देशभर में ऑक्सीजन गैस की कमी,अब भी संभल जाओ,
देश में चल रही कोरोनावायरस की लहर से सब के हाल बेहाल है रिकॉर्ड मामलों के साथ रिकॉर्ड मतों से मनोबल भी कमजोर पड़ने लगा है ऐसे में आईआईटी के वैज्ञानिकों के रिसर्च के अनुसार मई के सेकंड वीक में कोरोना अपनी पीठ पर होगा। और इसके बाद तीव्रता से कोरोना आंकड़ों में गिरावट देखने को मिलेगी। इस बात का दावा तो नहीं किया गया है कि लेकिन वैज्ञानिकों के अनुसार उनके मैथमेटिक्स माड्यूल के हिसाब से ऐसा ही होना चाहिए मध्य मई में कोरोनावायरस समय लगभग 33 से 35 लाख कोरोना के मामले होगे।
आईआईटी कानपुर के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल ने प्रेस ट्रस्ट आफ इंडिया न्यूज़ एजेंसी से बात करते हुए बताया कि कोरोनावायरस मई के मध्य में अपने पिक पर हो सकते हैं। आज की समस्याओं के समाधान की तैयारी हमने पहले नहीं की जिसका नतीजा देश की जनता भुगत रही है. इसलिए जरूरी है कल की तैयारी अभी से कर लें.देश के हॉस्पिटलों में बेड की कमी हो गई है. बेड मिल भी जाये तो ऑक्सिजन नहीं मिलने वाली है.
सुप्रीम कोर्ट-हाईकोर्ट और पीएम सहित देश के सभी प्रमुख राज्यों के मुख्यमंत्री ऑक्सीजन की समुचित व्यवस्था के लिए मीटिंग-मीटिंग खेल रहे हैं. क्योंकि हमने आने वाली समस्याओं का सामना करने के लिए पहले प्लानिंग नहीं की. जिसका नतीजा यह निकल रहा है कि जो चीजें हमारे पास हैं उनके लिए भी देश की जनता भटक रही है. यह समस्या यहीं खत्म नहीं होने वाली है.
विशेषज्ञों का कहना है कि अगले महीनें 10 मई से 15 मई के बीच कोरोना संक्रमण का पीक टाइम होगा. इसके लिए हम क्या कर रहे हैं? और इसके लिए हमें क्या करना चाहिए? क्यों कि यह इतना बड़ा संकट हो सकता है जिसकी हमने कल्पना भी नहीं की होगी.अप्रैल के पहले सप्ताह में ही ऐसी खबरें आ गईं थीं अगले 45 दिन कोरोना संक्रमण के हिसाब से बहुत खराब हैं. पर हमने क्या किया? हमारे देश की
कार्यपालिका-न्यायपालिका अब जाकर सक्रिय हुईं हैं. फैसले पर फैसले सुनाएं जा रहे हैं. कार्यपालिका मीटिंग पर मीटिगं में व्यस्त हैं. ऑक्सिजन के प्रोडक्शन और डिस्ट्रिब्यूशन को लेकर जो फैसले लिए जा रहे हैं वो एक हफ्ते पहले भी लिए जा सकते थे. फिलहाल गलतियों से सीख कर दुबारा गलतियां न करने वाला भी महान होता है. पर ऐसा लगता नहीं है कि अभी हम चेत गए हैं. क्योंकि अभी भी पीक को ध्यान में रखकर कुछ भी नहीं हो रहा है.