BHOPAL . कहते हैं कि इतिहास स्वयं को दोहराता है कुछ ऐसा ही दिखा मध्य प्रदेश के सियासी गलियारों में जहां 2019 में बनी कांग्रेस सरकार ने सरकार बनते उज्जैन महाकुंभ में जांच करवाने की बात कही थी हालांकि उस जांच में कुछ खास निकलकर सामने नहीं आया,ठीक उसी अंदाज में 15 महीने की सरकार गिरने के बाद बीजेपी सरकार ने कांग्रेश के 15 महीनों के कामों की जांच की फाइलों को तलब किया है।अब देखना दिलचस्प होगा यह महज एक सुर्खियों में बने रहनेेे के लिए लिया गया फैसला है या फिर पुरानी सरकार को गलत ठहरा कर खुद को जनता का हमदर्द बनने का दिखावा है या फिर कुछ और यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
Ex CM Kamal Nath के गृह जिले छिंदवाड़ा (Chhindwara) में हुए लगभग 12 हजार करोड़ के कामकाज की सभी फाइलें Shivraj सरकार ने तलब कर ली है। सोमवार को मंत्रालय में कमलनाथ सरकार के छह माह के कामकाज की समीक्षा के लिए बनी मंत्रिसमूह की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा(Narottam mishra), जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट(Tulsi silawat) और कृषि मंत्री कमल पटेल(Kamal patel) साथ ही अधिकारी मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक इसमें छिंदवाड़ा में किए गए विकास कार्यों के साथ ही ट्रांसफॉर्मर मरम्मत और बिजली से जुड़े कुछ अन्य काम भी हैं, जिनका पूरा रिकॉर्ड तलब किया गया है।
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सूत्रों के मुताबिक इसमें छिंदवाड़ा में किए गए विकास कार्यों के साथ ही ट्रांसफॉर्मर मरम्मत और बिजली सहित अन्य काम से जुड़े कुछ काम भी हैं, जिनका पूरा रिकॉर्ड तलब किया गया है। इसके साथ ही बैठक में तय हुआ कि किसानों की कर्ज माफी योजना की पूरी जांच कराई जाए। इस दौरान कुछ ऐसे मामले भी सामने आए, जिसमें किसानों को गलत तरीके से लाभ दिया गया। फाईलों की समीक्षा बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर युक्त किसान कर्जमाफी के कोरे प्रमाणपत्र रखे गए। यह आरोप लगाया गया कि इसका लोगों ने गलत तरीके से लाभ उठाया है।
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सूत्रों की माने तो मंत्री समूह की बैठक में निर्णय लिया गया कि पिछली सरकार में जल संसाधन विभाग के जो लगभग ढाई हजार करोड़ के निर्माण कार्य के टेंडर हुए हैं, उनके एग्रीमेंट करने पर रोक लगाई जाए। सरकार इसके लिए जल्द आदेश जारी कर रही है। बैठक में विभाग के टेंडरों का जो रिकॉर्ड पेश किया गया, उसके अध्ययन के बाद यह निर्णय लिया गया। अब देखना यह होगा कि तलब किए गए फाइनल में क्या कुछ निकल कर आता है।