DGMS summons Khadia GM’s reply – एनसीएल में कार्यरत आउट सोर्सिंग कंपनियां पहले से भी कोयला के नियम विरुद्ध उत्खनन के लिए बदनाम हो चुकी है लेकिन अब DGMS
एक बार फिर चर्चाओं में आउटसोर्सिंग कंपनी है.
शक्तिनगर 3 जून डायरेक्टर जनरल आफ माइन सेफ्टी डीजीएमएस ने कोयला खदान में चेन की जगह टायर माउंटेड ड्रील मशीन के उपयोग को गंभीरता से लिया है. इस मामले में एनसीएल खडिय़ा के जीएम से जवाब तलब किया है. दस दिन में स्पष्टीकरण देने के साथ खान विनियम अधिनियम को सख्ती से लागू करने के निर्देश भी दिए गए हैं. DGMS
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एनसीएल की कोयला खदानों में प्रतिबंध के बावजूद टायर माउंटेन ड्रील मशीन के उपयोग का मामला बीते माह सार्वजनिक हुआ था। इस प्रकरण में एनसीएल अधिकारियों की सफाई जरूर आई लेकिन व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ। एनसीएल खडिय़ा के पुरेवा बाटम क्षेत्र में आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा नियम के खिलाफ प्रयोग की जा रही टायर माउंटेड ड्रील की फोटोज सहित जानकारी डीजीएमएस के क्षेत्रीय कार्यालय वाराणसी को दी गई। करीब 25 दिन बाद क्षेत्रीय कार्यालय के निदेशक एसएस प्रसाद ने मामले को संज्ञान में लिया इस प्रकरण में एनसीएल खडिय़ा ओपेन कास्ट माइंस के महाप्रबंधक को 31 मई को पत्र जारी कर जवाब तलब किया गया है. DGMS
एनसीएल की क्षेत्र में दस खुली कोयला खदानें संचालित हैं। इन खदानों से आउटसोर्स के जरिए अधिभार ओबी हटाने का कार्य निजी कंपनियां करती हैं। कम वक्त में अधिक कमाई के लिए खदान के कायदों को हासिए पर डाल दिया गया है। यह स्थिति तब है जब सुरक्षित खनन गतिविधियों के संचालन व निगरानी एनसीएल मुख्यालय व डायरेक्टर जनरल आफ माइंस सेफ्टी के द्वारा की जाती है. हाल के महिनों में खदान क्षेत्रों में हुए कई हादसों को नियम विरुद्ध खनन से जोड़ा गया था। कुछ मामलों में ट्रेड यूनियनों ने भी गंभीर सवाल खड़ा किया लेकिन व्यवस्था में सुधार संभव नहीं हो सका. DGMS
माना जा रहा है कि डीजीएमएस के सख्त रूख अख्तियार करने से सुधार होगा, लेकिन कब तक यह भविष्य के गर्त में है। एनसीएल में आउट सोर्सिंग कंपनियों की मनमानी का यह कोई अकेला मामला नहीं है। ओबी परिवहन में ओवर लोड, नियमानुसार पानी का छिड़़काव, नियोजित श्रमिकों की सुरक्षा व देय ऐसे मामले है जो साल भर सुर्खियों में रहते हैं.