मर्यादा पुरुषोत्तम राम का नाम लेना ही व्यक्ति को मोक्ष के मार्ग पर ले जाता है। तुलसीदास जैसा व्यक्ति भी राम नाम का जाप कर प्रभु राम के शरण को प्राप्त हुआ।सोशल मीडिया में इन दिनों डॉ कुमार विश्वास के सम्मेलन जमकर वायरल हो रहा हैं। डॉ कुमार विश्वास ने अपने फेसबुक पेज में एक वीडियो डालते हुए लिखा की ख़ैर, आपके इस निपट निर्लज्ज व बेहूदा प्रहसन से मेरे मन में रमें राम और उनकी अनघ प्रतिमा पर तो साँस भर भी फ़र्क़ नहीं पड़ेगा शोएब आफ़ताब मियाँ और न ही मेरी आध्यात्मिकता इतनी छिछली और सस्ती है कि मैं किसी धर्मांध जाहिल की तरह तुम्हें सरेआम सड़क पर दंड दूँ।देश में क़ानून है, वो जाने और तुम्हारा अपराध जाने पर आज रात सोने से पहले बस इतना भर सोचना कि यही घटियापन किसी ने तुम्हारे आराध्य के लिए तुम्हारे ही सामने किया होता तो तुम कैसा महसूस करते ?
डॉक्टर तो पीड़ा हरने वाले होते हैं तुम तो अपनी सोच से करोड़ों आस्थावान लोगों को दुख पहुँचा रहे हो ? आज रात मैं अपने राघवेंद्र राम से प्रार्थना करूँगा कि वो तुम्हारे कलुषित चित्त को अपने दर्शन से निर्मल करे।इस निकृष्ट प्रसंग पर बैठ कर दांत निपोर-निपोर कर ताली बजा रहे तथाकथित प्रतिभा पुत्रों-पुत्रियों से भी अनुरोध है कि किसी दिन थोड़ा समय निकाल कर मेरे “अपने-अपने राम” के ऊर्जा सत्र सुन लें।जीवन और जूअबन दोनों में सुधार होगा।जय सियाराम ?
(साथ ही यह देखने की भी प्रतीक्षा करूँगा कि प्रसंगों से कटे मेरे दो दशक पुराने राजनैतिक उद्देश्य से एडिटिड वीडियोज के चुटकुलों से बक़ौल उनके,जिनके आराध्य क़तई गिर-गिर गए थे, जिनकी धार्मिक भावनाएँ क़तई अफ़ग़ानिस्तान की तरह तहस-नहस हो गईं थीं वे मेरे अन्य मतावलंबी साथी इन शोएब मियाँ के इस बेहूदत्व के खिलाफ कितना विधवा-विलाप करते हैं।?