Jyoti Maurya : पीसीएस ज्योति मौर्या के पति छोड़ देने के मामले को लोग अभी पूरी तरह से भूले भी नहीं हैं कि झांसी में एक ऐसा ही मामला सामने आया है. बताया जाता है, की यहां एक युवक अपनी पत्नी की तलाश में घर-घर जा रहा है। पति के मुताबिक, यह एक प्रेम विवाह था और उसने अपनी पत्नी को पढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत की, लेकिन जब वह लेखपाल पद को हासिल करने के बाद अपने पति को कर अलबिदा पीड़ित ने अपनी पत्नी के लिए पुलिस और अन्य अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन उसे न्याय नहीं मिला। बुधवार को जब उसकी पत्नी का अकाउंटेंट पद के लिए नियुक्ति पत्र मिला तो वह उसे ढूंढने गया, लेकिन खाली हाथ आना पड़ा। जब इस बारे में लड़की से फोन पर बात की गई तो उसने कैमरे के सामने आने से इनकार कर दिया और झूट कहा कि उसकी शादी नहीं हुई है.
बता दे की झाँसी शहर के कोतवाली अंतर्गत पीड़ित नीरज बिश्वकर्मा बाबा का अटा में रहता है। नीरज के तीन भाई हैं, जिनमें वह सबसे छोटा हैं। नीरज बिश्वकर्मा ने करीब 5 साल पहले झाँसी के सत्यम कॉलोनी में रहने वाली रिचा सोनी के सम्पर्क में आए.दोनों के बीच पहले बात चीत शुरू हुई फिर दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे वही दोनों ने ओरछा मंदिर में जा कर शादी की और घर आ गए और एक खुशहाल जीवन जीने लगे. दोनों एक दूसरे से बे इम्तहा प्यार करते थे । उस वक्त पत्नी रिचाने उससे कहा कि वह आगे और पढ़ना चाहती है. जहा नीरज ने रिचा को पढ़ाने के लिए मजदूरी तक की.उसने कारपेंटर का काम करते हुए पत्नी को पढ़ाया। उसे लगा की मै तो नहीं पढ़ सका लेकिन पत्नी की पढाई में रुचि है वह पढ़ना चाहती तो क्यों न उसे पढ़ाया जाए.अब जब रिचा पढ़ लिख ली और उसका चयन अकाउंटेंट के पद पर सरकारी सेवा के लिए हो गया तो उसका रवैया पति के प्रति बदल गया। अकाउंटेंट पद पर चुने जाने के बाद उसने अपने पति को छोड़ दिया और तब से घर नहीं आई। Jyoti Maurya
दौड़ता चला गया लेकिन उसे वहा से भी अकेले आना पड़ा. वह नियुक्ति पत्र लेते ही छिपते छुपाते भाग गई पर एक बार भी उसका हाल ना पूछा। अपनी धर्म पत्नी को वापस लाने के लिए पति ने पुलिस चौकी से लेकर कोर्ट तक के हजारो बार चक्कर काटे, पर पत्थर दिल पत्नी नहीं मिली इतना होने के बाद भी जब मालूम होता है की उसकी पत्नी को नियुक्ति पत्र मिल रहा है तो वह उसकी एक झलक के लिए, Jyoti Maurya
काफी परेशान होने के बाद नीरज ने बताया,”मैं 18 जनवरी से परेशान हूं. मै अपनी पत्नी रिचा सोन,जो अब एक अच्छे लेखपाल पद में है. इसलिए मुझे छोड़कर पता नहीं कहा चली गई हैं जिस वजह से मैं दर-दर भटक को मजबूर होता जा रहा हो पर वह नहीं मिल पा रही है.आज उसे नियुक्ति पत्र मिलना था जब इसकी खबर मुझे मिली मिली तो मई दौड़ते भागते कलेक्ट्रेट आया हुआ था उसे ढूढ़ने के लिए आस पास हर जगह खोजा पर लेकिन वह नहीं मिली वह नियुक्ति पत्र निकल गई मैंने इसके लिए सब कुछ किया. पर परिणाम कुछ और ही हाथ आया। Jyoti Maurya
2022 में ओरछा मंदिर में की थी शादी
पीड़ित ने कहा, हम 5 से 6 वर्ष मिले थे,जब वह छोटे बच्चों को पढ़ा रही थीं.यह मुलाकात दोस्ती में बदल गई फिर हम बात करने लगे करीब छह महीने बाद यह दोस्ती कब प्यार में बदल गई हमें पता ही नहीं चला.” दोनों ने ओरछा मंदिर विवाह कर लिया था.हम खुशी-खुशी रहने लगे थे, इसके बाद हमारे बीच कहा सूनी हुई थी जिसके बाद मायके चली गई थी.फैमिली कोर्ट में उसने सेक्शन 9 दायर कर उसे अपने घर बुलाया था. रिचा का लेखपाल पद पर चुनाव हो गया था,जिसके चलते 18 जनवरी को उसने मुझे मेरे घर को छोड़ कर ला पता हो गई थी,इसके बाद उससे मिलना नहीं हुया एक दफा कोतवाली में मिली जब उसने इस बात को लेकर एसडीएम के पास जाओ ओर शपथ पत्र देकर आओ कि कोई शादी नही हुई है. मै कैसे मान लू कि हमारी शादी नही हुई थी। Jyoti Maurya
मजदूरी करके पत्नी को पढ़ाया था,पीड़ित ने
पीड़िता के पति ने कहा,रिचा को पढ़ाई कराने में हमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उसने वही किया जो वह चाहता थी । हम प्रतिदिन 400-500 रुपये कमाते थे और उससे हमने उसे पढ़ाया, कभी-कभी हमें कर्ज लेना पड़ता था। आज हम उन्हें दिन-रात याद करते हैं।’ रात को नींद भी नहीं आती. आज वह कहते हैं कि हमारी शादी नहीं हुई है. हमारे पास शादी की तस्वीरें और सर्टिफिकेट हैं, क्या वे नकली हैं? हमारी शादी फरवरी 2022 में ओरछा में हुई। हम बहुत चिंतित हैं और उसके लिए दर-दर भटक रहे हैं, जबकि पति अपनी पत्नी को वापस पाने के लिए अधिकारियों के सामने गुहार लगा रहा है। उधर, लड़की का कहना है कि उसने नीरज से शादी नहीं की और कहा कि यह उसे बदनाम करने की साजिश है. Jyoti Maurya