नई दिल्ली: कहते हैं कि यदि मन में किसी को पाने की सच्ची लगन हो तो हर मुश्किल आसान हो जाती है भले ही उसके लिए कई बार असफलताओं से गुजर ना पड़े लेकिन कामयाबी एक ना एक दिन जरूर मिल जाती है कुछ ऐसा ही दिखा हरियाणा की रहने वाली देवयानी के साथ देवयानी का आईएएस बनना आसान तो बिल्कुल नहीं कहा जा सकता। लगातार तीन बार फेल होने के बाद चौथी बार सफलता मिली है देवयानी ने साल 2015 16 व 17 में यूपीएससी परीक्षा में बैठी थी लेकिन वह पास नही हो पाती थी बावजूद इसके वह हार नहीं मानी और लगातार तैयारी करती रही।
देवयानी हरियाणा के महेंद्रगढ़ की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा एसएच सीनियर सेकेंडरी स्कूल, चंडीगढ़ से की। देवयानी ने 2014 में बिट्स पिलानी के गोवा कैंपस से इलेक्ट्रॉनिक्स और इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद यूपीएससी परीक्षा में देवयानी ने पिछले साल अपने चौथे प्रयास में 222बी रैंक हासिल की। लेकिन यहां भी उन्हें आईएएस बनने की दृढ़ता कम नहीं हुई जहां संघ लोक सेवा आयोग ने हाल ही में पि एस सी 2020 फाइनल परीक्षा का रिजल्ट जारी किया है था जिसमें देवयानी ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया और ऑल इंडिया में एक 11वीं रैंक हासिल कर आईएएस बनने में सफल रही हैं।
संभाग आयुक्त की बेटी
देवयानी (Devyani) हिसार के संभागीय आयुक्त विनय सिंह (Divisional Commissioner Vinay Singh) की बेटी हैं और उन्होंने शुरू से ही अपने पिता को एक सिविल सेवक के रूप में काम करते देखा था, इसलिए वह भी अपने पिता जैसा बनना चाहती थी. देवयानी अपने पिता को ही प्रेरणा मानती हैं.DNA की रिपोर्ट के अनुसार, देवयानी (Devyani) ने कभी भी ये नहीं देखा कि वह कितने घंटे पढ़ाई करती है. वह बिना किसी टेंशन के गंभीरता से पढ़ाई करती थी. सेंट्रल ऑडिट विभाग में चयन के बाद उन्हें पढ़ाई के लिए ज्यादा समय नहीं मिलता था, इसलिए वह वीकेंड यानी शनिवार और रविवार को ही पढ़ाई करती थीं.
तीन असफलताओं के बाद हुईं पास
देवयानी (Devyani) के लिए आईएएस बनने का सफर आसान नहीं था और लगातार तीन बार फेल के बाद उन्हें सफलता मिली. देवयानी ने साल 2015, 2016 और 2017 में यूपीएससी परीक्षा दी थी, लेकिन वह पास नहीं हो पाईं. पहले और दूसरे प्रयास में देवयानी प्री एग्जाम भी नहीं पास कर पाई थीं, हालांकि साल 2017 में वह इंटरव्यू राउंड तक पहुंची, लेकिन फाइनल लिस्ट में उनका नाम नहीं आया. इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और 2019 के एग्जाम में सफलता हासिल कर 222वीं रैंक पाने में सफल रहीं.
चौथे प्रयास में 11वीं रैंक की हासिल
222वीं रैंक हासिल करने के बाद देवयानी (Devyani) का चयन सेंट्रल ऑडिट विभाग के लिए हुआ और इसके लिए उन्होंने ट्रेनिंग शुरू की, लेकिन इसके साथ ही यूपीएससी की तैयारी भी करती रहीं. कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प ने देवयानी ने ऑल इंडिया में 11वीं रैंक हासिल की आईएएस बनने में सफल रहीं. इससे पहले साल 2019 में देवयानी का चयन राजस्थान सिविल सेवा में भी हुआ था.
मॉक इंटरव्यू व अखबार से मिली सफलता
देवयानी (Devyani) के मुताबिक उन्होंने इस बार की परीक्षा में ऑप्शनल सब्जेक्ट में ज्यादा फोकस करते हुए नंबर लाने का लक्ष्य रखा था और इसमें वह सफल हुईं. इसके साथ ही इंटरव्यू की तैयारी के लिए उन्होंने मॉक इंटरव्यू का भी सहारा लिया और इसका काफी फायदा हुआ. इसके अलावा देवयानी रोजाना अखबार पढ़ती थीं करंट खबरों पर ज्यादा फोकस था इसके साथ ही लिखने पर ध्यान देती थीं.