नई दिल्ली — केंद्र सरकार ने रेमडेसीविर इंजेक्शन और रेमडेसीविर एक्टिव फार्मास्यूटिकल इनग्रेडिएंट्स एपीआई के निर्यात पर रोक लगा दी है। दरअसल कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के बीच इंजेक्शन की बढ़ती मौत के बीच मारामारी मचा हुआ है ऐसे में सरकार ने फैसला लिया है कि अब इंजेक्शन के निर्यात नहीं किया जाएगा रेमडेसीविर के सभी घरेलू उत्पादों से साफ तौर पर कहा गया है कि वे अपनी वेबसाइट पर दवा की स्टॉकिस्ट या वितरण की जानकारी डिस्प्ले करें। अब जब निर्यात रोक दिया गया है तो अब कुछ ही दिनों में रेमदेसीविर इंजेक्शन की पर्याप्त उपलब्धता हो जाएगी साथ ही इसके कालाबाजारी पर भी रोक लगाई जा सकेगी।
सरकार ने स्पष्ट तौर पर ड्रग इंस्पेक्टर और अन्य अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे स्टाक की जांच करते रहें साथ ही जमाखोरी और कालाबाजारी रोकने के लिए जरूरी कदम उठाएं। राज्यों के स्वास्थ्य सचिव ड्रग इंस्पेक्टरों के साथ स्थिति की समीक्षा करें सरकार ने यह भी कहा है कि रेमडेसीविर के उत्पादन को बढ़ाने के लिए फार्मास्यूटिकल विभाग घरेलू उत्पाद को से संपर्क करें।
बता दें कि देश की कई राज्यों में ऐसी तस्वीर सामने आ रही हैं जहां रेमडेसीविर इंजेक्शन के लिए मेडिकल की दुकानों पर लंबी-लंबी कतारें लगी हुई है। बताया जा रहा है कि कोरोनावायरस के पहली लहर के बाद कंपनियों ने उत्पादन कम कर दिया था देश में सात कंपनियां रेमदेसीविर इंजेक्शन का घरेलू जरूरत के लिए उत्पादन के साथ निर्यात भी कर रही हैं उनकी प्रतिमाह 38.80 लाख इंजेक्शन तैयार करने की क्षमता है। इसके अलावा कुछ और कंपनी है इसका उत्पादन केवल निर्यात के लिए कर रही हैं देश में कोरोनावायरस के बाद कंपनियों ने इंजेक्शन का उत्पादन कम कर दिया था जिससे देश में इंजेक्शन का संकट पैदा हो गया इस बीच दवा निर्माता संघ ने रेमदेसीविर की कमी को देखते हुए सीडीएसओ को चिट्ठी लिखकर निर्यात के लिए रखे स्टार्ट को रोकने की मांग की है इस पर सरकार ने निर्यात पर रोक लगाने का फैसला किया है।