपल म्यूटेंट कोरोना वायरस में नए जेनेटिक सेट हैं. इसमें E484K वैरिएंट के अंश भी है. ट्रिपल म्यूटेंट कोरोना वायरस B.1.618 किसी के भी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यून सिस्टम को धोखा दे सकता है. इतना ही नहीं जिन्हें कोरोना संक्रमण पहले हो चुका है उनके शरीर में मौजूद एंटीबॉडी को भी ट्रिपल म्यूटेंट कोरोना वायरस धता बता सकता है.
आपको बता दें कि कोरोना के ट्रिपल म्यूटेंट के लिए वैक्सीन भी कारगर नहीं है इस सिलसिले में मैकगिल यूनिवर्सिटी में महामारी विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ मधुकर पई का कहना है की कोरोना कर ट्रिपल म्यूटेंट बहुत अधिक संक्रमणीय रूप है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि इस समय पश्चिम बंगाल में यह ट्रिपल म्यूटेंट कोरोना वायरस B.1.618 तेजी से फैल रहा है. पश्चिम बंगाल में इस वायरस के शुरुआती सिक्वेंस मिले हैं. इस समय पश्चिम बंगाल में चुनाव चल रहे हैं. B.1.618 वैरिएंट से मिलते-जुलते वायरस अमेरिका, स्विट्जरलैंड, सिंगापुर और फिनलैंड में भी मिले हैं.
डॉ पई के अनुसार कोरोना डबल म्यूटेंट के बारे में देर से जानकारी मिलने की कारण ही शायद इतनी तेजी से कोरोना आंकड़ों में वृद्धि हो रही है उनके मुताबिक वायरस जितना फैलता है उतना ही वह अपनी प्रकृति में बदलाव करता है और घातक होता जाता है वैज्ञानिक युग के अनुसार अभी तक कोरोना ट्रिपल म्यूटेंट पर ज्यादा रिसर्च नहीं किया जा सका है इसलिए उसके खिलाफ कौन सी दवाई और कौन सी वैक्सीन कारगर रहेगी यह कह पाना संभव नहीं है।
B.1.618 – a new lineage of SARS-CoV-2 predominnatly found in India and characterized by a distinct set of genetic variants including E484K , a major immune escape variant. pic.twitter.com/dtfQJp2S2B
— Vinod Scaria (@vinodscaria) April 20, 2021