IPS Success Story :कहते हैं कि जब मन में सच्ची लगन और कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो हर मुश्किल आसान हो जाती है कुछ ऐसा कर दिखाया हिमाचल प्रदेश राज्य के एक छोटे से गाँव की रहने वाली शालिनी ने बचपन में अपनी माँ का अपमान देखा जा नाराज बेटी हौसले के दम पर एक बड़ा अधिकारी बनने का फैसला कर लिया। जिसे उन्होंने कड़ी मेहनत और सच्ची लगन से पाया भी। उनके इस कड़ी मेहनत को न केवल प्रदेश हिमाचल प्रदेश में बल्कि देश में एक मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है।
शालिनी अग्निहोत्री बचपन में अपनी मां के साथ बस में कहीं जा रही थीं। इस दौरान एक व्यक्ति अपनी मां की सीट के पीछे हाथ पकड़ रहा था, जिससे वह ठीक से बैठ नहीं पा रही थी। कई बार हाथ हटाने को कहा लेकिन उस व्यक्ति ने एक नहीं सुना। कई बार ऐसा कहने के बाद वह व्यक्ति क्रोधित हो गया और उल्टा बोलने लगा। वहीं शालिनी ने सोचा था कि वह भी बड़ी होकर अफसर बनेगी।
शालिनी ने भी अपना सपना पूरा किया। शालिनी ने एक ऐसी पहचान बनाई है कि अपराधी उसके नाम से डरते हैं। शालिनी अग्निहोत्री बताती हैं कि उन्हें 10वीं की परीक्षा में 90 फीसदी से ज्यादा अंक मिले लेकिन 12वीं की परीक्षा में उन्हें 80 फीसदी अंक ही मिल पाए. लेकिन उसके माता-पिता ने उस पर भरोसा किया।
12वीं के बाद शालिनी ने हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। यहीं से उन्होंने ग्रेजुएशन पूरा किया। शालिनी ने स्नातक होते ही यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी। लेकिन उसके रिश्तेदारों को भी इसकी जानकारी नहीं थी। उसे डर था कि अगर वह इतनी बड़ी परीक्षा में सफल नहीं हुआ तो उसका परिवार निराश हो जाएगा। इसलिए उसने इस बारे में घरवालों को नहीं बताया।
शालिनी ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए किसी कोचिंग का सहारा नहीं लिया। पहले ही प्रयास में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास की और आईपीएस के लिए चुने गए। प्रशिक्षण के बाद उनकी नियुक्ति हिमाचल में हुई। उन्होंने ड्रग डीलरों के खिलाफ अभियान चलाया, इस दौरान कई ड्रग डीलर पकड़े गए।