Dhirubhai Ambani : भारत के शीर्ष उद्योगपतियों में से एक अनिल अंबानी 4 जून को 56 साल के हो रहे हैं. इस मौके पर मीडिया अपने पाठकों को अंबानी परिवार के बारे में रोचक तथ्य बताने के लिए एक सीरीज चला रहा है. इसके तहत आज हम आपको बताते हैं कि मुकेश और अनिल अंबानी के बीच संपत्ति को लेकर किस तरह की दूरियां पैदा हो गई हैं. दोनों के बीच सुलह के बाद फिर से तनाव को लेकर काफी चर्चा हुई. पिछले साल मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में हुए समिट के दौरान दोनों ने यहां सीएम शिवराज सिंह के साथ एक टेबल पर डिनर किया था, लेकिन मुकेश और अनिल ने इस दौरान आपस में बात तक नहीं की. Dhirubhai Ambani
Dhirubhai Ambani : 2002 में अपने पिता धीरूभाई अंबानी की मृत्यु के बाद, दोनों भाइयों को अरबों की संपत्ति विरासत में मिली. धीरूभाई अंबानी ने कोई वसीयत नहीं छोड़ी. धीरूभाई अंबानी की मृत्यु के तुरंत बाद , यह सवाल उठा कि इतने बड़े रिलायंस साम्राज्य का असली उत्तराधिकारी कौन होगा. उसके बाद मुकेश और अनिल के बीच दूरियां बढ़ने लगीं. बीच में ही उनकी मां कोकिलाबेन ने कोसीस की थीं. की उन्होंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की. उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए देश के कई धार्मिक स्थलों की यात्रा की है. Dhirubhai Ambani
कि संयुक्त परिवार में बेटों के बीच कोई दरार न आए. जब यह स्पष्ट हो गया कि दोनों भाई एक साथ नहीं रह सकते और रिलायंस साम्राज्य नहीं चला सकते, तो उनकी मां कोकिलाबेन अंबानी ने दोनों भाइयों के बीच धन का बंटवारा कर दिया. यह विभाजन उस समय भी चर्चा में था. धीरूभाई अंबानी के आवास की सातवीं मंजिल पर करीब 18 घंटे तक चुनिंदा लोग मौजूद रहे. Dhirubhai Ambani
किसी को भी बाहर जाने की इजाजत नहीं थी. देश के सबसे बड़े उद्योग के बंटवारे को भारत के मीडिया के साथ-साथ दुनिया ने भी देखा. तथा घर के सामने चैनल मीडिया का कई घंटो तक जमावड़ा लगा रहा. जब संपत्ति का बंटवारा हुआ तो कोकिलाबेन ने बस इतना कहा कि श्रीजी की कृपा से सब कुछ ठीक है. Dhirubhai Ambani
हामिश ने अंबानी एंड संस में क्या लिखा
लेखक हामिश मैकडोनाल्ड ने अपनी पुस्तक अंबानी एंड संस में खुलासा किया है. कि धीरूभाई अंबानी अपने बेटों की उत्तराधिकारी के रूप में भूमिकाओं के बारे में अनिर्णीत हैं.
2002 के बाद मुकेश अंबानी रिलायंस इंडस्ट्रीज (RELIANCE INDUSTRIES) के चेयरमैन बने.
अपने छोटे भाई अनिल अंबानी को मुकेश अंबानी से मिलने के लिए अपने सचिव से समय निकालना पड़ा. जो आमतौर पर उपलब्ध नहीं था. मुकेश घर में बिजनेस की बात नहीं करते थे. तथा वह व्यापार की बाते नहीं करते थे. Dhirubhai Ambani
लेखक हामिश मैकडोनाल्ड ने अपनी पुस्तक अंबानी एंड संस में खुलासा किया है. कि धीरूभाई अंबानी अपने बेटों की उत्तराधिकारी के रूप में भूमिकाओं के बारे में अनिर्णीत हैं.
2002 के बाद मुकेश अंबानी रिलायंस इंडस्ट्रीज (RELIANCE INDUSTRIES) के चेयरमैन बने.
अपने छोटे भाई अनिल अंबानी को मुकेश अंबानी से मिलने के लिए अपने सचिव से समय निकालना पड़ा. जो आमतौर पर उपलब्ध नहीं था. मुकेश घर में बिजनेस की बात नहीं करते थे. तथा वह व्यापार की बाते नहीं करते थे. Dhirubhai Ambani
आखिरकार 2004 में दोनों भाइयों के बीच दूरियां सभी लोंगो के सामने आ गईं. जब अनिल ने अपना हक मांगा.
2005 में मां कोकिलाबेन ने दोनों भाइयों में सुलह कराने की कोशिश की थी लेकिन 2006 में संपत्ति का बंटवारा हो गया.
इसके बाद भी विवाद जारी रहा. जब अनिल की दूरसंचार कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस ने दक्षिण अफ्रीकी कंपनी एमटीएन के साथ विलय की बातचीत शुरू की , तो मुकेश ने भी कंपनी पर दावा करना शुरू कर दिया.
कावेरी बेसिन से गैस को लेकर दोनों भाइयों के बीच लंबी अदालती लड़ाई चली. Dhirubhai Ambani
2005 में मां कोकिलाबेन ने दोनों भाइयों में सुलह कराने की कोशिश की थी लेकिन 2006 में संपत्ति का बंटवारा हो गया.
इसके बाद भी विवाद जारी रहा. जब अनिल की दूरसंचार कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस ने दक्षिण अफ्रीकी कंपनी एमटीएन के साथ विलय की बातचीत शुरू की , तो मुकेश ने भी कंपनी पर दावा करना शुरू कर दिया.
कावेरी बेसिन से गैस को लेकर दोनों भाइयों के बीच लंबी अदालती लड़ाई चली. Dhirubhai Ambani
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