18 Muslims became Hindus in Ratlam of MP? परिवार के मुखिया मोहम्मद शाह अब राम सिंह बन गए हैं. उन्होंने बताया कि दो-तीन पीढ़ी पहले उनके परिजन बोदी समाज के होकर पुंगी बजाने का काम करते थे, इसके बाद रोजगार की तलाश में जुड़ी-बूटियां बेचने और ताबीज बनाने को लेकर इधर-उधर घूमने लगे और मुस्लिम धर्म अपना लिया था.
मध्यप्रदेश MP में 15 दिन के भीतर मुसलमान से हिंदू बनने का दूसरा सबसे बड़ा मामला सामने आया है. इस बार रतलाम में 18 मुस्लिमों ने मुस्लिम धर्म त्याग कर हिंदू धर्म अपना लिया है. उन्होंने एक शपथपत्र दिया है जिसमें लिखा है कि वे बिना किसी दबाव के धर्म परिवर्तन कर रहे हैं। सभी ने पूजा के बाद जनेऊ धारण किया है. MP
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भीमनाथ मंदिर में महा शिवपुराण की पूर्णाहुति पर गुरुवार को स्वामी आनंदगिरी महाराज के सान्निध्य में सभी ने गोबर और गोमूत्र से नहाकर जनेऊ धारण किया। इसके पहले सभी ने शपथ-पत्र तैयार किया. इसमें उन्होंने बिना किसी दबाव के धर्म बदलने की बात लिखी। इससे पहले इस परिवार के मुखिया ने स्वामी आनंदगिरी के पास जाकर धर्म परिवर्तन करने की इच्छा जाहिर की थी।
महज 13 दिन पहले मंदसौर में शेख जफर शेख पिता गुलाम मोइनुद्दीन शेख ने हिंदू धर्म अपनाया था. अब वे चेतन सिंह राजपूत के नाम से जाने जाते हैं। उनकी पत्नी पहले ही हिंदू धर्म से हैं। शेख जफर ने भगवान पशुपतिनाथ मंदिर प्रांगण में धर्म परिवर्तन किया था उन्होंने बताया कि पिछले कुछ समय से गांव में रहने के बाद से ही हिंदू धर्म में रुचि बढ़ने लगी थी. MP
बता दे कि रतलाम के आंबा में लगभग दो दर्जन मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हिंदू धर्म अपनाया है. दीक्षा लेने वाले लोगों का कहना है कि वो कभी मुस्लिम थे ही नहीं. वे घुमक्कड़ प्रजाति के लोग हैं, जो घुम्म घूम कर मांग कर खाते थे. वहीं दीक्षा दिलाने में शामिल एक महाराज का कहना है कि ये सभी शिवपुराण सुनने के लिए आए थे. यहां आकर उनका सनातन धर्म से जुड़ाव हुआ और उन्होंने कहा कि वे उसी धर्म में वापसी करना चाहते हैं. जिसमें उनके पूर्वज थे. यहां सारे समाज के सामने इन्होंने सनातन धर्म को स्वीकार किया है. MP
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MP में सनातन धर्म अपनाने वाले लोगों का कहना है की हम कभी मस्जिद नहीं गए. कभी नमाज नहीं पढ़ी. ना ही मुस्लिम धर्म के अन्य संस्कारों को अपनाया. धर्म परिवर्तन करने वाली एक महिला का कहना है कि मेरा नाम पहले भी आशा था और अब भी यही है. हमारे बाप-दाद हिंदू थे, हम केवल मुसलमान नाम से मांग कर खाते थे. हम सदियों से देवी-देवता पूजते आए हैं. हमें नमाज, कलमा-वलमा कुछ नहीं आता है. धर्म परिवर्तन करने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं.
वहीं महाराज का कहना है कि आंबा में हमने शिवपुराण सुनने का संकल्प लिया था. जिसे सुनने के लिए यह लोग आए थे. इस दौरान उनकी भावना जागी औऱ हिन्दू धर्म में आस्था बढ़ने के बाद कहा कि हम बहुत सताए जा रहे हैं, हमारी पीढ़ियां परेशान है. हमारे पूर्वज जिस धर्म में रहे उस धर्म को अपनाना चाहते हैं. उन्होंने अपने आधार और वोटर आईडी कार्ड के साथ शपथपत्र दिया. इसके बाद सारे समाज के सामने उन्होंने सनातन धर्म को स्वीकार किया। उनका जनेऊ संस्कार के बाद नामकरण हुआ। इन लोगों ने घर वापसी की और सनातन धर्म को अपनाया. ये लगभग 10-12 के लोग हैं. MP