Carrying hands in Guna and taking – शहर की सड़कों पर झाड़ू लगने के बाद कचरा कलेक्शन के लिए चलने वाले हाथ ठेला जल्द दिखाई नहीं देंगे. नगर निगम इनके स्थान पर ई-रिक्शा लाने की योजना बना रहा है. अभी शहर के वार्डों में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन डीजल चलित वाहनों से किया जा रहा है. Guna
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नपा प्रशासन का कहना है कि एक ई- रिक्शा के संचालन पर शुरूआत में करीब 25 हजार रुपये का खर्चा आएगा. शहर के बाजारों में रात्रि कालीन सफाई को लेकर नपा प्रशासन ने कार्ययोजना तैयार कर बैटरी से चलने वाले ई- रिक्शा का डेमों पहली बार दिया है. अभी तक शहर की सकरी गलियों और बाजार में कचरे के उठाव को लेकर हाथ गाड़ी का प्रयोग किया जाता था.
लेकिन एक पखवाड़े के भीतर बैटरी से चलने वाले ई-रिक्शा बाजार में दौड़ लगाते नजर आएंगे. नपा प्रशासन की माने तो ई- रिक्शा में बैटरी लगाने का खर्चा करीब 25 हजार रुपये का आएगा. उसके बाद इसका चार्जिंग स्टेशन नपा परिसर में बनाया जाएगा. इसको लेकर तैयारियां भी शुरू कर दी गई है. Guna
ऐसे बनाया वीट सिस्टम, 25 सफाई कर्मचारी करेंगे ड्यूटी
सीएमओ ईशांत धाकड़ ने बताया कि नपा में 25 ई- रिक्शा के लिए वीट सिस्टम लागू किया जाएगा. इन पर 25 सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी. एक रिक्शा चालक 500 मीटर क्षेत्र में पहले झाडू लगाकर कचरा एकत्रित करेगा. उसके बाद ई-रिक्शा में कचरा डालने के बाद गोपालपुरा स्थित प्लांट पर ले जाएगा. साथ ही रिक्शा की देखरेख की जिम्मेदारी भी सफाई कर्मचारी करेंगे. Guna
पहले बाजार में फिर वार्डों में जाएंगे ई-रिक्शे
नपा प्रशासन का कहना है कि रात्रि कालीन बाजार की सफाई में 25 ई- रिक्शा का उपयोग किया जाएगा। उसके बाद शहर के 37 वार्डों में इस योजना को लागू किया जाएगा. जहां पर अभी हाल में हाथगाड़ी कचरे का उठाव करती हैं, वहां पर ई-रिक्शा पहुंचेगा. यह रिक्शा एक बार में बैटरी से 40 किमी तक जा सकेगा. Guna