सीधी – सीधी सिंगरौली की भाजपा सांसद रीती पाठक व भाजपा के तीनो विधायक केदारनाथ शुक्ला,शर्तेन्दू तिवारी व कुंवर टेकाम रेत के अवैध खनन पर रोक लगाने में नाकामयाब साबित हो रहे हैं ? या फिर इन्हीं के इशारों पर रेत का खनन किया जा रहा है! यह हम नहीं कह रहे हैं यह नदियों को खोखला कर रही मशीनें कह रही हैं जो दिन-रात नदियों से रेत का खनन करने में लगे हैं। रेत माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद है कि प्रशासन उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर रहा यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है।
बता दें कि जिले में डालापीपर,निधिपुरी,गुड़वाधार, भुमका, पोड़ी,गोतरा में दिन-रात मशीनों से रेत खनन किया जा रहा है जिसका वीडियो और फोटो कई बार कई बार वायरल हो चुका है वही खनिज अधिकारी समेत थाना प्रभारियों को सूचना दी गई लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई । लगातार खबरों का प्रकाशन होने के बाद भी जिम्मेदार गैर जिम्मेदाराना बयान देने के साथ कार्यवाही करने की बात करते हैं सूत्र बताते हैं कि सीधी जिले में सैनिक फ्रूट कंपनी का खास गुर्गा गुरमेल व पुजारा बंदूक के दम पर ग्रामीणों को धमकाते हुए रेत का अवैध खनन व ओवरलोड ट्रकों से परिवहन किया जा रहा है।
रेत का खेल सबका मेल
कहते हैं कि रेत के इस खेल में खाकी और खादी कब बराबर का गठजोड़ है इस खेल में सबका मेल होने के बाद ही इसे चलाया जा सकता है सूत्र बताते हैं कि जिले के जिस थाना क्षेत्र में रेत की खदान आती है उस थाना प्रभारी की शादी रहती है उस थाने को प्रतिमा 40 से 50 लाख रुपए महीने की एंट्री रहती है इसके एवज में थाना प्रभारी रेत के खिलाफ हल्ला ढपाली करने वाले लोगों पर शिकंजा कसना होता है जिससे कोई आवाज ना उठा सके।
गुरमेल व पुजारा बने सफेद हाथी ?
सूत्र बताते हैं कि ट्रकों में 900 फीट की रॉयल्टी काटी जाती है जबकि पटना व लर लगाकर इन ट्रकों में 1400 फिट रेत भरी जाती है। यह सब खाकी और खादी के संरक्षण में राज्य सरकार को हर महीने 20 से 25 करोड़ रुपए की राजस्व की चोरी कर रहे हैं। गुरमेल व पुजारा इन दिनों सफेद हाथी बन चुके हैं। इन्हें खाकी और खादी खूब संरक्षण दे रही है।