भोपाल 27 नवम्बर । चौथी पारी के बाद मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार एक के बाद एक बड़े फैसले लेते जा रही है जिससे प्रदेश में विकास कैसा है पर्यटन को बढ़ावा तो मिलेगा ही वहीं लोगों को रोजगार के अवसर भी खुलेंगे। जिसके तहत पर्यटन के लिए लीज पर दी गई जमीन पर भी अब लोन मिल सकेगा। ऐसे में पर्यटन के क्षेत्र में प्रदेश न केवल अग्रणी बनेगा बल्कि रोजगार के अवसर भी खुलेंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया है कि मंत्रालय मैं पर्यटन कैबिनेट की बैठक में पर्यावरण के लिए मध्यप्रदेश में दी जाने वाली भूमि पर बैंकों से ऋण लेने की पात्रता संबंधी मसौदा को मंजूरी दी है। बता दे कि मध्य प्रदेश 2017 के बाद पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से विकसित हुआ है उत्तर प्रदेश के आने वाले पर्यटकों की संख्या लगभग डेढ़ गुना हो गई है मध्यप्रदेश में धार्मिक एवं आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अपार संभावनाएं भी हैं देश में बुद्धिस्ट सर्किट रामायण सर्किट तीर्थंकर सर्किट आज विकसित किए जा रहे हैं ओमकारेश्वर कथा अमरकंटक का भी विकास किया जा रहा है।
प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि पर्यटन के क्षेत्र में मध्य प्रदेश भारत में सातवां स्थान रखता है। प्रदेश में 20 वर्चुअल टूर तैयार किए गए हैं जो कि गूगल आर्ट एंड कल्चर के माध्यम से विदेशों में काफी लोकप्रिय हो रहे हैं मध्यप्रदेश में फिल्म एंड प्री वेडिंग शूटिंग तथा डेस्टिनेशन टूरिज्म पॉलिसी भी बनाई गई है प्रदेश में वन एवं पर्यावरण आधारित पर्यटन के अंतर्गत इको सर्किट भोपाल में सफर सहित वाइल्डलाइफ आदि पर कार्य किया जा रहा है । वर्ष 2017 के बाद प्रदेश में आने वाले पर्यटकों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है 2017 में मध्य प्रदेश में कुल 5 करोड़ 88 लाख पर्यटक आए वहीं वर्ष 2019 में आठ करोड़ 90 लाख से अधिक पर्यटक मध्यप्रदेश पहुंचे।
मध्यप्रदेश में फिल्म पर्यटन नीति जिसके तहत प्रदेश में फिल्मों, टीवी सीरियल, वेब सीरीज आदि निर्माण के लिए 10 करोड़ तक का अनुदान दिया जाता है यह योजना काफी लोकप्रिय हो रही है वर्तमान में मध्यप्रदेश के अंदर पांच फिल्मों की शूटिंग चल रही है राजकुमार संतोषी अनुपम खेर जैसे निर्माता फिल्म को यहां सूट कर रहे हैं वर्ष 2020- 21 में लगभग 45 फिल्मों और टीवी सीरियल की शूटिंग संभावित हैबतलाते हैं कि 2018 में शिवराज सरकार इस मामले को लेकर समिति बनाई थी प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में साअधिकार समिति में यह प्रस्ताव अमान्य हो गया था इसके बाद विधानसभा चुनाव हो गए और शिवराज सरकार सत्ता से विमुख हो गई। तत्कालीन कांग्रेस सरकार 15 साल बाद सत्ता में लौटी और 15 महीने के भीतर ही बाहर हुए कमलनाथ सरकार के दौरान भी साधिकार समिति ने इस प्रस्ताव पर सशस्त्र सहमति दे दी थी । इसमें कहा गया था कि 14 जनवरी 2020 को साअधिकार समिति ने जिन शर्तों को लागू करने की सिफारिश की थी उन्हें धारकों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है लेकिन कैबिनेट से मंजूरी मिलने से पहले ही सत्ता चली गई और अब शिवराज सर कार में दोबारा सत्ता में आते ही इस योजना को मंजूरी दे दी है।
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