कटनी– रेलवे के इस ओवरब्रिज को “उड़ता जंक्शन” के नाम से पहचाना जाने लगा है , हालांकि आधिकारिक तौर पर इसे कटनी ग्रेड सेपेरेसन का नाम दिया गया है. भारतीय रेलवे मध्य प्रदेश के कटनी में देश का सबसे बड़ा ग्रेड सेपरेटर बना रहा है। 35 किमी लंबे ग्रेड सेपरेटर से कटनी- बीना सेक्शन के ट्रेन की गति बढ़ेगी और उनका समय भी बचेगा। इसे तकनीकी रूप से कटनी में उड़ता जंक्शन भी कहा जाता है। यह देश का सबसे लंबा रेलवे ओवर ब्रिज है। जब यह आरओबी तैयार हो जाएगा तो इसके ऊपर से ट्रेनें गुजरेंगी। इस ग्रेड सेपरेटर के बनने से कटनी को जाम से निजात मिलेगी।
पश्चिम मध्य रेलवे (डब्ल्यूसीआर) द्वारा आधारभूत संरचना परियोजना का असाधारण गति से विस्तार किया जा रहा है। कोविड-19 की चुनौतियों के बावजूद, डब्ल्यूसीआर ने अपने बुनियादी ढांचे के काम को मजबूत किया है। इसके बाद पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर मंडल के कटनी में ग्रेड सेपरेटर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. परियोजना को 2016 में मंजूरी दी गई थी।
डब्ल्यूसीआर के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी राहुल जयपुरिया के अनुसार, उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री और तकनीक के साथ भारी उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है। इसके तहत 2.6 लाख क्यूबिक मीटर कंक्रीट, 37000 मीट्रिक टन स्ट्रक्चरल स्टील का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह देश का सबसे बड़ा डिवाइडर होगा। इस परियोजना की कुल निर्माण लागत 1247.64 करोड़ रुपये है। 25 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। परियोजना को दिसंबर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
इस ग्रेड सेपरेटर के बनने से बीना-कटनी के रेल सेक्शन में ट्रेनों और मालगाड़ियों की रफ्तार बढ़ जाएगी। प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद कटनी से बिलासपुर और सिंगरौली के लिए अतिरिक्त रेल लाइन का सीधा कनेक्शन हो जाएगा। इससे छत्तीसगढ़ के कटनी, बीना, सिंगरौली और बिलासपुर को काफी फायदा होगा।
कटनी, न्यू कटनी, कटनी मुड़वारा जैसे व्यस्त इलाकों से रेलवे सेक्शन का बाईपास बनने से माल ढुलाई में वृद्धि होने ट्रेन के परिचालन और समय की बचत होगी । यह ओवर ब्रिज मालगाड़ियों को गति देने के लिए कटनी बीना रेलखंड पर बिछाई गई थर्ड लाइन पर बनाया जा रहा है. इस ओवर ब्रिज में अप और डाउन का रेलवे ट्रेक है जिससे गुड्स ट्रेनों की आवाजाही होगी.डब्ल्यूसीआर का राजस्व भी बढ़ेगा।
उड़ता जंक्शन का नाम कैसे पड़ा?
इस ब्रिज को उड़ता जंक्शन कहने के पीछे एक अनोखी वजह है। देश के सबसे बड़े ग्रेड सेपरेटर में एक अपलाइन झलवारा से और दूसरी कटंगी से आएगी. पुल के बिमरौल नदी के पास पड़रिया में स्थापित जंक्शन पर दो लाइनें मिलेंगी। बिलासपुर और सिंगरौली दोनों तरफ से मालगाड़ियां यहां रेलवे ओवर ब्रिज पर बने जंक्शन से एक ट्रैक पर आगे बढ़ेंगी। इसे उड़ता जंक्शन कहा जाता है क्योंकि पड़रिया में बनने बाले जंक्शन के कारण ही उड़ाता जंक्शन नाम दिया गया था।