Kashmir Muslims: desk report – भारत में यहां के मुसलमानों (the muslims) के नाम के पीछे भी पंडित शब्द होता है। इन लोगों का अपना समुदाय (the community) था, जिसे सर्वोच्च वर्ग (the highest class) कहा जाता था। पदनाम पंडित की एक अलग और अनोखी कहानी (unique story) है।आइये जानते है इस कहानी के बारे।
Kashmir Muslims: हालांकि, उन लोगों को कश्मीरी पंडित (Kashmiri Pandit) कहा जाता है, जो कश्मीर के निवासी हैं। उनका धर्म हिंदू (Religion is Hindu) है और वह ब्राह्मण (Brahmin) हैं, लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कश्मीर में रहने वाले हिंदू पंडितों (Hindu Pandits) के साथ-साथ मुस्लिम पंडित भी हैं, जो अपने उपनाम के बजाय पंडित का इस्तेमाल करते हैं। जबकि उनका धर्म मुस्लिम है। आइए इस लेख में जानते हैं कि कश्मीर (Kashmir) के ये मुसलमान अपने नाम के पीछे पंडित शब्द क्यों रखते हैं?
कश्मीर में कई तरह के लोग अपने नाम के पीछे पंडित शब्द का प्रयोग करते हैं, लेकिन कश्मीर के मुस्लिम लोगों में अपने उपनाम के आगे पंडित लगाने की एक अलग और अनोखी कहानी है।
कश्मीर पर लिखी गई प्रसिद्ध पुस्तक ‘हिस्ट्री ऑफ कश्मीर कौम’ मोहम्मद देन फ़ौक़ द्वारा लिखी गई है, जिसमें उन्होंने पंडित शेख नामक निबंध में लिखा है कि इस्लाम के कश्मीर में आने से पहले सभी लोग हिंदू थे और वे सभी ब्राह्मण थे। हालांकि उनके साथ कुछ अन्य जाति के लोग भी हैं। साथ ही ब्राह्मणों में एक वर्ग ऐसा भी था जो प्राचीन काल से पढ़ा-लिखा था, इन लोगों को पंडित कहा जाता था।
इस किताब में यह भी लिखा है कि इस्लाम कबूल करने के बाद इन लोगों ने गर्व से अपने नाम के पीछे पंडित की उपाधि रख ली। इसलिए ये लोग मुसलमान होते हुए भी पंडित कहलाते हैं और ये मुस्लिम पंडित शेख भी कहलाते हैं। हालांकि इन्हीं लोगों के सम्मान में इन्हें ख्वाजा कहा जाता है।
इन मुस्लिम विद्वानों की आबादी गांवों में बसी हुई है, जिनकी आबादी करीब 50 हजार होगी. ये मुस्लिम समुदाय हैं जिन्होंने इस्लाम कबूल किया। इन्हें मुस्लिम पंडित कहा जाता है और ये लोग कश्मीर के मूल निवासी हैं, ये बाहरी नहीं हैं. किताब में लिखा है कि ये कश्मीरी दरअसल ये पंडित ही हैं. Kashmir
इसके अलावा कई लोग मुस्लिम उपाधि के रूप में बट या भट का भी प्रयोग करते हैं। इनकी भी एक कहानी है, ये वो लोग बताए जाते हैं जो हिंदू से मुसलमान बने। इसके तहत कई पंडित अपने नाम के पीछे बट भी लगाते हैं। कहा जाता है कि जिन मुसलमानों के नाम के पीछे पंडित लगा है, वे इस्लाम से पहले सबसे ऊंचे दर्जे के थे।
इतिहास की कई किताबों में लिखा है कि कश्मीर की मूल जाति जैन थी, पंडित नहीं। उसके बाद इस पर बौद्धों का और बाद में पंडितों का शासन रहा, फिर मुसलमान बने पंडितों ने अपने नाम पर पंडित लगा दिया, न तो हिंदू पंडितों ने और न ही मुसलमानों ने इस पर आपत्ति की। इस कारण कश्मीर मुसलमानों में पंडित के रूप में लिखा जाने वाला समुदाय बन गया। Kashmir