अमित शाह का यह बयान काफ़ी अहम है। अभी तक मोदी सभी की जीत के लिए ज़रूरी चेहरा माने जाते थे लेकिन शाह कह रहे हैं कि 2024 में मोदी के जीतने के लिए योगी का जीतना ज़रूरी है। मोदी युग में ऐसा कभी नहीं हुआ कि उनकी जीत के लिए किसी मुख्यमंत्री का जीतना ज़रूरी माना गया। बल्कि यह कहा जाता था और सही भी है कि किसी को जीतने के लिए मोदी का चेहरा ज़रूरी है। अमित शाह ने ऐसा यूपी के कारण कहा या योगी के कारण? उनका यह बयान योगी युग का एलान कर रहा है। योगी के लिए मोदी नहीं, मोदी के लिए योगी ज़रूरी हो गए हैं।
पिछले कुछ हफ़्तों से इसी तरह की ख़बरें सुनने पढ़ने को मिल रही थी कि मोदी और योगी में वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। मोदी योगी को क़ाबू में रखना चाहते हैं, उनकी सरकार के कार्यों की समीक्षा भी हुई थी। मुख्यमंत्री बदलने की चर्चाएं चली थीं लेकिन जल्दी ही साफ़ हो गया कि योगी का खूँटा इतना हल्का नहीं है। फिर यह भी चर्चाएँ चली कि मोदी योगी को चुनाव के बाद निपटा देंगे। सारी बोगस साबित हुईं।
अगर अमित शाह कह रहे हैं कि मोदी की जीत के लिए योगी ज़रूरी हैं तो उन्हें कुछ पुराने वीडियो देखने चाहिए। जब जब प्रधानमंत्री यूपी गए हैं और योगी उनके साथ हैं, योगी पीछे पीछे चलते हैं और प्रधानमंत्री मुड़कर क्या एक झलक भी उनकी तरफ़ नहीं देखते हैं।अयोध्या में राम मंदिर शिलान्यास के समय का ही वीडियो देख लीजिएगा। आपको शायद ही कोई वीडियो मिलेगा जिसे देखकर लगेगा कि इतने बड़े प्रदेश के मुखिया को प्रधानमंत्री भाव दे रहे हों। वीडियो आपको काफ़ी अपमानजनक लगेगा। योगी जी पीछे पीछे चले जा रहे हैं और मोदी जी देखते तक नहीं। अनेक वीडियो में ऐसा दिखेगा।
एक मुख्यमंत्री को साथ लेकर चलने, बराबर का भाव देने और उनकी तरफ़ देखकर मुस्कुराने से भी परहेज़ करने वाले मोदी की जीत के लिए योगी ज़रूरी हो गए है। ये बात इतनी भी हल्की नहीं है। बीजेपी के मुख्यमंत्री इसी डर में रहते हैं कि कब बदल दिए जाएँ यहाँ तो प्रधानमंत्री इस डर में हैं कि योगी रहें, जीतें वरना उनके बदलने का टाइम आ जाएगा।