गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी की याचिक पर फैसला,रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर से अजान की इजाजत नहीं
प्रयागराज – इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को मस्जिदों में अजान देने के प्रकरण में बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा-मस्जिदों में अजान से कोविड-19 की गाइडलाइन का नहीं उल्लंघन नहीं होता है।लेकिन,लाउडस्पीकर से अजान इस्लाम का हिस्सा नहीं है। किसी भी मस्जिद से लाउडस्पीकर से अजान दूसरे लोगों के अधिकारों में हस्तक्षेप करना है। कोर्ट ने कहा- जिन मस्जिदों के पास लाउडस्पीकर की अनुमति है, वही इसका इस्तेमाल करें। बिना प्रशासन की अनुमति के लाउडस्पीकर से अजान न दें।
डीएम के आदेश के खिलाफ सांसद अफजाल अंसारी ने लगाई थी याचिका
गाजीपुर के डीएम के आदेश के खिलाफ,गाजीपुर से बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सांसद अफजाल अंसारी की अजान पर रोक के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी। जिसे कोर्ट ने जनहित में स्वीकार किया था।पत्र में तर्क दिया गया था-रमजान माह में लाउडस्पीकर से अजान की अनुमति न दिया जाना धार्मिक स्वतंत्रता व मूल अधिकारों का हनन है। गाजीपुर के जिलाधिकारी ने मौखिक आदेश से मस्जिदों से अजान देने पर रोक लगा दी है, जो धार्मिक स्वतंत्रता के मूल अधिकारों का उल्लंघन है। जबकि गाजीपुर में सभी लोग लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं और अपने घरों में नमाज पढ़ रहे हैं। अपनी याचिका में उन्होंने कहा था कि लोगों को नमाज के वक्त की जानकारी देने के लिए अजान जरूरी है। साथ ही यह धार्मिक स्वतंत्रता के मूल अधिकार में आता है। सरकार मूल अधिकारों पर रोक नहीं लगा सकती।
कोर्ट ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाते हुए कहा- अजान को लॉकडाउन का उल्लंघन नहीं होता है। लेकिन, लाउडस्पीकर से अजान पर प्रतिबंध वैध है। मानव आवाज में मस्जिदों से अजान दी जा सकती है।इस मामले में 05 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
जस्टिस शशिकांत गुप्ता और जस्टिस अजीत कुमार की बेंच ने कहा कि मुअज्जिन बिना किसी लाउडस्पीकर या अन्य उपरकण के अपनी आवाज में मस्जिद से अजान पढ़ सकता है। कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए जारी राज्य सरकार के दिशा निर्देश के बहाने इस तरह से अजान पढ़ने को नहीं रोका जा सकता है। याचिकाकर्ता सांसद अफजाल अंसारी, पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री और वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद और वरिष्ठ अधिवक्ता वसीम ए कादरी ने लाउडस्पीकर के जरिए मुअज्जिन द्वारा अजान पढ़ने की इजाजत मांगी थी।
कोर्ट ने कहा- अनुमति लेकर ही करें लाउडस्पीकर का उपयोग
कोर्ट ने कहा- ध्वनि प्रदूषण मुक्त नींद का अधिकार जीवन के मूल अधिकारों का हिस्सा है। किसी को भी अपने मूल अधिकारों के लिए दूसरे के मूल अधिकारों का उल्लंघन करने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने कहा- एक निश्चित ध्वनि से तेज आवाज बिना अनुमति बजाने की छूट नहीं है। रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक स्पीकर की आवाज पर रोक का कानून है। सिर्फ वही मस्जिदें लाउडस्पीकर का इस्तेमाल कर सकती हैं, जिन्हें अनुमति मिली है। बाकी अनुमति के लिए आवेदन कर सकते हैं।कोर्ट ने मुख्य सचिव को आदेश का अनुपालन सभी जिलाधिकारियों से कराने का निर्देश दिया है।