CM Mohan will get rate list installed in liquor shops : पिछले 1 साल से जिले के लोग एमआरपी से ज्यादा कीमत पर शराब खरीद रहे हैं आए दिन रेट को लेकर विवाद की स्थिति बनती है। आबकारी अधिकारी साफ तौर पर रहते हैं की शिकायत होगी तभी रेट लिस्ट लगाई जाएगी। चर्चा है कि आपकारी अधिकारी कहते हैं कि सीएम मोहन यादव जिले के सरकारी ठेके की दुकानों में रेट लिस्ट लगवाएंगे तभी लगेगी। मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री भी मेरा कुछ नहीं कर पाएंगे। हम राजस्व देते हैं तब सरकारी कर्मचारियों को तनख्वाह मिलती है। सरकार को राजस्व मिलती है तो सरकार हमें मनमर्जी करने की छूट भी देती है।
बता दे की 1 अप्रैल 2024 से जिले में शराब के ठेके शुरु हो गए हैं. पिछले साल की तरह इस साल भी शहर के शराब ठेकेदारों (Liquor Contractor) ने मनमानी शुरु कर दी है. देशी-विदेशी शराब निर्धारित मूल्य (MRP) से अधिक दाम (Rate) पर खुलेआम बेची जा रही है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह सबकुछ आबकारी विभाग (Excise Department) के अधिकारियों के संरक्षण में हो रहा है. शराब प्रेमियों का कहना है कि शराब ठेकेदार जहां ग्राहकों के जेब पर डाका डालकर बेहिसाब मुनाफा कमा रहे हैं, वहीं विभागीय अधिकारियों की भी जेब भर रहे हैं. वही इस संबंध में आबकारी अधिकारी से महंगी शराब की बात की गई तो उन्होंने कहा कि आपको दिक्कत क्यों हो रही। आपको शराब लेना हो तो एमआरपी में ही मिल जाएगी दूसरों की चिंता मत करिए। शिकायत मिलेगी तो जांच करवाऊंगा। पिछले साल से शराब दुकानों में रेट लिस्ट नहीं लगाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव दुकानों में शराब लिस्ट लगवाएंगे हम नहीं। हम शराब ड्यूटी जमा करते हैं तब कलेक्टर व सरकारी कर्मचारियों को तनख्वाह मिलती है। CM
2 लाख से ज्यादा की होती है अवैध कमाई
शराब व्यापार (Liquor Business) से जुड़े सूत्रों की माने तो लाइसेंसी ठेकेदारों द्वारा निर्धारित मूल्य (Print Rate) से अधिक दाम पर शराब बेची जा रही है। और इस तरह प्रत्येक शराब की दुकान पर प्रतिदिन 1 से 2 लाख रुपए से अधिक की अतिरिक्त कमाई (Extra Income) हो रही है. इस अतिरिक्त कमाई का हिस्सा विभागीय अधिकारियों तक भी पहुंच रहा है. शायद यही वजह है कि अधिकारी सरकारी दुकानों में शराब रेट लिस्ट लगाने के सवाल पर गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं। CM
ठेला में सजती हैं महफिल
जिले में कुछ शराब की दुकानों के सामने व्यवस्थित टेबल सजाकर या ठेला पर चखने के साथ शराबियों की महफिल सजती है। ठेला में ही शराब परोसी जाती है। जबकि सरकार का स्पष्ट आदेश था कि प्रदेश में कहीं भी अहाता नहीं खुलेगा, न ह खुले में कोई शराब पिएगा। खुले में कोई शराब पीता दिखा तो उन शराब दुकानों पर कार्रवाई होगी। लेकिन बैढ़न शहर में शराब की दुकानों पर इन आदेशों का दूर-दूर तक पालन नहीं किया जाता। यहां खुले में शराब पिलाया जाना आम बात हो चुकी है। दुकानों के आसपास शराबियों का जमघट रहता है और ऐसे में आम लोगों का राह चलना मुश्किल हो जाता है। CM