न्यूज़ फास्ट, नई दिल्ली क्लॉडियस टॉलेमी के समय में, यूनानियों ने पाकिस्तान, तक्षशिला और पंजाब की यात्रा की। वे यहां की संस्कृति से बहुत प्रभावित और आकर्षित हुए। उन्होंने कहा कि यहां जीवित देवी-देवता निवास करते हैं।समय के साथ बहुत कुछ बदल गया है। प्रवासन के कारण कई नई जातियाँ अस्तित्व में आईं जो बहुत सुंदर थीं। यह महिलाओं की खूबसूरती का एक बड़ा राज भी हो सकता है।
अरब के रेगिस्तानों में पानी की कमी से सभी वाकिफ हैं लेकिन कहा जाता है कि 1500 साल पहले भी पैगंबर मुहम्मद ताजे पानी से नहाते थे। हालांकि वहां पानी पहुंचाना मुश्किल काम था, लेकिन उन्होंने साफ-सफाई से कभी समझौता नहीं किया। आज भी दुनिया भर में मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज अदा करने से पहले वजू के दौरान अपने हाथ-पैर को कोहनी तक अच्छी तरह धोते हैं।
पाकिस्तान की हुंजा कम्युनिटी। खासियत ये है कि इसकी महिलाएं 80 साल में भी 30-40 साल जैसी दिखाई देती हैं। ये कम्युनिटी उत्तरी पाकिस्तान की कराकोरम पहाड़ियों में हुंजा घाटी नाम से चर्चित जगह पर रहती है। कहा जाता है कि इस कम्युनिटी के लोग औसतन 120 साल तक जिंदा रहते हैं।
पाकिस्तानियों का मानना है कि अल्लाह की इबादत करते वक्त साफ-सफाई का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इस बात से कोई इंकार नहीं है कि कई बार जब आप पानी से चेहरा धोते हैं तो उस पर जमा धूल के कण अपने आप हट जाते हैं और त्वचा बेदाग नजर आने लगती है। शायद यही वजह है कि पाकिस्तानी महिलाओं की त्वचा बेदाग होती है।पाकिस्तानी महिलाएं कई तरह के सुगंधित तेलों से मालिश करती हैं। यह एक तरह का पारंपरिक सोना बाथ की तरह है। इससे उनकी खूबसूरती निखरती है और उनकी त्वचा बेदाग रहती है।
पाकिस्तानी महिलाओं की खूबसूरती को बढ़ाने में भी कोहली अहम भूमिका निभाते हैं। पाकिस्तान में होममेड काजल से आंखों की खूबसूरती बढ़ाने का रिवाज काफी समय से चला आ रहा है। घी और दीये की कालिख से लोग घर पर ही काजल बनाते हैं।हालांकि, समय के साथ-साथ पाकिस्तानी महिलाएं अब बाजार में उपलब्ध कई ब्रांड के काजल का इस्तेमाल कर रही हैं।
पाकिस्तानी महिलाओं के खूबसूरत बालों का राज यह है कि उनके बाल बुर्का से ढके होते हैं, इस वजह से बाल धूप और धूल के संपर्क में नहीं आते हैं। वहीं पाकिस्तानी महिलाएं अपने बालों को गर्म तेल से मसाज करके अच्छे से कंडीशनर करती हैं। पाकिस्तानी महिलाएं भी मेहंदी में दही या चाय का पानी मिलाकर बालों पर लगाती हैं। इससे उनके बालों में चमक आती है। मेहंदी को इस्लाम में पवित्र माना जाता है। हालांकि सभी महिलाएं ऐसा नहीं करती हैं, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।
पाकिस्तान की हुंजा कम्युनिटी के लोग फिजिकली और मेंटली बहुत स्ट्रॉन्ग होते हैं।
- एक ओर इनकी औरतें बूढ़ी होने पर भी जवान दिखती हैं, वहीं इनके मर्द 90 साल में भी पिता बन सकते हैं।
- इनकी लाइफस्टाइल ही इनके लंबे जीवन का रहस्य है। ये लोग सुबह 5 बजे उठ जाते हैं। ये लोग पैदल बहुत घूमते हैं।
- कहा जाता है कि ये लोग दिन में केवल दो बार ही खाना खाते हैं। पहली बार वो दिन में 12 बजे खाना खाते हैं और फिर रात को।
- इनका खाना पूरी तरह नेचुरल होता है। इसमें किसी तरह का कैमिकल नहीं मिलाया जाता।
- इनका दूध, फल, मक्खन सब चीजें प्योर होती हैं। गार्डन में पेस्टिसाइड स्प्रे करना इस कम्युनिटी में बैन है।
- ये खास तौर पर जौ, बाजरा, कुट्टू और गेहूं खाते हैं। इनके अलावा आलू, मटर, गाजर, शलजम, दूध जैसी चीजें भी ये बहुत खाते हैं।
- ये कम्युनिटी मांस बहुत कम खाती है। किसी खास मौके पर ही मांस पकता है, लेकिन उसमें भी पीस बहुत छोटे-छोटे होते हैं।
- इस तरह की लाइफ स्टाइल की वजह से इन्हें कैंसर जैसी बीमारी कभी नहीं होती।
इस कम्युनिटी के लोगों को बुरुशो भी कहते हैं। इनकी भाषा बुरुशास्की है।
- कहा जाता है कि ये कम्युनिटी अलेक्जेंटडर द ग्रेट की सेना के वंशज हैं। जो 4थी सदी में यहां आए थे।
- ये कम्युनिटी पूरी तरह मुस्लिम है। इनकी सारी एक्टिविटीज मुस्लमानों जैसी ही हैं।
- ये कम्युनिटी पाकिस्तान की बाकी कम्युनिटीयों से कहीं ज्यादा एजुकेटेड है।
- हुंजा घाटी में इनकी पॉपुलेशन करीब 87 हजार ही है।
टूरिस्ट डेस्टिनेशन है हुंजा वैली - हुंजा वैली पाकिस्तान की सबसे ज्यादा पसंदीदा टूरिस्ट डेस्टिनेशन्स में से एक है।
- दुनियाभर से लोग यहां की पहाड़ों में छुपी खूबसूरती देखने आते हैं।
- इस कम्युनिटी पर कई लोग किताबें भी लिख चुके हैं।
- इनमें से जेआई रोडाल की ‘द हेल्दी हुंजास’ और डॉ. जो क्लार्क की ‘द लोस्ट किंगडम ऑफ द हिमालयाज’ फेमस हैं।