देश — कुछ लोगों का कहना है कि राजनीति करना भले लोगों का काम नही है लेकिन यदि देश के अंदर लोग राजनीति नहीं करेंगे तो शासकीय व्यवस्थाएं कैसे पूर्ण होगी लोगों का यह भी कहना है काफी हद तक सही है कि राजनीति में भोलापन और विश्वास कभी नहीं करना चाहिए । इस समय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के समान वर्तमान में ऐसा कोई राजनीतिक व्यक्ति नहीं है जो इनका मुकाबला कर सके। आप स्वयं से विचार कीजिए जब जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री थे उस समय यह कहा जाता था कि कांग्रेस की सरकार है जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनी तब भी कांग्रेस की सरकार कहलाती थी । लोग तो यहां तक बातें करने लगे हैं कि यह भाजपा की सरकार नहीं मोदी की सरकार है।
बता दे कि जब मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने तब जनता पार्टी की सरकार कहलाती थी। जब श्री विश्वनाथ प्रताप सिंह प्रधानमंत्री बने उस समय जनता दल की सरकार कहलाती थी और जब अटल बिहारी वाजपेई प्रधानमंत्री बने तो भाजपा की सरकार कहलाती थी और मोदी जी जब प्रधानमंत्री बने तो भाजपा पार्टी की सरकार होने के बाद भी मोदी सरकार ही कही जा रही है। इसका क्या कारण है ऐसा लगता है पार्टी पीछे हो गई और नरेंद्र मोदी पार्टी पर हावी होकर आगे आ गए इसलिए भाजपा की सरकार के बजाय मोदी सरकार कहीं जा रही है अब मोदी जी भी अपने वजूद को और मजबूत करने में लगे हैं जिससे आने वाले समय में भाजपा का कोई नेता उनकी मर्जी के बिना कुछ नहीं कर सके नहीं तो उसका भी वही हाल होगा जो भाजपा पार्टी के वरिष्ठ लोगों का हुआ। जैसे लालकृष्ण आडवाणी, जसवंत सिंह , यशवंत सिन्हा, राजीव प्रताप रूडी , रविशंकर प्रसाद, अरुण शौरी ,शाहनवाज हुसैन इत्यादि का हुआ राजनाथ सिंह को छोड़कर सब के सब नए लोग मंत्रिमंडल में लिए गए हैं और उन पर निगरानी रखने के लिए अब ये नए मंत्री अपनी मर्जी से अपना निजी सहायक नहीं रख सकते इन सब मंत्रियों के निज सहायक मोदी जी के द्वारा ही नियुक्त किए जायेगे जो मंत्रियों के कार्यकलापों पर पूरी निगरानी रखेंगे क्योंकि मंत्री के निज सचिव होने के कारण उन्हें मंत्रियों के कार्यक्रमों की पूरी जानकारी रहेगी जो मोदी जी तक पहुंचती रहेगी कि कौन मंत्री क्या कर रहे हैं क्योंकि मोदी जी नहीं चाहते अब वर्तमान सरकार में कोई ऐसा नहीं रहे जो उनके विरुद्ध किसी प्रकार का षड्यंत्र कर सके।