छत्तीसगढ़ के जांजगीर के पूर्व कलेक्टर जेपी पाठक पर दुष्कर्म के मामले में एफआइआर होने के बाद पाठक फरार हो गए हैं ! तो वही ब्यूरोक्रेसी दो विचारधाराओं पर बट गई है । रिपोर्ट के बाद इस मामले में जांजगीर पुलिस ने एफआइआर दर्ज किया है। अभी तक उनकी गिरफ्तारी या फिर जमानत नहीं हुई है ! वरिष्ठ आइएएस अधिकारियों का मानना है कि लगाए गए आरोप बेबुनियाद है। पाठक को हनी ट्रेप में फंसाने के लिए एनजीओ लॉबी ने साजिश रची गयी थी। वहीं, एक गुट मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के फैसले के साथ खड़ा नजर आ रहा है.
पाठक ने संचालक भू राजस्व के पद पर पदभार ग्रहण कर लिया है, लेकिन वे अपने दफ्तर नहीं आ रहे हैं। इस बीच, आइएएस एसोसिएशन पाठक मामले को गंभीरता से लेते हुए IAS मीट के साथ एक बैठक होने की चर्चा चल रही है। इसके बाद एसोसिएशन के पदाधिकारी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात करेंगे।बताया जा रहा है कि पाठक एफआइआर रद कराने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। सूत्रों क्यों माने तो पूरे मामले की जांच सही ढंग से हो जाए तो कई चौकाने वाले मामले सामने आएंगे.
आइएएस एसोसिएशन के अध्यक्ष सीके खेतान ने बताया कि कोरोना संक्रमण की वजह से बैठक नहीं हो पा रही है। लेकिन सोशल डिस्टेंस बनाते हुए जल्द ही बैठक करके पाठक के मामले पर विचार किया जाएगा। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद जेपी पाठक प्रदेश के दूसरे आइएएस हैं, जिन पर दुष्कर्म का आरोप लगा है।मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो पाठक के मामले में एनजीओ कनेक्शन की जांच की जा रही है। पाठक के कार्यकाल सहित महिला के एनजीओ को कितना काम मिला। इसकी जांच की जा रही है साथ कॉल डिटेल खगाली जा रही है।
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