हैदराबाद की एक कंपनी में मजदूरी करते थे ग्रामीण
चित्रकूट। कोरोना संक्रमण फैलने से घबराए लोग अफरा-तफरी में अलग-अलग राज्यों में बसे लोग पैदल ही निकल पड़े. लेकिन लॉकडाउन होते ही यह लोग जहां तहां फंस गए हैं. इनके न खाने का ठिकाना है और न रहने का. अब कुछ लोग सैकड़ों किलोमीटर का आगे का सफर तय करने के लिए पैदल ही निकल पड़े हैं.लॉकडाउन में कइयों को इतनी दुश्वारियां उठानी पड़ रहीं हैं कि किसी से बात करते समय उनकी जुबान सूखने के कारण खुल नहीं पाती। पैरों में छाले और दर्द से आगे चला नहीं जाता। कुछ ऐसा ही नजारा रविवार की दोपहर को राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे शहर के पुरानी बाजार में देखने को मिला। हैदराबाद से 780 किमी पैदल यात्रा करके छह मजदूर जबलपुर पहुंचे तो एक वाहन मिला जो इन्हें रींवा तक छोड़ गया। बांदा, हमीरपुर और छतरपुर निवासी इन मजदूरों को फिर कोई वाहन नहीं मिला तो पैदल ही चित्रकूट तक पहुंचे। 27 मार्च से शुरू हुआ सफर दस दिन बाद भी खत्म नहीं हुआ। हैरत की बात है कि कई जिलों की सीमाएं सील होने के बाद भी ये सब कई जिले से आराम से चले आए। इनका सतना में मेडिकल परीक्षण हुआ था।
मिली जानकारी के अनुसार हैदराबाद की एक कंपनी में मजदूरी करते थे लेकिन कम्पनी बंद होने पर मजदूर दाने दाने को मोहताज हो गये।हमीरपुर के कुरदन निवासी सगे भाई अशोक और रामेश्वर, पड़ुई बांदा निवासी चंदन कुशवाहा व शिवशंकर और खंडीपहरा छतरपुर निवासी विजय व वीरेंद्र कुमार की कहानी कुछ इसी प्रकार है। रविवार की दोपहर को जब यह पैदल शहर में वाहन की तलाश में पुरानी बाजार में देखे गए तो बुंदेली सेना के जिलाध्यक्ष अजीत सिंह समेत शंकर ढाबा के जयशंकर मिश्रा के साथ समाजसेवी रामबाबू गुप्ता उनके पास भोजन पानी लेकर पहुंचे। यह देखकर मजदूरों की आंखें नम हो गईं। खाना खाने के बाद अपना दर्द बयां किया। बताया कि हम सब हैदराबाद की एक कंपनी में मजदूरी करते हैं। लॉकडाउन के बाद कंपनी में निर्माण बंद कर मजदूरों को घर में रहने को कहा गया। मकान मालिक ने भी घर जाने को कहा। 27 मार्च को कोई साधन नहीं मिला तो आगे उम्मीद पर सब पैदल ही निकले। तमाम कष्ट व भूख प्यास सहते हुए दो अप्रैल को जबलपुर पहुंचे। इसके बाद एक पिकअप मिला जिसने रींवा तक छोड दिया। रींवा से फिर सतना तक अन्य वाहन से आए लेकिन अब कोई साधन नहीं मिला तो पैदल ही चित्रकूट के रास्ते अपने गांव जा रहे हैं। मजदूरों ने बताया कि उनका सतना में मेडिकल परीक्षण कराया था, जिसकी रसीद उनके पास है। किसी में भी कोरोना के लक्षण नहीं मिले हैं।
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