सरकार के पबजी गेम पर बैन लगाने से अभिभावकों में काफी खुशी है तो वहीं दूसरी तरफ कुछ बच्चे हिंसक होने के साथ-साथ मारपीट पर भी उतारू हो रहे हैं । लेकिन इस बीच अभिभावकों का कहना है कि यह ऐप बच्चों और युवाओं पर नशे की लत की तरह असर करता है। देश में काफी संख्या में बच्चे इस तह के गेम्स के चलते खुदकुशी भी कर चुके हैं। यह गेम बंद होने से बच्चे पढ़ाई पर भी ध्यान देंगे।
पबजी गेम बंद करके सरकार ने अच्छा निर्णय लिया है। अब बच्चों को मानसिक तनाव भी नहीं झेलना होगा और पढ़ाई में भी उनका ध्यान लगेगा। यह गेम तो बहुत पहले ही बंद हो जाना चाहिए था। कई बच्चे तो गेम की नकल करने में जान तक गवा चुके हैं।
बता दे कि अशोका गॉर्डन में रहने वाला15 वर्षीय राहुल (परिवर्तित नाम) एक साल से पबजी खेलने की लत का शिकार है। अब गेम न खेल पाने के कारण तनाव में आकर हिंसक हो रहा है। हाल ही में छोटे भाई से मारपीट, घर में तोड़फोड़ की। घरवालों ने मजबूरी में उसे रस्सी से बांध दिया और काउंसलर से मदद ली। राहुल की मां ने कहा पबजी ने पहले ही बेटे को बर्बाद किया हुआ था। अब बैन हो जाने के बाद भी भूत की तरह हमारे बेटे के पीछे लगा हुआ है।
रात में नींद नहीं आने के कारण पीने लगा कफ सीरप
रीवा निवासी 21 वर्षीय जीवन (परिवर्तित नाम) का कहना है कि उसे पबजी खेलकर ही नींद आती थी। जब से इस पर बैन लगा है, नींद के लिए कफ सीरप पी रहा है। अर्पित ने काउंसलर के सामने कहा कि वह खुद को हताश महसूस कर रहा है। ऐसा लग रहा है जैसा कोई गर्लफ्रेंड से ब्रेकअप होने पर महसूस करता है। उसे पबजी की लत लग गई थी, उसने गेम्स में काफी पैसा भी जीता है। वह इस सबसे कैसे बाहर निकले ?