अधिकारियों की लापरवाही आई सामने,लोगों की जिंदगी से किया खिलवाड़, पूरी एरिया को किया प्रतिबंधित
शहडोल। प्रदेश के विंध्य क्षेत्र में भी कोरोना संक्रमण ने दस्तक दे दी है। शहडोल में 2 मजदूरों का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आने से हड़कंप की स्थिति बन गई है। कोरोना पॉजिटिव में एक 15 साल की मोनिका बैगा निवासी लेड़रा और 26 वर्षीय युवक भगत सिंह निवासी बरेली का नाम शामिल है। वहीं इस पूरे मामले में जिला प्रशासन की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। लड़की विदिशा से और युवक गुजरात के अहमदनगर से मजदूरी करके आए हुए थे। प्रशासन ने इन्हें बरमनिया छात्रावास में रखा था। खबर लगते हीरात में ही कलेक्टर और एसपी के साथ प्रशासनिक और स्वास्थ्य विभाग की टीम दोनों मरीजों के गांव पहुंच गई। यहां पर मरीजों को ढूंढने के बाद आइसोलेट कराया गया। उधर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पूरे क्षेत्र को कंटेनमेंट एरिया घोषित करते हुए सील कर दिया है। दोनों मजदूरों का जिला अस्पताल में 23 अप्रैल को स्क्रीनिंग करने के बाद सैंपल लेकर जांच के लिए जबलपुर भेजा गया था। जहां से 27 को आई रिपोर्ट में कोरोना पॉजिटिव मिला है। रात 10 बजे दोनों कोरोना संक्रमित मरीजों को स्वास्थ्य विभाग लेकर गोहपारू अस्पताल पहुंची। दोनो कोरोना पॉजिटिव को मेडिकल कॉलेज शहडोल में रखे जाने की व्यवस्था करवाई गई है। मजदूरों के मिलते ही उन्हें मेडिकल कॉलेज में रखा जाएगा।
जिले में दो लोगों की कोरोना संक्रमण की हुई पुष्टि : मालवाहक में बैठकर कई मजदूरों के साथ शहडोल पहुंची थी। गोहपारू निवासी एक 15 वर्षीय बालिका में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। 23 अप्रैल को किशोरी विदिशा से शहडोल आई थी। मालवाहक में शहडोल में जांच के बाद गोहपारू स्थित घर भेज गया था। शहडोल से भी घर के लिए कई मजदूरों के साथ मालवाहक से रवाना किया था। जबकि दूसरा युवक बाइक से एक साथी के साथ महाराष्ट्र से आयादूसरा कोरोना संक्रमिक युवक महाराष्ट्र से शहडोल आया था। युवक को बरमनिया छात्रावास में क्वारेंटाइन किया था। यहां दो से तीन दिन रखने के बाद वापस घर भेज दिया गया था। सैंपल लेकर जांच के लिए जबलपुर भेजा था, जहां पॉजिटिव रिपोर्ट आई। युवक एक साथी के साथ बाइक से आया था, जिसे ढूंढा जा रहा है।
3 हजार मजदूरों के लिए खाली कराया था छात्रावासः
प्रशासनिक सूत्रो के मुताबिक शहडोल जिले में 27-28 अप्रैल को लगभग 3 हजार मजदूरों की खेप आने वाली थी। इसे देखते हुए प्रशासन ने उन सभी छात्रावासों को खाली कराने का निर्देश दे दिया था जहां मजदूर पहले से रुके थे। प्रशासन के इस फरमान के बाद लापरवाही बरतते हुए सभी मजदूरों को छात्रावासों से उनके घरों की ओर भेज दिया गया था।
स्वास्थ्य विभाग और पुलिस को भी संक्रमण का खतरा : कोरोना पॉजिटिव किशोरी का सैंपल लेने के बाद घर भेज दिया गया था। किशोरी गोहपारू के लेदरा गांव आ गई थी। यहां पर किशोरी की चाची गर्भवती थी। जिसे जांच करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की एएनएम, आशा कार्यकर्ता के अलावा एमपीडब्लू भी आए थे। इससे स्वास्थ्य विभाग में भी संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। उधर दूसरी ओर जिस एमपीडब्लू ने संक्रमित बालिका के घर से चाची की जांच की थी, उसे दो दिन पहले ही कोनी तिराहा में पदस्थ कर दिया गया था। एमपीडब्लू कार्यकर्ता भी यहां कई पुलिसकर्मी के संपर्क में रहा है। इससे पुलिसकर्मियों को भी कोरोना संक्रमण का खतरा है। स्वास्थ्य विभाग ऐसे लोगों की सूची तैयार कर रहा है।
सैंपल के बाद कई मजदूरों के साथ एक साथ गांव भेजा: कोरोना पॉजिटिव मिली किशोरी का सैंपल जिला अस्पताल शहडोल में लिया गया था। सैंपल लेने के बाद संदिग्ध होने के बाद भी कोई गंभीरता से नहीं लिया गया था। किशोरी को मालवाहक में अन्य मजदूरों के साथ बैठाकर गांव के लिए रवाना कर दिया गया था। इससे दर्जनों मजदूरों के संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया है। वे भी ग्रामीण और मजदूर गांव में कई लोगों के संपर्क में आ गए थे। इससे कोरोना संक्रमण बढऩे की संभावना है।
सिम्टम्स के बाद भी आइसोलेशन करने की वजह किया क्वॉरेंटाइन : देखा जाए तो इस पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग का मैदानी अमला मुख्य रूप से जिम्मेदार है ऐसा इसलिए क्योंकि जब किशोरी को सिंप्टम दिखे और उसका सैंपल लिया गया ऐसे में किशोरी को क्वॉरेंटाइन ना करके आइसोलेट किया गया यह सबसे बड़ी लापरवाही रही स्वास्थ हमले की इस लापरवाही से किशोरी अपने गांव पहुंच गई पूछताछ में सामने आया है कि गांव में कई बार हैंडपंप और सार्वजनिक क्षेत्र में भी गई थी इससे गांव में भी संक्रमण का खतरा बन गया है
युवक को 2 दिन आइसोलेशन पर रखकर छोड़ा हैरानी इस बात की हो रही है कि पहले तो युवक के सिंप्टम को देखते हुए उसे 2 दिन के लिए गोहपारू के बर मनिया छात्रावास में आइसोलेट किया गया था लेकिन दूसरे ही दिन प्रशासन ने छात्रावास खाली कराते हुए यह सलाह दी कि सभी युवक को घर आइसोलेशन रहने की सलाह दी लेकिन युवकहोम आइसोलेट की जगह दूसरे गांव चला गया।
कोरोना संक्रमित युवक बुढ़ार के हथगला गांव का रहने वाला है युवक घर न जाकर गोहपारू के बरेली में अपने रिश्तेदार के यहां चला गया था। यहां युवक कई लोगों के संपर्क में आ गया है। इससे गांव में और संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।
5 Comments
Great – I should certainly pronounce, impressed with your site. I had no trouble navigating through all tabs as well as related info ended up being truly simple to do to access. I recently found what I hoped for before you know it at all. Reasonably unusual. Is likely to appreciate it for those who add forums or something, web site theme . a tones way for your customer to communicate. Excellent task.
Hi, just required you to know I he added your site to my Google bookmarks due to your layout. But seriously, I believe your internet site has 1 in the freshest theme I??ve came across. It extremely helps make reading your blog significantly easier.
Excellent read, I just passed this onto a friend who was doing some research on that. And he actually bought me lunch as I found it for him smile So let me rephrase that: Thanks for lunch!
Very interesting points you have mentioned, regards for posting.
I do love the manner in which you have framed this specific issue and it does provide me a lot of fodder for thought. Nevertheless, from what I have seen, I simply hope as other feed-back pack on that individuals stay on issue and don’t get started on a tirade of some other news du jour. Still, thank you for this outstanding point and though I do not really concur with the idea in totality, I regard the perspective.