मलखान सिंह ने कहा शिवराज ने कोटा से बड़े-बड़े लोगों के चार हजार बच्चो को निकालकर घर पहुंचाया,गरीब मारे-मारे फिर रहा,मलखान सिंह को सुनें,
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गुना — चंबल के बीहड़ों में अपनी बंदूक का लोहा मनवाने वाले बागी डाकू रहे मलखान सिंह ने महाराष्ट्र में हुई संतों की निर्मम हत्या पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहां संतों की हत्या और बहन बेटियों की इज्जत तार-तार होने से कब बचा पाएंगे प्रधानमंत्री। दूसरी तरफ शिवराज सरकार पर हमला करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश सरकार में कोटा में फंसे बच्चों के लिए गाड़ी कहां से आई, 200 गाड़ियां भेज दी गई, कोटा में पढ़ रहे बड़े-बड़े लोगों के चार हजार बच्चो को निकालकर उनके घर में पहुंचा दिया गया। गरीब मारे मारे फिर रहे हैं यह न्याय नहीं अन्याय हो रहा है देश के अंदर पक्षपात है। गरीब जो बाहर फंसे हुए हैं उनके लिए प्रदेश सरकार ने कुछ नहीं किया हैकोरोना का बहाना लेकर काम नहीं चलेगा। जी हां, कभी मध्य प्रदेश के बीहड़ का आतंक रहे पूर्व दस्यू सरगना डाकू मलखान सिंह ने सरकार पर सवाल खड़े किए हैं ।
कोरोना को लेकर मलखान सिंह ने कहा कि कोरोना एक महामारी नहीं पाप है,बदमाशी हो रही है। गरीबों के प्रति,महात्माओं के प्रति,गाय के प्रति,कन्याओं के प्रति अन्याय हमेशा से होता रहा और वही आज एक महामारी आ चुकी है। मारपीट,हत्याएं,गाय को काटना, कन्याओं के साथ बलात्कार होना इसी का यह अंजाम है। यह कोरोना नहीं है पाप का घड़ा भर चुका है,फूट चुका है और फैलने वाला है।कोरोना वायरस को रोकने के लिए पूजा पाठ करना होगा।
मलखान सिंह ने यह भी कहा
दो महात्माओं की जो निर्मम हत्या की गई है,पूरे देश के लिए दुखद बात है। यह संतों के साथ बहुत बड़ा अन्याय हैं,आदिकाल से ही संतों का बड़ा आदर व सम्मान रहा है। यह देश की बहुत बड़ी पूंजी है महात्माओं के साथ जो अन्याय हुआ है, बहुत दुख की बात है हिंदुस्तान का कोई नेता महात्मा के साथ हुए अन्याय के बारे में बोला नहीं, किसी पार्टी ने कुछ कहा नहीं, यह दुख की बात है। यह क्रांति के लक्षण है, महात्मा ना तो गाय को बचा पा रहे हैं, ना अपने धर्म को बचा पा रहे हैं, महात्मा ना महात्मा को बचा पा रहे हैं। लफंगे गुंडे लाठी-डंडों से मार-मार कर महात्माओं की हत्या कर रहे हैं और भारत सरकार चुपचाप बैठी है कोई एक्शन नहीं ले रही है क्यों नहीं दे रही यह देश के लिए घातक है. पंचायत की बात करते हैं पंचायत को किसी नेता ने या किसी अधिकारी ने देखा है वहां आना रोड है सिर्फ गड्ढे हैं गांव में पंचायत कैसे चलती है. देश के प्रधानमंत्री की तारीफ करते हुए कहा कि देश में जो लाख डाउन किया है वह बहुत अच्छा है लेकिन गरीब बच्चे भूखों मर रहे हैं लाठिया खा रहा है संत मारे जा रहे हैं गरीबों की हालत खराब हो रही है गुजरात से महिलाएं मजदूरी करके पैदल अपने गांव छुप छुप कर पहुंच रही हैं . क्या भारत सरकार इन्हें 2 दिन पहले इनके घरों में नहीं भेज सकती थी तो वहीं
कौन है मलखान सिंह मलखान सिंह अपने गाँव में दुश्मनी के चलते व राजनीति से परेशान थे साथ ही पुलिस द्वरा प्रताड़ित करने पर उन्होंने बागी बनने की ठानी । इस तरह नए डाकू मलखान सिंह का जन्म हुआ । जिसका नाम सुनकर ही दूर दूर तक के लोग ,पुलिस ,छोटे मोठे दादा पहलवान भी कापते थे।अपहरण ,खून ,लूट ,डराना धमकाना ,गोलीबारी आदि जैसे ख़ौफ़नाक काम करते थे साथ ही वह नारी का सम्मान भी करते थे।
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